उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने एपीएस भर्ती-2013 की परीक्षा निरस्त कर दी है। एपीएस-2010 की तरह इस भर्ती में भी अभ्यर्थियों को नियमावली का उल्लंघन करते हुए शॉर्ट हैंड में आठ फीसदी तक की गलती पर छूट दी गई थी। आरोप लग रहे थे कि इसकी आड़ में कुछ अभ्यर्थियों को अनुचित लाभ पहुंचाया जा रहा है। ऐसे में आयोग ने इस भर्ती के तहत अब तक हुई दो चरणों की परीक्षा निरस्त कर दी।
भर्ती परीक्षा तीन चरणों में होनी है, जो अब दोबारा आयोजित की जाएगी। एपीएस-2013 के लिए जितने अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे, सभी को दोबारा शामिल होने का मौका दिया जाएगा, भले ही वे ओवरएज हो चुके हों। परीक्षा का कार्यक्रम जल्द ही जारी किया जाएगा। भर्ती प्रक्रिया अगले छह माह में पूरी कर ली जाएगी। पहले चरण में सामान्य अध्ययन एवं हिंदी की लिखित परीक्षा, दूसरे चरण में शॉर्ट हैंड एवं टाइप टेस्ट और तीसरे चरण में कंप्यूटर ज्ञान की परीक्षा होगी। इसके बाद अंतिम चयन परिणाम जारी किया जाएगा।
शॉर्ट हैंड में गलती पर छूट का कोई प्रावधान नहीं
एपीएस भर्ती की नियमावली में वर्ष 2001 से पहले शॉर्ट हैंड में पांच फीसदी तक छूट देने का प्रावधान था। 2001 में शासन ने नई नियमावली बनाई, जिसमें गलती पर छूट का प्रावधान समाप्त कर दिया गया। इसके बावजूद आयोग ने मनमाने तरीके से नियमों को तोड़मरोड़ कर शॉर्ट हैंड की परीक्षा में अभ्यर्थियों को आठ फीसदी तक की गलती पर छूट प्रदान की।
एपीएस के 176 पदों पर होनी है भर्ती
एपीएस-2013 के तहत कुल 176 पदों पर भर्ती होनी है। इसके लिए विज्ञापन वर्ष 2013 में जारी किया गया था। भर्ती के लिए तकरीबन चार हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे। जीएस एवं हिंदी की लिखित परीक्षा वर्ष 2015 और हिंदी शॉर्ट हैंड एवं टाइप टेस्ट की परीक्षा 2016 में हुई थी। तीसरे चरण की कंप्यूटर ज्ञान परीक्षा के लिए 1044 अभ्यर्थियों को क्वालीफाई कराया गया था।
सीबीआई की कार्रवाई के बाद निरस्त हुई चयन प्रक्रिया
एपीएस-2013 की तरह एपीएस-2010 में भी अभ्यर्थियों को शॉर्ट हैंड एवं टाइप टेस्ट में आठ फीसदी तक की गलती पर छूट दी गई थी। एपीएस-2010 के मामले में सीबीआई पूर्व परीक्षा नियंत्रक प्रभुनाथ, आयोग के कुछ अज्ञात कर्मचारियों/अफसरों और बाहरी अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर चुकी है। सीबीआई की इस कार्रवाई के बाद आयोग को अब एपीएस-2013 की चयन प्रक्रिया निरस्त करनी पड़ी है।
कोर्ट ने भी भर्ती पर लगा रखा था स्टे
अभ्यर्थी अजीत कुमार सिंह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करके आरोप लगाया था कि एपीएस-2013 की भर्ती में शॉर्टहैंड में फेल अभ्यर्थियों को आठ फीसदी की छूट देकर तीसरे चरण की कंप्यूटर ज्ञान परीक्षा के लिए क्वालीफाई कराया गया। कोर्ट ने अंतिम परिणाम घोषित करने पर स्टे दे दिया था, जिसके बाद आयोग ने कंप्यूटर ज्ञान परीक्षा पर रोक लगा दी थी। शासन ने भी आयोग को पत्र भेजकर सेवा नियमावली के तहत भर्ती कराने के निर्देश दिए थे।
‘नियमावली में शॉट हैंड में गलती पर छूट दिए जाने का कोई प्रावधान नहीं है। वर्ष 2013 में गलत विज्ञापन जारी कर दिया गया, क्योंकि उसमें गलती पर छूट का प्रावधान किया गया था। शासन ने सेवा नियमावली के अनुसार भर्ती कराने के निर्देश दिए थे। ऐसे में 2013 का विज्ञापन निरस्त किया गया है। परीक्षा दोबारा कराई जाएगी और छह माह में अंतिम चयन परिणाम घोषित किया जाएगा।’ – जगदीश, सचिव, यूपीपीएससी
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