इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) और संघटक महाविद्यालयों में स्नातक एवं परास्नातक की प्रवेश परीक्षा कब होगी, यह अभी तय नहीं हो सका है। इविवि प्रशासन को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के जवाब का इंतजार है। कोई जवाब न मिलने के कारण प्रवेश प्रक्रिया फंसी हुई है और सत्र तेजी से पिछड़ा रहा है। इस बीच शिक्षा मंत्रालय में बड़ा बदलाव होने से इविवि प्रशासन के अफसरों की नजर अब नए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पर टिकी है।इस बार केंद्र सरकार ने एनटीए को सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में संयुक्त रूप से प्रवेश परीक्षा कराने की जिम्मेदारी सौंपी है। कोविड के कारण एनटीए की ओर से अब तक प्रवेश प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकी है।
उधर, सत्र तेजी से पिछड़ रहा है। ऐसे में इविवि प्रशासन ने बीएएलएलबी, एलएलबी और प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों में अपने स्तर से प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया। जल्द ही एजेंसी का चयन कर ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी, लेकिन बीए, बीएससी, बीकॉम, एमए, एमएससी और एमकॉम में प्रवेश को लेकर अब तक कोई निर्णय नहीं हो सका है। इविवि प्रशासन की ओर से एनटीए और यूजीसी को कई पत्र भी भेजे गए, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने तैयारी कर रखी है कि अगर प्रवेश की जिम्मेदारी उसे दी जाती है तो जिस एजेंसी को प्रोफेशनल पाठ्यक्रम की प्रवेश परीक्षा कराने की जिम्मेदारी दी जाएगी, उसी से अन्य पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षा कराने की बात की जाएगी। अगर एजेंसी तैयार नहीं होती है तो फिर नए सिरे से टेंडर निकालकर दूसरी एजेंसी का चयन किया जाएगा। फिलहाल अभी यह तय नहीं हो सका है कि स्नातक एवं परास्नातक की प्रवेश परीक्षा एनटीए कराएगा या नहीं। इविवि प्रशासन के अफसरों को उम्मीद है कि नए शिक्षा मंत्री जल्द ही इस पर कोई निर्णय लेंगे, ताकि सत्र को पिछडने से रोका जा सके।
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