हाइलाइट्स3 साल बाद खुद की मौत का स्वांग रचादोस्त की डेडबॉडी के पास छोड़ दिया था अपना आधार कार्ड व अन्य कागजतादोस्त की हत्या की जांच के दौरान हुआ गिरफ्तारसख्ती से पूछताछ में खुला पत्नी और बच्चों की हत्या का राजनोएडा
यूपी के ग्रेटर नोएडा में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यूपी पुलिस की महिला पुलिसकर्मी के प्यार में दीवाने एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी और दो छोटे-छोटे बच्चों को मौत के घाट उतार दिया। हत्या करने के बाद आरोपी ने शवों को घर के अंदर बेसमेंट में दफना दिया।
किसी को पता न चले, इसलिए अपने गांव अलीगढ़ से जान पहचान के मजदूरी बुलाकर ऊपर से सीमेंट की दीवार बनवा दी। 6 महीने बाद मकान को किराए पर देकर कासगंज माता-पिता के साथ रहने लगा। मामला चिपयाना बुजुर्ग स्थित पंच विहार कॉलोनी का है
2018 में की हत्या
पुलिस ने बताया कि आरोपी राकेश की शादी 2012 में एटा की रहने वाली रत्नेश से हुई थी। राकेश ने परिवार के दवाब में आकर शादी की थी। आरोप है कि राकेश का प्रेम प्रसंग गांव की रहने वाली युवती से चल रहा था। युवती की पुलिस में भर्ती 2015 में हुई थी। वह राकेश पर शादी का दवाब बनाने लगी तो उसने 14 फरवरी 2018 को पत्नी और दो बच्चों को मार डाला।
गुमशुदगी की खुद दर्ज कराई रिपोर्ट
बेटी अवनि की उम्र दो और बेटा अर्पित की उम्र तीन साल थी। आरोप है कि वारदात में उसके पिता बनवारीलाल, मां इंद्रवती, भाई राजीव और प्रवेश शामिल थे। आरोपी चिपियाना बुजुर्ग गांव के पंचविहार कॉलोनी में रहता था।
परिवार के लोगों ने मिलकर पत्नी में दोनों बच्चों के शवों को ठिकाने लगाने के लिए प्लान बनाकर मकान में दफना दिया। उसके बाद गुमशुदगी पुलिस में दर्ज करा दी। 6 महीने बाद मामला शांत होने पर राकेश ने मकान को किराए पर दे दिया और अपने परिवार के साथ घर को छोड़कर चला गया।
3 साल बाद खुला हत्या का राज
आरोपी राकेश ने 25 अप्रैल 2021 को अपने दोस्त का मर्डर कर दिया था। उसके शव के पास अपना आधार कार्ड और एलआईसी का पेपर रख दिया। ताकि पुलिस को यह पता चले कि खुद उसकी हत्या हुई है। वारदात को अंजाम देकर आरोपी पहचान छिपाकर कहीं रहने लगा था। जांच के बाद जब इसकी गिरफ्तारी हुई तो उसने पत्नी और दो बच्चों की हत्या का भी राज उगल दिया।
कंकालों को निकालने के लिए पुलिस प्रशासन की टीम पहुंची मौके पर
आरोपी राकेश को लेकर कासगंज पुलिस ग्रेटर नोएडा वेस्ट पहुंच गई है। एसडीएम व प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं। वारदात स्थल की खुदाई का काम शुरू कर दिया गया है। ताकि कंकाल को निकाला जा सके। वहीं महिला पुलिसकर्मी से भी पूछताछ हो रही है। आरोपी राकेश का पिता बनवारीलाल भी इस वारदात में शामिल है। वह पुलिस से रिटायर्ड है।
2014 में भी घटी थी इस तरह की घटना
2 मई, 2014 की रात आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रमोहन की जेपी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के पास कार जली हालत में मिली थी। इसकी ड्राइविंग सीट से एक अधजली लाश मिली। शव की शिनाख्त चंद्रमोहन के रूप में की गई। उसकी पत्नी ने कुछ लोगों पर हत्या के आरोप लगाए। जांच में पुलिस को पता चला कि चंद्रमोहन का एक युवती से प्रेम प्रसंग चल रहा था। उसकी कथित मौत के एक माह बाद युवती भी गायब हो गई थी।
पड़ताल में सामने आया कि था कि युवती का मोबाइल नंबर चंद्रमोहन के नाम पर पंजीकृत है। इससे पुलिस को शक हुआ। पुलिस ने लड़की और चंद्रमोहन के परिजनों के मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगाए थे। जांच का दायरा बढ़ाया तो सामने आया कि युवती चंद्रमोहन संग बेंगलुरु में है। इस बीच पता चला कि सेक्टर एल्फा-2 में घूमने वाला एक विक्षिप्त व्यक्ति को कार में जलाकर मारा गया था। उसके पास अपने आधार कार्ड में डॉक्यूमेंट रख दिए थे।
एडीसीपी नोएडा
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