गोरखपुरउत्तर प्रदेश की गोरखपुर पुलिस के लिए पशु तस्कर मुसीबत बने हुए हैं। बताया गया कि ये पशु तस्कर इतने मनबढ़ हैं कि पुलिस को दौड़ा लेते हैं। एडीजी के निर्देश पर पशु तस्करों के खिलाफ गोरखपुर समेत 11 जिलों में चलाए जा रहे अभियान का नतीजा भी अभी तक शून्य रहा है। हालत यह है कि बेखौफ पशु तस्कर कुशीनगर से लेकर गोरखपुर जिले तक रोजाना तांडव मचा रहे हैं और पुलिस के पास सिवाय उनसे भागने के और कोई रास्ता नहीं बचा है। गोरखपुर के अलग-अलग थाने की पुलिस पर पशु तस्करों ने 10 महीनों में 12 बार जानलेवा हमला किया है। इसमें पुलिस जवान घायल भी हुए हैं।
आए दिन मचाते हैं तांडवअभी हाल ही में देर रात पशु तस्करों ने चिलुआताल इलाके के मोहरीपुर में जमकर तांडव मचाया। तस्करों ने थाने की बोलेरो समेत सिपाही की बाइक भी टक्कर मारकर तोड़ दी। ड्यूटी पर तैनात गार्ड को भी मारपीट कर घायल कर दिया। इंस्पेक्टर चिलुआताल और उनकी टीम पर हमला करते हुए तस्कर एक बार फिर पुलिस के सामने से ही फरार हो गए। देर रात इंस्पेक्टर चिलुआताल सब इंस्पेक्टर अरविंद यादव, आरिफ परवेज, सिपाही परविंदर, विवेक यादव, राहुल यादव और एक महिला आरक्षी के साथ कहीं से दबिश देकर लौट रहे थे। जान बचाकर भागे पुलिसकर्मीमोहरीपुर चौराहे से आगे बढ़ने पर एचपी पेट्रोल पम्प के पास एक पिकप पर कुछ तस्कर पिकअप पर जानवर लाद रहे थे।
पुलिस ने गाड़ी रोकी और जैसे ही बाहर निकले। तभी पुलिस को आता देख सभी तस्कर अपनी गाड़ी में बैठ गए और तेजी से गाड़ी लाकर थाने की जीप में जोरदार टक्कर मारी। इसके बाद पिकअप पर पीछे बैठे तस्कर पत्थर चलाने लगे, जिसके बाद सभी पुलिसकर्मी अपनी जान बचाकर भाग खड़े हुए। यहां पर हुए पुलिस पर जानलेवा हमले मंगलवार को पशु तस्करों ने शाहपुर और गुलरिहा पुलिस पर फायरिंग की। 13 जून को गुलरिहा इलाके के मेडिकल कॉलेज रोड पर क्राइम ब्रांच और गुलरिया पुलिस की तस्करों से मुठभेड़ हुई। 11 जून को शाहपुर के आवास-विकास कॉलोनी में इन तस्करों का विरोध करने वाले इंजीनियर पुत्र पर तस्करों ने जानलेवा हमला कर दिया। 9 जून को कैंट के छात्रसंघ चौराहे पर एक दरोगा पर की गाड़ी पर भी तस्करों ने ईंट-पत्थर चलाए। नवंबर 2020 में शाहपुर के झरना टोला में चौकी इंचार्ज पर पशु तस्करों ने हमला कर उनकी नाक तोड़ दी।
दिसंबर 2020 में शाहपुर थाने में तैनात हेड कांस्टेबल को तस्करों ने असलहा सटा दिया था। जनवरी 2021 में शाहपुर थाने की नई बोलेरो में तस्कर टक्कर मारकर फरार हो गए थे। जनवरी 2020 में रामगढ़ताल थाने की गाड़ी और आजाद नगर पुलिस चौकी की गाड़ी भी तस्करों ने टक्कर मारकर तोड़ डाली। तिवारीपुर के सूर्य विहार पुलिस चौकी पर भी तस्करों ने गाड़ी चढ़ाकर पुलिसकर्मियों की जान लेने की कोशिश की थी। बाबरिया गिरोह से भी ज्यादा खतरनाक हैं यह तस्करइन तस्करों को मामूली मवेशी चोर समझने की भूल बिलकुल भी न करें। क्योंकि यह बाबरिया गिरोह से भी ज्यादा खतरनाक हैं। मवेशी उठाते समय अगर किसी ने इनका विरोध किया तो वह फौरन ही उसपर जानलेवा हमला कर देते। तस्करों की गाड़ियों में लाठी- डंडे और ईंट- पत्थर भारी मात्रा में भरे होते हैं।
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