डासना देवी मंदिर के पुजारी स्वामी यति नरसिंहानंद सरस्वती इस समय चौतरफा आलोचना के घेरे में हैं। उनके महिला विरोधी बयान का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद लोग उनसे खासे नाराज हैं। इसमें उनके वे समर्थक भी शामिल हैं, जिन्होंने उनकी हिंदूवादी छवि सामने आने के बाद उनका जबरदस्त समर्थन किया था। अब यही लोग स्वामी यति की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। उनके बयान के कारण उपजे आक्रोश के कारण राष्ट्रीय महिला आयोग ने रविवार को स्वामी यति के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी का आदेश दिया।
आशंका जताई जा रही है कि उत्तर प्रदेश पुलिस आज उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई कर सकती है और उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। फिलहाल, अब तक वे पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। स्वामी यति के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभियान चलाने वालों में भाजपा के ही नेता शामिल हैं। इनमें तेजिंदर पाल सिंह बग्गा का नाम सबसे आगे है। स्वामी यति का बयान सामने आने के बाद उन्होंने ही इसकी शिकायत राष्ट्रीय महिला आयोग से की और यति पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने स्वामी यति के बयान को घोर महिला विरोधी बताते हुए उनकी गिरफ्तारी की मांग भी की। उनके इस अभियान का ही असर हुआ कि रविवार शाम तक राष्ट्रीय महिला आयोग ने स्वामी के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का आदेश दे दिया।
भाजपा के कट्टर हिंदूवादी छवि के नेता कपिल मिश्रा ने भी स्वामी यति का कई विवादित मौकों पर समर्थन किया था। इन नेताओं ने स्वामी यति को हिंदूवादी चेहरे के एक नए नेता के रूप में देखा था। लेकिन अब कपिल मिश्रा को भी अपनी भूल का एहसास हो गया है। स्वामी यति का विवादित बयान सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद उन्होंने स्वामी का कड़ा विरोध किया। उन्होंने यति के बयान को ‘विक्षिप्त मानसिकता’ के व्यक्ति की हरकत बताते हुए इसकी तुलना ‘जिहादी’ सोच से कर दी। उन्होंने कहा कि सभ्य समाज में इस तरह का कोई महिला विरोधी बयान स्वीकार नहीं किया जा सकता।
भाजपा की महिला नेताओं सहित कई दलों की महिला नेताओं ने स्वामी का कड़ा विरोध किया है। इन महिला नेताओं का कहना है कि जिस समय प्रधानमंत्री मोदी महिलाओं के सशक्तीकरण, उन्हें आगे पढ़ाने-बढ़ाने की बात कर रहे हैं, कुछ लोग इस तरह का बयान देकर यही साबित कर रहे हैं कि उन्हें आज भी महिलाओं का आगे बढ़ना स्वीकार नहीं है। महिला नेताओं ने भी स्वामी पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।
यहां से आए सुर्खियों में
पुजारी स्वामी यति अचानक तब सुर्खियों में आए थे, जब डासना मंदिर में एक अल्पसंख्यक समाज के बच्चे के पानी पीने पर उसकी पिटाई कर दी गई थी। स्वामी यति ने इस पिटाई का यह कहकर समर्थन किया था कि मुस्लिम समुदाय के बच्चे जानबूझकर मंदिर के अंदर आने का बहाना ढूंढते हैं। वे मंदिर में आकर महिलाओं से अभद्रता करते हैं और चोरी करने की कोशिश करते हैं। उनके इस बयान के बाद स्थानीय माहौल तनावपूर्ण हो गया था।
इसके बाद दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एक धर्म विशेष पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर स्वामी दोबारा सुर्खियों में आए थे। उनके इस बयान पर भी कठोर प्रतिक्रिया हुई थी। उन्हें गिरफ्तार करने की मांग भी की गई थी, हालांकि अब तक स्वामी यति अपने विवादित बयानों के बाद भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।
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