बच्चों के कोरोना टीकाकरण के मुद्दे पर केंद्र सरकार ने स्थाई अधिवक्ता अनुराग अहलूवालिया के जरिये हलफनामा दायर कर कहा कि टीकाकरण सरकार की सबसे पहली प्राथमिकता है। कम से कम समय में उपलब्ध संसाधनों तथा टीकों की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए सौ फीसदी टीकाकरण का लक्ष्य पूरा करने के लिए सभी प्रयत्न किए जा रहे हैं।
केंद्र सरकार ने कहा कि एक मई के बाद से उदार टीकारण मूल्य व प्रोत्साहित राष्ट्रीय टीकाकरण रणनीति के तहत 18 साल की उम्र से बड़े लोग व राजधानी में रहने वाले बच्चों के माता पिता टीकाकरण के लिए योग्य हैं।
केंद्र सरकार ने कहा कि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने 12 मई को भारत बायोटेक को 2 से 18 साल बच्चों पर उसके टीके कोवाक्सिन के क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति दे दी थी।
याची की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कैलाश वासुदेव ने कहा कि कई देशों में 8 से 18 साल की उम्र के बच्चों को टीका लगाया जा रहा है। इसलिए कोर्ट एजेंसियों से ये ट्रायल को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए कह सकती है।
हाईकोर्ट ने इस पर कहा कि सरकार का कहना है परीक्षण चल रहे हैं और अनुसंधान के लिए कोई समयबद्ध तरीका नहीं हो सकता। वे केवल कुछ समय मांग रहे हैं। हर कोई काम कर रहा है, जो केंद्र ने कहा है हम उसे भी देख रहे हैं। ये कहते हुए अदालत ने याचिका पर सुनवाई के लिए छह सितंबर की तारीख तय कर दी।
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