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Editorial: टीमएसी और ममता के लिये बंगाल उपचुनाव में जीत का रोड़ा बनी हिंसा

05-9-2021

बंगाल उपचुनाव में कहीं ममता के पराजय का कारण ना बन जाये चुनाव के बाद की हिंसा। ममता बैनर्जी के राजनीतिक कैरियर का अंजाम उपचुनाव होगा। क्योंकि वह सीएम रहती हैं तो जरूरी है कि वो या तो विधानपरिषद की सदस्य हों या फिर विधायक हों। परंतु अभी वर्तमान में जो स्थिति है उससे ममता के उपचुनाव में बंगाल के विधानसभा चुनाव में हुए राजनीतिक हिंसा कांटे की कतार बनकर ममता को चुभने को तैय्यार है। सीबीआई ने राजनीतिक हिंसा में अभी अपनी कार्यवाही करते हुए १० से ज्यादा लोगों पर एफआईआर दर्ज की है। तथा भाजपा के कार्यकर्ताओं की हत्या के पीछे की वजहों को भी खंगालना शुरू कर दिया है।
बीते दिनों ही सीबीआई ने भाजपा के कार्यकर्ता की मौत का कारण जानने मृतक कार्यकर्ता के परिवार से मुलाकात की थी, जहॉ पर कई खुलासे हुए थे। जिसमें कहीं न कहीं टीएमसी की गुंडागर्दी का खुलासा देखने को मिला और इस पर ममता की चुप्पी भी देखने को मिली।
कोलकाता में ममता बैनर्जी के रूप में मां दुर्गा की मूर्ति तैय्यार की गई जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल है।
दरअसल पूरा मामला नवरात्रि पर तैय्यार किये गये मां दुर्गा की प्रतिमा को लेकर है जिसेे ममता की भक्ति करने वाले ने मां दुर्गा की प्रतिमा के चेहरे में ममता का चेहरा थोपा। इस पूरे मामले में जब ममता बैनर्जी की ओर से कोई वक्तव्य नहीं आया तो इस पर भाजपा ने ममता बैनर्जी पर कटाक्ष किया। भाजपा ने कहा कि ममता बैनर्जी मां दुर्गा से अपनी तुलना कर क्या साबित करना चाहती है। ममता बैनर्जी की चुप्पी पर अंहकार का कारण बन गई है। इसी प्रकार से भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्याओं पर भी ममता बैनर्जी मौन रही है।
आगामी बंगाल के उपचुनाव में ममता बैनर्जी को कांटो भरी सेंज से गुजरना होगा क्योंकि अब बंगाल में होने वाली चुनाव की सीधे तौर पर वि.स. चुनाव में ममता की हार और चुनाव के बाद हुई राजनीतिक हिंसा पर सारा दांव टिका है। यानि अब ममता बैनर्जी के सीबीआई द्वारा की जा रही जांच और हिंसा पर तैय्यार रिपोर्ट ही ममता के राजनीतिक कैरियर का भविष्य तय करेगी क्योंकि जनता को भी मालुम है हिंसा और राजनीति का अर्थ। लोकतंत्र में नागरिकों की जिम्मेदारी है कि सच को सामने लाये और सच का साथ दें।