शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने बुधवार को भाजपा नीत केंद्र पर तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों की “वास्तविक” मांगों के प्रति “पूर्ण असंवेदनशीलता” दिखाने का आरोप लगाया।
बादल ने कहा कि यह चौंकाने वाला है कि केंद्र सरकार यह कहकर किसानों को “बदनाम” करने की कोशिश कर रही है कि वे इन कानूनों पर बातचीत करने के लिए तैयार नहीं थे, जब मुद्दा तीन “काले कानूनों” को निरस्त करने का था।
“पूरा कृषक समुदाय चाहता है कि तीन कानूनों को निरस्त किया जाए। सरकार को ऐसा करना चाहिए और फिर कृषि अर्थव्यवस्था को और बढ़ावा देने के तरीकों पर बातचीत करनी चाहिए।
शिअद अध्यक्ष ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी के सांसदों ने इस मुद्दे पर संसद में विरोध प्रदर्शन कर किसानों के प्रति एकजुटता दिखाई है।
More Stories
सुकेश की 26 पिज्जा सैलून पर रोक नहीं: दिल्ली उच्च न्यायालय
बजट की घोषणाएँ समय पर की योजना पूरी
कालका: आज से कोई नहीं समरथ समर स्पेशल ट्रेन