सहकारी चीनी मिल संघ एवं चीनी निगम के अप्रेन्टिस कार्यक्रम से विभिन्न कार्यक्षेत्रों यथा लेख, विधि, कम्प्यूटर, शर्करा, तकनीकी, शकर्रा अभियन्त्रण एवं मानव संसाधन में प्राप्त हुए व्यवहारिक प्रशिक्षण से कुशल, अनुभवी एवं कार्यदक्ष नवयुवक शक्ति तैयार
भारत सरकार द्वारा नेशनल अप्रेन्टिस प्रमोशन स्कीम ;छ।च्ैद्ध तथा प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत सहकारी एवं निगम क्षेत्र की चीनी मिलों द्वारा विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षुओं को रू.7500 प्रतिमाह का भुगतान भी प्राप्तअपर मुख्य सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास, श्री संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि भारत सरकार द्वारा प्रशिक्षण अधिनियम में कार्यालयों एवं औद्योगिक इकाईयों की मांग के अनुरूप कुशल मानव संसाधन तैयार करने हेतु प्राविधान किये गये है। इस हेतु चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग अपने अधीनस्थ संगठनों व कार्यालयों के विभिन्न क्षेत्रों यथा मानव संसाधन, लेख, विधि, कम्प्यूटर, शर्करा, तकनीकी एवं अभियन्त्रण, आसवनी तकनीक, व्वायलर संचालन एवं अन्य विभिन्न ट्रेडों यथा फिटर, प्लम्बर, इलेक्ट्रीशियन, टर्नर, वायरमैन आदि में अध्ययनरत इच्छुक विद्यार्थियों को प्रशिक्षु के रूप में प्रयोगात्मक एवं व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान करने के निर्देश दिये गये हैं। जिससे विद्यार्थी व्यवहारिक रूप से कुशल, अनुभवी एवं कार्य दक्ष मानव शक्ति के रूप में भविष्य में रोजगार प्राप्त करने हेतु समर्थ हो सकेगें।
श्री भूसरेड्डी ने इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में 24 सहकारी चीनी मिलों एवं निगम क्षेत्र की मिलों में अप्रेन्टिसशिप कार्यक्रम सफलतापूर्वक चलाया जा रहा है तथा भारत सरकार द्वारा नेशनल अप्रेन्टिसशिप प्रमोशन स्कीम ;छ।च्ैद्ध तथा प्रदेश सरकार द्वारा मा. मुख्यमंत्री प्रशिक्षु प्रोत्साहन योजना कार्यक्रम के अन्तर्गत 24 सहकारी चीनी मिलों द्वारा विभिन्न ट्रेडों यथा-फिटर, इलेक्ट्रीशियन, पेन्टर (जनरल), मशीनिष्ट, टर्नर, वायरमैन, ड्राफ्टसमैन, इलेक्ट्रानिक मैकेनिक, इन्स्ट्रूमेन्ट मैकेनिक, वेल्डर, कारपेन्टर एवं प्लम्बर आदि में 205 प्रशिक्षुओं को एवं राज्य चीनी निगम की मिलों द्वारा 07 प्रशिक्षुओं को व्यवहारिक एवं प्रयोगात्मक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रकार कुल 212 प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण से कुशल एवं कार्यदक्ष बनने के साथ प्रतिभावान विद्यार्थी भविश्य में रोजगार प्राप्त करने में सफलता प्राप्त कर सकेंगे।
उन्होने यह भी बताया कि अप्रेन्टिसशिप के दौरान प्रशिक्षुओं को रु.7500/- प्रतिमाह का इस्टीपेन्ड ;ैजपचमदकद्ध भी भुगतान किया जाता है, जिसमें भारत सरकार से रु.1500/- एवं प्रदेश सरकार से रु.1000/- प्रति प्रशिक्षु प्रतिमाह सहायता राशि प्राप्त होती है। प्रशिक्षु कार्यक्रम हेतु इच्छुक अभ्यर्थी गन्ना विकास विभाग, उ.प्र. की वेबसाईट ूूूण्नचबंदमण्हवअण्पद में ऑनलाइन आवेदन लिंक पर आवेदन कर सकते हैं। अप्रेंटिसशिप प्राप्त करने के बाद प्रशिक्षु अभ्यर्थियों को प्रमाण-पत्र भी उपलब्ध कराया जाता है।
सम्पर्क सूत्र: संध्या कुरील
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