सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) शनिवार को गुरु पूर्णिमा के दिन गोरखनाथ मंदिर में गोरक्षपीठाधीश्वर के रूप में नजर आए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आचार्य, बड़ा भाई और कुल पोरोहित, ये जो पांच प्रकार के लोग हैं, इन्हें हम गुरु कहते हैं। यह सभी कल्याण के कार्य करते हैं। गुरु के परंपरा विगत पांच हजार वर्षों से गुरु पूर्णिमा के रूप में हम सब मनाते आ रहे हैं।
हम सामूहिक रूप से नहीं मना पा रहे हैं त्योहार
मुख्यमंत्री गुरु गोरक्षनाथ मंदिर परिसर स्थित स्मृति भवन सभागार में शनिवार को गुरु पूर्णिमा उत्सव पर अपने श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अपने गुरु परंपरा के प्रति, अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने का एक अवसर हम सबके सामने आता है। हम सब जानते हैं कि पिछले डेढ़ साल से पूरा देश और दुनिया जिस त्रासदी का सामना कर रही है। कोरोना महामारी ने इस व्यवस्था को किस तरह प्रभावित किया है, यह किसी से छिपा नहीं है। इस महामारी ने हमारे जीवन के साथ ही हमारी आस्था को प्रभावित किया है। हम पर्व और त्योहार सामूहिक रूप से नहीं मना पा रहे हैं।
सुबह 5 से शुरू हो गया आयोजन
इससे पूर्व नाथ संप्रदाय की गोरक्षपीठ गुरु गोरखनाथ मंदिर परिसर स्थित स्मृति भवन सभागार में गुरु पूर्णिमा उत्सव श्रद्धा एवं उल्लास के साथ शनिवार को मनाया गया। दिल्ली समेत विभिन्न राज्यों से गोरक्षपीठाधीश्वर से जुड़े शिष्यों एवं साधु-संतों का आगमन गोरखनाथ मंदिर परिसर में शुक्रवार सुबह से ही जारी था। सभी को साधना भवन में ठहराया गया है। गोरखनाथ मंदिर में गुरु पूर्णिमा का उत्सव सुबह 5 से ही शुरू हो गया। शिवावतारी गुरु गोरखनाथ (श्रीनाथ पूजन) का पूजन करने के बाद उन्हें नाथ संप्रदाय के महाप्रसाद रोट का भोग लगाया गया। इसके बाद सभी देवविग्रह एवं समाधि पर पूजन किया गया।
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पहली बार नहीं हुआ सीएम का तिलकोत्सव
सभी साधु-संतों ने मिल कर गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के साथ सुबह 6.30 बजे से 7 बजे तक सामूहिक आरती की। इसके बाद सुबह 10 बजे से 12 बजे तक स्मृति भवन सभागार में भजन-कीर्तन के साथ गुरु पूर्णिमा उत्सव शुरू हुआ। दोपहर 1 बजे मंदिर में गुरु पूर्णिमा के प्रसाद के रूप में सहभोज का आयोजन हुआ। इस उत्सव में साधु, संत, पुजारी, गृहस्थ शिष्य, जन प्रतिनिधियों के साथ शहर के प्रबुद्ध नागरिक शामिल रहे। मंदिर के व्यवस्थापक द्वारिका तिवारी ने बताया कि इस बार गुरु पूर्णिमा कार्यक्रम में तिलकोत्सव नहीं होगा। सभी श्रद्धालुओं का मास्क लगाते हुए कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है।
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