अमृतसर, 13 जुलाई पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल जोशी ने आज स्वर्ण मंदिर और दुर्गियाना मंदिर में मत्था टेका और कहा कि उन्होंने भाजपा से अपने निष्कासन को ‘ट्रॉफी’ के रूप में देखा। जोशी ने जोर देकर कहा कि उन्होंने केवल कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के लिए बात की थी। उन्होंने दावा किया, “मेरे रुख को तीन कानूनों पर पार्टी के विचारों से असहमति माना गया और राज्य में पार्टी कार्यकर्ताओं की सुरक्षा की मेरी मांग ने मुझे भाजपा आलाकमान का गुस्सा दिलाया।” जोशी ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं की सुरक्षा के लिए उनकी आशंका सही साबित हुई क्योंकि राज्य के वरिष्ठ भाजपा नेताओं को राजपुरा में 11 घंटे तक एक घर में शरण लेकर प्रदर्शनकारियों से खुद को बचाना पड़ा। — टीएनएस
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