वेस्टर्न रेलवे से विस्टाडोम कोच के मैलानी पहुंचने में अभी वक्त लगेगा। कारण, जिस फ्लैट वैगन में कोच लोड किए गए हैं उनकी हाइट बढ़ जाने के कारण अभी उनका सफर मुमकिन नहीं हो पा रहा है। अब वैगन की हाइट कम होने और जोनल मुख्यालय से अनुमति मिलने के बाद ही विस्टाडोम कोच मैलानी के लिए रवाना होंगे। उधर, महू कोचिंग कांप्लेक्स में वैगन की हाइट घटाने का काम शुरू हो गया है।एनई रेलवे लखनऊ मंडल ने पर्यटन विभाग के सहयोग से पर्यटकों को विस्टाडोम कोच से दुधवा के जंगलों की सैर कराने की योजना बनाई है। इसके लिए दो विस्टाडोम कोच मध्य प्रदेश के महू स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर कोचिंग कांपलेक्स में तैयार किए गए हैं। दोनों कोच महू कोचिंग कांप्लेक्स में फ्लैट वैगन में लोड हैं। चूूूंकि इन्हें वेस्टर्न रेलवे से एनई रेलवे में भेजा जाना है इसके लिए जोनल मुख्यालय से परमीशन मांगी गई थी।अब पता चला है कि एनई रेलवे जिस फ्लैट वैगन में कोच लोड किए गए हैं उसकी हाइट मानकों के अनुकूल नहीं हैं। इस कारण कोच रास्ते में किसी ब्रिज से टकरा सकते हैं। इसलिए वेस्टर्न रेलवे को हाइट कम करने के लिए लिखा है।डिपो अधिकारी ने बताया कि सौ एमएम हाइट कम की जाएगी, जिसके लिए कर्मचारी काम पर लगे हुए हैं। काम पूरा होते ही दोबारा परमीशन के लिए जोनल मुख्यालय को पत्र लिखा जाएगा। परमीशन मिलते ही इन कोच को यहां से रवाना कर दिया जाएगा। इस प्रकार हाइट अधिक होने से अब विस्टाडोम कोच के यहां आने का इंतजार और बढ़ गया है। उधर, पीआरओ महेश गुप्ता ने विस्टाडोम कोच की बाबत मंडल मुख्यालय पर कोई भी जानकारी होने से इंकार किया है।
जोनल मुख्यालय से हाइट कम करने की अनुमति मिलने के बाद ही विस्टाडोम कोच मैलानी होंगे रवाना
मैलानी। वेस्टर्न रेलवे से विस्टाडोम कोच के मैलानी पहुंचने में अभी वक्त लगेगा। कारण, जिस फ्लैट वैगन में कोच लोड किए गए हैं उनकी हाइट बढ़ जाने के कारण अभी उनका सफर मुमकिन नहीं हो पा रहा है। अब वैगन की हाइट कम होने और जोनल मुख्यालय से अनुमति मिलने के बाद ही विस्टाडोम कोच मैलानी के लिए रवाना होंगे। उधर, महू कोचिंग कांप्लेक्स में वैगन की हाइट घटाने का काम शुरू हो गया है।
एनई रेलवे लखनऊ मंडल ने पर्यटन विभाग के सहयोग से पर्यटकों को विस्टाडोम कोच से दुधवा के जंगलों की सैर कराने की योजना बनाई है। इसके लिए दो विस्टाडोम कोच मध्य प्रदेश के महू स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर कोचिंग कांपलेक्स में तैयार किए गए हैं। दोनों कोच महू कोचिंग कांप्लेक्स में फ्लैट वैगन में लोड हैं। चूूूंकि इन्हें वेस्टर्न रेलवे से एनई रेलवे में भेजा जाना है इसके लिए जोनल मुख्यालय से परमीशन मांगी गई थी।
अब पता चला है कि एनई रेलवे जिस फ्लैट वैगन में कोच लोड किए गए हैं उसकी हाइट मानकों के अनुकूल नहीं हैं। इस कारण कोच रास्ते में किसी ब्रिज से टकरा सकते हैं। इसलिए वेस्टर्न रेलवे को हाइट कम करने के लिए लिखा है।
डिपो अधिकारी ने बताया कि सौ एमएम हाइट कम की जाएगी, जिसके लिए कर्मचारी काम पर लगे हुए हैं। काम पूरा होते ही दोबारा परमीशन के लिए जोनल मुख्यालय को पत्र लिखा जाएगा। परमीशन मिलते ही इन कोच को यहां से रवाना कर दिया जाएगा। इस प्रकार हाइट अधिक होने से अब विस्टाडोम कोच के यहां आने का इंतजार और बढ़ गया है। उधर, पीआरओ महेश गुप्ता ने विस्टाडोम कोच की बाबत मंडल मुख्यालय पर कोई भी जानकारी होने से इंकार किया है।
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