नोएडा
सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट प्रॉजेक्ट के टि्वन टावर का 40 मंजिला नक्शा नोएडा अथॉरिटी से जारी होने में जो भ्रष्टाचार हुआ है उसकी जांच के लिए सीएम के आदेश एसआईटी बनी है। एसआईटी के सोमवार को नोएडा पहुंचने की सूचना है। मौजूदा अथॉरिटी अधिकारी अपनी छवि और कार्यशैली को लेकर पूरी तरह से सतर्क हैं। इसलिए एसआईटी को इस प्रकरण में हुए फर्जीवाड़े को दिखाने के लिए एक पीपीटी तैयार करवाई है।
इस पीपीटी से नोएडा अथॉरिटी कुछ मिनट के अंदर 2004 से 2012 तक इस प्रॉजेक्ट और इसको मंजूरी देने वाले अधिकारियों कर्मचारियों की जानकारी स्क्रीन पर दिखा देगी। इसमें प्रॉजेक्ट के नक्शे और उन पर हुए साइन भी स्कैन कर लगाए गए हैं। प्रजेंटेशन देखने के बाद एसआईटी के सदस्य अगर कोई दस्तावेज मांगेंगे तो उसको भी देने में अथॉरिटी को कोई देरी नहीं होगी।
मुकेश गोयल ने ही की पैरवी
सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट प्रॉजेक्ट मामले में नोएडा अथॉरिटी की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि 2012 में टि्वन टावर प्रॉजेक्ट को जब आखिरी संशोधन की मंजूरी दी गई। उस कमिटी में प्लानिंग मैनेजर मुकेश गोयल शामिल थे। 2014 में हाईकोर्ट ने दोनों टावर अवैध करार देकर गिराने के आदेश दिए। फिर प्रकरण सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा। खास बात यह है कि मुकेश गोयल को ही विभागीय आदेश जारी कर इस केस की पैरवी में लगाया गया। आखिर में जब केस फैसले की कगार पर आया तो अथॉरिटी के मौजूदा अधिकारियों की सुनवाई की जानकारी नहीं दी गई। न ही यह बताया गया कि अथॉरिटी का क्या स्टैंड है। प्लानिंग मैनेजर को इस सुनवाई की जिम्मेदारी देने वाले अधिकारी का भी नाम कार्रवाई के दायरे में आगे आ सकता है।
33.5 प्रतिशत एफएआर बढ़ाने का प्रस्ताव बोर्ड में लाया गया
एमरॉल्ड कोर्ट प्रॉजेक्ट जो ग्राउंड फ्लोर और 9 मंजिल से शुरू होकर टि्वन टावर में 40 मंजिल तक पहुंचा। नक्शा बदलने और टावर और उनकी ऊंचाई बढ़ाने की जांच में नोएडा अथॉरिटी की एक बोर्ड बैठक भी आएगी। यह बोर्ड बैठक नवंबर-2008 में हुई थी। इसमें यह जरूरत बताई गई कि शहर में लागू फ्लोर एरिया रेशियो अभी कम है। इसके ऊपर निर्माण करने और शहर का विकास ऊंचाई में बढ़ाने के लिए एफएआर बेचा जाना चाहिए। इस तरह से 33.5 प्रतिशत एफएआर बढ़ाने का प्रस्ताव बोर्ड में लाया गया था। यह प्रस्ताव पास होने के बाद शासन ने फरवरी 2009 में गजट जारी किया। बताया जा रहा है कि इस बोर्ड और अन्य बोर्ड बैठक में भी कुछ इसी तरह के प्रस्ताव तत्कालीन अधिकारियों ने रखवाए जिनको नोएडा की जरूरत बताया गया।
शनिवार को भी खुले रहे नोएडा अथॉरिटी के तीन विभाग
इसे एसआईटी जांच की तैयारी कहें या अधिकारियों की सख्ती। अथॉरिटी के सेक्टर-6 स्थित दफ्तर में शनिवार को भी तीन विभाग खुले। यह तीनों विभाग टि्वन टावर से सीधे जुड़े हुए हैं। माना जा रहा है कि अथॉरिटी में और भी दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। अथॉरिटी दफ्तर में प्लानिंग, कार्मिक और ग्रुप हाउसिंग विभाग में छुट्टी वाले दिन भी फाइलें पलटी गई। कई दस्तावेज जुटाए गए।
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