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तालिबान की 20 साल बाद वापसी, नोएडा में बसे अफगानों को सता रही है अपनों की चिंता

अफगानिस्‍तान में फंसे भारत और अन्य देशों के लोगों के लिए बाहर निकलना मुश्किल हो गया हैइन सब घटनाक्रम के बीच अफगानिस्तान में रह रहे भारतीय लोगों में दहशत का माहौल हैइनकी इच्‍छा है कि अफगानिस्‍तान में रह रहे इनके परिजन किसी तरह वहां से बाहर निकल आएं नोएडा
अफगानिस्तान पर अब तालिबान का कब्जा हो चुका है। राष्ट्रपति अशरफ गनी और कई अन्य मंत्री देश छोड़कर भाग चुके हैं, लेकिन यहां फंसे भारत और अन्य देशों के लोगों के लिए बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। काबुल एयरपोर्ट पर सोमवार को भगदड़ जैसे हालात दिखे। इन सब घटनाक्रम के बीच अफगानिस्तान में रह रहे भारतीय लोगों में दहशत का माहौल है। हालांकि कई इलाके ऐसे भी हैं, जहां तालिबानी आम लोगों को निशाना नहीं बना रहे हैं।

यश भारती 2016 व पद्मश्री 2021 से सम्मानित संगीतकार गुलफाम अहमद नोएडा के सेक्टर-34 में रहते हैं। गुलफाम अहमद मूल रूप से बुलंदशहर के बुगरासी कस्बे के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि कई पीढ़ी पहले अफगानिस्तान से आकर उनके पूर्वज भारत में बसे थे। गुलफाम अहमद को अफगानिस्तान का वाद्य यंत्र रबाब बजाने में महारत हासिल है।

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उन्होंने बताया कि अफगानिस्तान के शहर काबुल में उनकी बेटी हाजरा खान व दामाद हबीब शहाले रहते हैं। अब ऐसे हालात में दोनों से दिन में कई बार बातें हो रही हैं। गुलफाम अहमद ने बताया कि वह अफगानिस्तान के ताजा हालात से काफी तनाव में हैं, लेकिन उनके दामाद व बेटी काबुल शहर में जिस जगह रह रहे हैं, वहां के हालात अभी सामान्य हैं। परिवार के अन्य लोग भी अफगानिस्तान में हैं। वे कोशिश कर रहे हैं कि सभी जल्दी भारत आ जाएं तो उन्हें सुकून मिले। उन्होंने कहा कि मन में आशंका तो रहती ही है।

क्या कहते हैं ग्रेटर नोएडा में रहने वाले स्टूडेंट
अफगानिस्‍तान के रहने वाले मीर वाइज कहते, मैं अफगानिस्तान के पख्तियां ‌का निवासी हूं। 4 साल से ग्रेनो की शारदा यूनिवर्सिटी में पढ़ रहा हूं। पिछली बार अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा किया था तो उन्होंने जरूर हिंसा फैलाई थी। इस बार अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद अभी तक बड़ी हिंसा की खबरें नहीं आईं हैं। अफरातफरी का माहौल जरूर है। परिवार को लेकर ‌चिंता है।

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अफगानिस्‍तान के एक दूसरे नागरिक मीरवाइस जरमवाल कहते हैं, मैंने अपनी याद में अफगानिस्तान में इस तरह का मंजर कभी नहीं देखा। चारों तरफ अफरा-तफरी और खौफ का माहौल है। ऐसे में अपने परिवार के लोगों की चिंता सता रही है। मैंने कई बार फोन कर अपने परिवार का हालचाल पूछा है। हालांकि अभी तक सभी लोग सही सलामत हैं। माहौल शांत होने पर मैं परिवार के पास अफगानिस्तान मिलने जाऊंगा।

अफगान नागरिक अब्‍दुल सबूर का कहना है, अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा दुर्भाग्यपूर्ण है। पूरे देश में चारों तरफ अफरातफरी का माहौल है। इससे मेरा परिवार डरा-सहमा है। मैंने 100 से अधिक बार फोन कर अपने परिवार का हालचाल पूछा है। आने वाले दिनों में देखना होगा कि तालिबान अपना क्रूर रूप दिखाता है या सत्ता कब्जाने के बाद शांत हो जाएगा। मैं चाहता हूं कि मेरा परिवार भारत आ जाए।

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