सैयद मशकूर, सहारनपुरजमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अमीर-उल-हिंद मौलाना अरशद मदनी ने दावा किया है कि देश में चल रहा धर्मांतरण का मुद्दा इस्लाम को बदनाम करने की साजिश है। उन्होंने कहा कि इस्लाम में किसी का भी जबरन धर्म परिवर्तन नहीं हो सकता। धर्मांतरण का मुद्दा उछालकर सिर्फ चुनाव की जमीन तैयार की जा रही है। मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि लालच देकर या जबर्दस्ती किसी का भी धर्म परिवर्तन नहीं कराया जा सकता है।
दिल से अल्लाह को एक मानने और जुबान से इसका सच्चा इकरार करने वाला ही मुसलमान हो सकता है। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक मानसिकता वाले लोगों को देश के मुसलमानों से शिकायत है, जबकि उन्हें मुस्लिम देशों से कोई शिकायत नहीं है।मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि बड़ी संख्या में हिंदुस्तान ही नहीं बल्कि दुनिया के अलग-अलग देशों से इस्लाम को न मानने वाले लोग मुस्लिम देशों में आराम से रोजी-रोटी कमा रहे हैं। उन्हें किसी मुस्लिम देश में आज तक जबरन मुसलमान नहीं बनाया गया है। धर्मांतरण का मुद्दा केवल इस्लाम को बदनाम करने और राजनीतिक लाभ प्राप्त करते हुए देश में चुनावी माहौल तैयार करने के लिए उठाया जा रहा है। यह बेहद ही अफसोसनाक और निंदनीय कृत्य है।
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