चंडीगढ़, 22 जुलाई
दिल्ली के जंतर मंतर पर किसानों के धरना स्थल पर एक पत्रकार पर हुए कथित हमले की मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा निंदा किए जाने के साथ ही उन्होंने केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी से किसानों को ‘गुंडे’ करार देने के लिए तत्काल इस्तीफे की मांग की।
लगभग आठ महीने से शांतिपूर्ण तरीके से कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने के लिए भाजपा नेता की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पार्टी की किसान विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री की प्रतिक्रिया अनावश्यक और उत्तेजक थी। उन्होंने कहा कि लेखी को किसानों को बदनाम करने का कोई अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस को मामला दर्ज करना चाहिए, उन्होंने कहा कि भाजपा को इस घटना पर अपमानजनक तरीके से किसानों की निंदा नहीं करनी चाहिए। दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन शुरू होने के बाद से ही विभिन्न भाजपा नेताओं द्वारा किसानों के खिलाफ की गई टिप्पणियों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, सत्तारूढ़ दल किसानों को बदनाम करने और उनके शांतिपूर्ण विरोध को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को पहले भी ‘आतंकवादियों’ और ‘शहरी नक्सलियों’ जैसे अपशब्दों के साथ किसानों को बदनाम करना पड़ा था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘लड़ाई’ में जान गंवाने वाले किसानों को रोकने में नाकाम रहने के बाद भाजपा नेतृत्व ने एक बार फिर शर्मनाक हथकंडा अपनाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने बार-बार साबित किया है कि उसे अन्नदाता की आवाज सुनने में कोई दिलचस्पी नहीं है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि किसानों का गुस्सा चिंता का विषय है और प्रधानमंत्री को इस संकट के समाधान के लिए फौरन कदम उठाने चाहिए, जिसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। — टीएनएस
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