जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी रणमत सिंह, सहायक अभियंता अखिलेश्वर मल्ल, अवर अभियंता हिमांशु यादव, मनीष कुमार व सुशील कुमार समेत पांच अधिकारियों को मंगलवार रात निलंबित कर दिया गया। सभी ने रिश्वत नहीं मिलने के कारण गलत आरोप लगाकर एक फर्म का भुगतान रोक दिया था। फर्म के ठेकेदार की शिकायत पर जांच के बाद आरोपों की तस्दीक होने पर पंचायती राज के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने यह कार्रवाई की है। बुधवार की शाम निलंबत आदेश प्राप्त होने के बाद समूचे जिला पंचायत कार्यालय में हड़कंप मच गया।
प्रयागराज शहर निवासी कुलदीप की पत्नी सुषमा सिंह ने मे. चित्रा कांस्ट्रक्सन फर्म बना रखी है। पिछले सत्र में फर्म ने जिला पंचायत कौशाम्बी से टेंडर लेकर तकरीबन एक करोड़ से ज्यादा लागत वाली आधा दर्जन परियोजनाओं का निर्माण कार्य कराया था। फर्म संचालिका सुषमा सिंह का आरोप है कि जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी रणमत सिंह, सहायक अभियंता अखिलेश्वर मल्ल, अवर अभियंता हिमांशु यादव, मनीष कुमार व सुशील कुमार ने रिश्वत नहीं मिलने के कारण गलत आरोप लगाकर उसका 70 फीसदी भुगतान रोक दिया था।
फर्म संचालिका ने इस बाबत 18 अगस्त को शासन से शिकायत कर दी। इस संबंध में साक्ष्य स्वरूप फर्म संचालिका ने सीडी/रिकॉर्डिंग भी उपलब्ध कराई। शिकायतों की जांच में अपर मुख्य अधिकारी, सहायक अभियंता तथा अवर अभियंताओं समेत पांचों अफसरों पर आरोपों की तस्दीक हुई। इस पर प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह ने सभी पांचों अफसरों को निलंबित कर दिया।
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