कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए यूपी के नोएडा में स्वास्थ्य विभाग ने 50 बेड से अधिक वाले सभी अस्पतालों को ऑक्सिजन प्लांट लगाने के निर्देश दिए हैं। प्लांट लगने के बाद मरीजों की संख्या बढ़ने की स्थिति में भी ऑक्सिजन की कमी नहीं होगी। सभी अस्पताल अपने प्लांट से ही ऑक्सिजन की पूर्ति कर सकेंगे।
वहीं, प्राइवेट अस्पतालों ने ऑक्सिजन स्टोरेज क्षमता भी बढ़ानी शुरू कर दी है। कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सिजन की भारी किल्लत के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा था। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जिले में ऑक्सिजन की डिमांड करीब 40 मीट्रिक टन तक पहुंच गई थी।
जिले में 100 से अधिक प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में 50 से अधिक बेड हैं। जहां यह व्यवस्था होनी है। इन अस्पतालों में हवा को शत प्रतिशत ऑक्सिजन में तब्दील करने वाला प्लांट (पीएसए) लगाना होगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने निर्देश जारी किए हैं। प्लांट स्थापित करने के बाद सभी प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों को इस बारे में स्वास्थ्य विभाग को जानकारी देनी होगी।
ऑक्सिजन प्लांट लगाने के बाद उसके संचालन से संबंधित सभी जानकारी अस्पतालों को देनी होगी। प्लांट का बेहतर रखरखाव के लिए किए जाने वाले कार्यों के बारे में भी बताना होगा, जिससे जरूरत पड़ने पर तुरंत इस्तेमाल में लाया जा सके।
डॉ सुनील दोहरे, अडिशनल सीएमओ
सरकारी अस्पतालों में तैयारी पूरी
सरकारी अस्पतालों में ऑक्सिजन प्लांट से संबंधित लगभग सभी तैयारी पूरी कर ली गई हैं। सेक्टर-39 और जिला अस्पताल में चार ऑक्सिजन प्लांट स्थापित किए गए हैं। इसमें से दो तैयार है, जबकि दो जल्द ही शुरू किए जाएंगे। वहीं, एक लिक्विड ऑक्सिजन प्लांट भी शुरू किया जाएगा। सेक्टर-30 स्थित अस्पताल में ऑक्सिजन स्टोरेज के साथ ही नए पीएसए प्लांट स्थापित किए गए हैं। ग्रेटर नोएडा के जिम्स में दो ऑक्सिजन प्लांट लगाए गए हैं। वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी प्लांट लगाए गए हैं।
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