उत्तर प्रदेश का राजनैतिक इतिहास अपने आप में किसी देश के इतिहास से कम नहीं माना जा सकता है। इसलिए आज हम आपको एक ऐसी शख्सियत के बारे में बताने जा रहे हैं जो न केवल उत्तर प्रदेश जैसी बड़ी परिधि वाले राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री ही थे बल्कि उन्होंने अपनी राजनैतिक यात्रा भारत के बतौर गृहमंत्री के पद पर रहते हुए पूरी की थी। इसलिए आज यह आर्टिकल आप सभी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होने वाला है। इसके अलावा यह आर्टिकल उन अभ्यर्थियों के लिए भी काफी मददगार साबित हो सकता है जिन्हें हाल ही में यूपी की किसी परीक्षा या उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की पीईटी जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा में शामिल होना है। लेकिन उससे पहले हम आपको एक और जरूरी बात बताने जा रहे हैं। आपको बता दें कि इन दिनों सफलता डॉट कॉम द्वारा प्रतियोगी परीक्षार्थियों को किसी भी एग्जाम की पक्की तैयारी फ्री में घर बैठे कराई जा रही है ऐसे में अभ्यर्थी अभी सफलता द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे फ्री कोर्स को ज्वॉइन कर फ्री मॉक टेस्ट और पीडीएफ नोट्स का लाभ उठाया सकते हैं और अपनी परीक्षा का कंप्लीट रिवीजन और पक्की तैयारी कर सकते हैं।
कौन थे गोविंद बल्लभ पंत
गोविंद बल्लभ पंत का जन्म 10 सितंबर 1887 को अल्मोड़ा जिले के खाटू नामक गाँव में हुआ था जोकि वर्तमान में उत्तरखंड राज्य के अंतर्गत आता है। पंत जी ने अपनी प्रारम्भिक पढ़ाई गाँव से ही पूरी की थी। वह बाल्यकाल से ही बेहद ही धीर और गंभीर मिजाज के लेकिन साधारण जीवन जीने वाले इंसान थे।
उन्होंने देश को आजादी दिलाने में भी अहम भूमिका अदा की थी। समय ढलने के साथ देश आजाद हुआ तो गोविंद बल्लभ पंत जी को उत्तर प्रदेश का पहले मुख्यमंत्री के रूप में सेवा देने का अवसर मिला जिसे उन्होंने बेहद ही ईमानदारी के साथ पूरा भी किया। इनका मुख्यमंत्री कार्यकाल 15 अगस्त, 1947 से 27 मई, 1954 तक रहा। बाद में ये भारत के गृहमंत्री भी (1955 -1961) बने।
बतौर मुख्यमंत्री और गृहमंत्री आपने जिस ईमानदारी से देश व प्रदेश की सेवा की उसके लिए पंत जी को प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा भारत के गृहमंत्री के रूप में उत्कृष्ट कार्य करने के उपलक्ष्य में राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद द्वारा भारत रत्न प्रदान किया गया था।
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