इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि सरफेसी एक्ट के तहत संपत्ति पर भौतिक कब्जा दिलाने की बैंकों की अर्जियों का रजिस्टर तैयार करें और कोई वैधानिक अड़चन न हो तो धारा 14 की अर्जियों का 30 दिन में निस्तारण किया जाए। कोर्ट ने जिलाधिकारियों को हर 15 दिन पर रजिस्टर का निरीक्षण कर प्रतिहस्ताक्षरित करने का भी निर्देश दिया है और कहा है कि इसकी तिमाही रिपोर्ट महानिबंधक को भेजी जाय, ताकि ऋण वसूली अधिकरण मामलों की समिति के समक्ष रखी जा सके।
कोर्ट ने कहा कि बैंकों को बंधक संपत्ति पर भौतिक कब्जा लेने की अर्जी तय करने में देरी से अधिनियम का उद्देश्य विफल हो रहा है। सभी अर्जियां तय समय में निस्तारित की जाय। यह आदेश न्यायमूर्ति नाहिद आरा मुनीस तथा न्यायमूर्ति एस डी सिंह की खंडपीठ ने इंडियन बैंक पूर्व में इलाहाबाद बैंक की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता हबीब अहमद व सरकारी अधिवक्ता बीपी सिंह कछवाहा ने बहस की।
बैंक का कहना था कि सरफेसी एक्ट के अनुसार धारा 14 की अर्जी 30 दिन में तय होनी चाहिए। यदि तय नहीं हो पाती तो लिखित कारण देकर 60 दिन में अवश्य तय कर दी जाय। किन्तु अर्जियों का समय से निस्तारण नहीं किया जा रहा है। हाईकोर्ट ने भी कहा कि कानून का पालन न करने के कारण हाईकोर्ट में भारी संख्या में शीघ्र निस्तारण की मांग में याचिकाएं दाखिल हो रही है। इसलिए जरूरी है कि जिलाधिकारी मानीटरिंग करें और अर्जियों के शीघ्र निस्तारण का निर्देश जारी करे। कोर्ट ने आदेश की प्रति मुख्य सचिव व सभी जिलाधिकारियों, ऋण वसूली अधिकरणों व कमेटी को भेजने का निर्देश दिया है।
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