कोरोना की दूसरी लहर के बाद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की ओर से आयोजित पहली परीक्षा आधे से अधिक अभ्यर्थियों ने छोड़ दी। यूनानी चिकित्साधिकारी के 25 पदों भर्ती के लिए रविवार को लखनऊ में आयोजित स्क्रीनिंग परीक्षा में अभ्यर्थियों की उपस्थिति महज 43.98 फीसदी रही।
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान आयोग को कई भर्ती परीक्षाएं स्थगित करनी पड़ी थीं। इनमें यूनानी चिकित्साधिकारी की स्क्रीनिंग परीक्षा भी शामिल थी। दूसरी लहर के बाद आयोग ने भर्ती परीक्षाओं का संशोधित कैलेंडर जारी किया, जिसमें पहली परीक्षा 25 जुलाई को प्रस्तावित की गई। यूनानी चिकित्साधिकारी के 24 पदों पर भर्ती के लिए 2053 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे, लेकिन इनमें से केवल 903 अभ्यर्थियों ने ही अपनी उपस्थित दर्ज कराई। इस भर्ती के लिए नवंबर 2018 में आवेदन लिए गए थे। परीक्षा कराने में ढाई साल का वक्त लग गया।
परीक्षा दो घंटे की थी और एक सत्र में सुबह 11 से दोपहर एक बजे तक आयोजित की गई। परीक्षा में 150 वस्तुनिष्ठ प्रकार के बहुविकल्पीय प्रश्र पूछे गए। स्क्रीनिंग परीक्षा में माइनस मार्किंग भी लागू थी। प्रश्रपत्र दो भागों में था। पहला भाग सामान्य अध्ययन का था, जिसमें वस्तुनिष्ठ प्रकार के 30 प्रश्र शमिल थे और दूसरे भाग में यूनानी चिकित्सा अधिकारी पद के लिए निर्धारित विषय के वस्तुनिष्ठ प्रकार के 120 सवाल शामिल थे। स्क्रीनिंग परीक्षा के आधार पर अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा और इसके बाद अंतिम चयन परिणाम जारी होगा।
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