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विशेष न्यायालय (एमपीएमएलए) ने उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री राकेश धर त्रिपाठी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में आरोप तय कर दिए हैं। अब इस मुकदमे का विचारण शुरू किया जाएगा। आरोप पर सुनवाई के लिए राकेश धर कोर्ट में उपस्थित हुए। उन्होंने आरोपों से इंकार करते हुए मुकदमा का विचारण करने की मांग की। जिससे इंकार करते हुए विशेष न्यायालय ने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के अंतर्गत आरोप तय किए हैं।
मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश आलोक कुमार श्रीवास्तव ने की। लोक अभियोजक राजेश कुमार गुप्ता, वीरेंद्र कुमार सिंह तथा राकेश धर त्रिपाठी की ओर से पेश हुए अधिवक्ताओं अपनी अपनी ओर से दलीलें पेश कीं। अदालत ने राकेश धर त्रिपाठी को आरोप पढ़कर सुनाया तो उन्होंने इससे इनकार किया और परीक्षण कराए जाने की मांग की इस पर अदालत ने अभियोजन पक्ष को आदेश दिया कि मामले के गवाहों को पेश करें।
यह हैं आरोप
राकेश धर त्रिपाठी पर आरोप है कि एक मई 2007 से 31 दिसंबर 2011 के मध्य उत्तर प्रदेश के शिक्षा राज्यमंत्री के रूप में लोकसेवक रहे। इस पद पर रहते हुए इस अवधि के दौरान आय के समस्त स्रोतों एवं वैध स्रोतों से 49,49,928, रुपये अर्जित किए तथा इस अवधि में संपत्ति अर्जन एवं भरण पोषण पर 2,67,08,605 रुपये खर्च किए। जो कि आय के सापेक्ष 2,17,58,677 रुपये अधिक है, जिसका संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दिया जो कि भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13 (2) के अधीन अंतर्गत दंडनीय अपराध है।
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