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उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद ताबड़तोड़ एनकाउंटर हुए। इससे अपराधियों में खौफ पैदा हो गया। वहीं यूपी में बीते चार सालों में अलग-अलग शहरों में ताबड़तोड़ एनकाउंटर हुए तो अपराधियों की रूह कांपने लगी। हालांकि यह खौफ अभी भी अपराधियों में कायम है। इसका अंदाजा शामली जिले में अपराधियों द्वारा थाने में आत्मसमर्पण करने से लगाया जा सकता है। जहां बीते शुक्रवार को तीन आरोपियों ने थाने में सरेंडर किया तो आज यानी बुधवार को छह आरोपियों ने एनकाउंटर के डर से कोतवाली में आत्मसमर्पण कर दिया। वहीं एक आंकड़े के अनुसार मेरठ जोन में एक साल के भीतर पुलिस अफसरों ने 51 बदमाशों को ढेर किया, जबकि मुठभेड़ में बदमाशों के पैरों में गोली लगने का आंकड़ा एक हजार के करीब था। प्रदेश में अन्य सात जोन लखनऊ, बरेली, आगरा, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी और गोरखपुर एनकाउंटर के मामले में काफी पीछे रहे थे। इसी को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मेरठ जोन पुलिस की पीठ थपथपा चुके हैं।
प्रदेश में 2017 में भाजपा की सरकार बनी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिला अपराध पर ज्यादा फोकस रखा। कैराना पलायन को लेकर सरकार ने नाराजगी जताई थी। इसके बाद अपराधियों पर शिकंजा कसना शुरू हो गया। वहीं मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर, बागपत, हापुड़, बुलंदशहर, नोएडा और गाजियाबाद में पुलिस से बदमाशों की सीधी मुठभेड़ होने लगीं। कई बदमाश पुलिस मुठभेड़ में मारे गए। अभी मेरठ जोन में यह सिलसिला जारी है।
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