बलिया जिला अस्पताल में व्याप्त भ्रष्टाचार के विरोध में जारी छात्र नेताओं के आंदोलन के मद्देनजर आज बलिया बंद है। छात्र कर्फ्यू का व्यापक असर शहर से लेकर गांव तक देखने को मिला। दुकानें पूरी तरीके से बंद रही। स्थिति को संभालने के लिए पुलिस तैनात रही। वहीं, छात्र भी घूमकर बंदी को सफल बनाते दिखे।
जिला अस्पताल में व्याप्त भ्रष्टाचार और पिछले दिनों जिला अस्पताल के सीएमएस की ओर से छात्र नेताओं पर एफआईआर दर्ज कराने के विरोध में छात्र आंदोलन की राह पर हैं। इसे लेकर शहर के टीडी कॉलेज चौराहे पर कुछ दिनों से आमरण अनशन भी किया जा रहा था। मांगें पूरी होते नहीं देख छात्रों की ओर से शुक्रवार को छात्र कर्फ्यू की घोषणा की गई थी।
इसे कई दलों और संगठनों की समर्थन भी दिया गया था। छात्र कर्फ्यू का शुक्रवार को व्यापक असर देखा गया। शहर से लेकर गांव तक की दुकानें बंद रहीं। सुरक्षा के मद्देनजर जहां पुलिस की व्यापक व्यवस्था की गई थी। वहीं, छात्रों ने भी बंदी को सफल बनाने के लिए भ्रमण किया।
बलिया बंद को लेकर छात्रों का समूह शहर सहित तहसील मुख्यालयों पर चक्रमण कर लोगों से समर्थन मांगते रहे। छात्रनेता नागेंद्र सिंह झुन्नू ने कहा कि प्रशासन की उदासीनता उसे महंगी पड़ सकती है। जिले के नौजवान कभी भी किसी परिस्थिति में लड़ने का हौसला रखते है और संघर्ष कर सकते हैं।
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अनशन पर छात्र नेता आदित्य प्रताप सिंह, छात्र नेता सूरज गुप्ता व छात्र नेता सिंटू यादव बैठे हैं। पूर्वांचल छात्र संघर्ष समिति के संयोजक नागेंद्र बहादुर सिंह झुन्नू ने कहा कि यदि हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन इससे भी बड़ा रूप लेगा। पूर्व अध्यक्ष आशुतोष पांडेय ने कहा कि अस्पताल में व्याप्त भ्रष्टाचार व डॉक्टरों द्वारा प्राइवेट प्रैक्टिस करने से जनता का आर्थिक शोषण हो रहा है। इसके खिलाफ हमारी यह लड़ाई जारी रहेगी।
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