प्रयागराज में जार्जटाउन स्थित एक नर्सिंग होम में प्रतापगढ़ के जिंदा युवक को मृत घोषित कर दिया गया। इसकी पोल तब खुली जब अंतिम संस्कार के दौरान युवक की सांस चलने लगीं। इसके बाद युवक का उपचार कराया गया, किन्तु करीब छह घंटे के बाद उसकी मौत हो गई। इलाज कर रहे चिकित्सकों के मुताबिक अगर इलाज में नर्सिंग होम ने लापरवाही न की होती तो युवक की जान बच सकती थी।
युवक कशिश मौर्य प्रतापगढ़ जिले के मानधाता विकास खंड के डिहवा गांव का रहने वाला था। इस घटना के बाद से लोगों में नर्सिंग होम की लापरवाही को लेकर गुस्सा है। लोगों ने प्रशासन से मामले का संज्ञान लेकर पावर्ती नर्सिंग होम के विरुद्ध कार्रवाई की मांग किया है। अगली स्लाइड में पढ़ें क्या है पूरा मामला…
यह है पूरा मामला
मानधाता क्षेत्र के डिहवा गांव निवासी कमलेश मौर्य के बेटे कशिश के पेट में अक्सर दर्द रहता था। कशिश मौर्य की उम्र करीब 15 वर्ष थी। परिवार के लोगों ने इलाज के लिए उसे एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया था। सोमवार 16 अगस्त 2021 की रात नर्सिंग होम में कशिश को मृत घोषित कर दिया गया। इसके बाद कशिश के शव को लेकर परिजन घर लौट आए। मंगलवार 17 अगस्त 2021 की सुबह शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया। इस दौरान लोगों ने देखा तो कशिश की सांसे चल रही थीं।
उसे आनन-फानन में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मानधाता लाया गया। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सक डॉ. सुरेश कुमार ने देखा तो कशिश की सांस चल रही थीं। स्वास्थ्य केन्द्र में आक्सीजन न होने के कारण डॉ. सुरेश उसका इलाज नहीं कर सके। यहां से परिजन कशिश को लेकर मानधाता बाजार के एक नर्सिंग होम में पहुंचे। वहां आक्सीजन लगाया गया तो थोड़ी देरे में कशिश ने आंखे खोल दी।
अंतत: नहीं बच सकी जान
कशिश के आंखे खोलने के बाद लोग खुश हो गए। उसका इलाज शुरू हुआ किन्तु अपरान्ह करीब 3 बजे के आसपास कशिश की मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि अगर बेटे के इलाज में नर्सिंग होम में लापरवाही न बरती गई होती तो कशिश आज जिंदा होता।
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