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सफलता के मानक बदले, प्री के अंक भी छिपाए

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने पीसीएस-2019 से सफलता के मानक में परिवर्तन किए, प्रारंभिक परीक्षा की मार्कशीट जारी करना बंद कर दिया और अंतिम उत्तरकुंजी भी अब तक जारी नहीं की गई है। अभ्यर्थियों का दावा है कि स्केलिंग और मॉडरेशन भी नहीं हो रहा है। नतीजा कि लगातार परिवर्तनों से उत्तर प्रदेश के हिंदी माध्यम और मानविकी विषयों के अभ्यर्थियों को ज्यादा नुकसान हुआ है। इस मसले पर प्रतियोगी छात्रों ने आयोग के अध्यक्ष को ईमेल के माध्यम से पत्र भेजकर छात्रों के प्रतिनिधिमंडल से मिलने के लिए समय मांगा है।

छात्रों ने अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा है कि पीसीएस-2018 से पूर्व मार्कशीट में स्केल्ड और नॉन स्केल्ड दोनों अंक दिए जाते थे, लेकिन अब केवल प्राप्तांक बताए जा रहे हैं। स्केलिंग न होने का नतीजा है कि पीसीए-2020 में मेरिट में ऊपर स्थान बनाने वाले एक अभ्यर्थी को वैकल्पिक विषय रसायन विज्ञान में 400 में 352 अंक मिले हैं। प्रथम प्रश्नपत्र में ही 200 में 190 अंक प्राप्त हुए हैं। ऐसे बहुत उदाहरण देखने को मिल रहे हैं, जबकि मानविकी विषयों में 250/400 अंक लाना ही बहुत मुश्किल होता है। प्रतियोगी छात्रों से इस मसले पर वार्ता करने के लिए आयोग के अध्यक्ष को पत्र लिखकर मांग की है कि वह चार छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल से मिलने के लिए समय दें।