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एनकाउंटर में मारा गया अजय कालिया आखिरी वॉन्‍टेड था

हाइलाइट्स:हाईवे पर एक्सेल फेंक कर परिवारों को लूटने वाले बावरियों का गैंग बुधवार को खात्मे की कगार पर पहुंच गयाएनकाउंटर में मारा गया कुख्यात अजय कालिया इस गिरोह का वह आखिरी बदमाश था जिसकी पुलिस को तलाश थीबाकी या तो जेल पहुंच चुके हैं या एसटीएफ के एनकाउंटर में गोली लगने के बाद उनकी मौत हो चुकी हैयोगेश तिवारी, नोएडा यूपी से लेकर हरियाणा तक हाईवे पर एक्सेल फेंक कर परिवारों को लूटने और घिनौनी हरकत करने वाले बावरियों का एक्सेल गैंग बुधवार को खात्मे की कगार पर पहुंच गया। एसटीएफ व नोएडा पुलिस के जाइंट ऑपरेशन में मारा गया कुख्यात अजय कालिया इस गिरोह का वह आखिरी बदमाश था जिसकी पुलिस को तलाश थी। बाकी या तो जेल पहुंच चुके हैं या एसटीएफ के एनकाउंटर में गोली लगने के बाद उनकी मौत हो चुकी है।

इस गैंग के 10 बदमाश एसटीएफ के ऑपरेशन में गोली लगने से मारे गए हैं। 25 बदमाश यूपी-हरियाणा की जेल में पहंचे हैं। वर्ष 2000 की फरवरी से शुरू हुआ ऑपरेशन बावरिया जुलाई-2021 तक खिंचा।1998-1999 से हुई शुरुआतएसटीएफ के एक अधिकारी ने बताया कि एक्सेल गैंग ने 1998-1999 में हरिद्वार जाने वाले रास्तों पर वारदात शुरू की। इसके बाद पुलिस इन पर काम कर रही थी। रास्तों पर इनसे बचने के लिए बोर्ड भी लगाए गए थे। वारदातें बढ़ने के बाद एसटीएफ को जिम्मेदारी दी गई। वर्ष 2002 में जौननपुर में एसटीएफ व पुलिस का संयुक्त ऑपरेशन हुआ। इसमें इस गैंग के 7 बदमाशों की गोली लगने से मौत हुई। फिर यह गैंग कमजोर पड़ा। 2016 में हुई चर्चित बुलंदशहर गैंगरेप केस में इनकी तलाश शुरू हुई। 2017 में गुड़गांव की बिलासपुर क्राइम ब्रांच ने इस गैंग के 9 बदमाश पकड़े। यूपी में भी इस गैंग के कई और बदमाश पकड़े गए। गैंग व इसके बदमाश बिल्कुल शांत हो गए। 2019 से पलवल में केएमपी पर इन बदमाशों ने फिर वारदात करनी शुरू की। उस समय गैंग बावरिया बबलू उर्फ गंजा चला रहा था।

3 जुलाई को अलीगढ़ के टप्पल में एसटीएफ से हुई मुठभेड़ में बबलू की गोली लगने से मौत हुई। अजय उर्फ जुथरा की 27 अक्टूबर को मथुरा में एसटीएफ के एनकाउंटर में गोली लगने के बाद मौत हुई। इसके बाद कालिया ही बाहर बचा हुआ था।गैंग के सारे बदमाश रिश्तेदार थेगैंग के खात्मे को लेकर लंबे समय तक काम करने वाले एसटीएफ अधिकारियों की माने तो यह गैंग कई मायनों में अलग था। सबसे अलग बात यह थी कि इसके सभी बदमाश आपस में रिश्तेदार ही थे। यह गैंग बनाया था फर्रुखाबाद जिले के गांव गैसिंगपुर से आए घुमंतू कुनबे के परिवार के पुरुष सदस्यों ने। इसमें अब मर चुके बबलू उर्फ गंजा का परिवार बल्लभगढ़ में रहने लगा। इसकी मौसी का परिवार नजबगढ़ में। बल्लभगढ़ से बबलू उर्फ गंजा उसके चचेरा भाई भाई विनय उर्फ लंबू , नजबगढ़ से उसके मौसेरे भाई धर्मू, मुन्ना व राजबीर ने मिलकर यह गैंग शुरू किया। इसके बाद यूपी के फर्रुखाबाद के गांव गैंसिंगपुर से ही इनके कुनबे से आकर नरेश, राका, सुनील, इस गैंग में शामिल हुए। फिर महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी से इन लोगों ने अपने रिश्तेदारों को इस गैंग से जोड़ा। इसमें जूथरा, अजय उर्फ कालिया भी इनका रिश्तेदार ही था।

अब तक बावरियों के एक्सेल गैंग से जुड़े जो भी बदमाश पकड़े गए हैं कहीं न कहीं इसी कुनबे के रिश्तेदार ही निकले हैं। इसके साथ ही कई लूट और डकैती में भी इनके नाम आए हैं।खतरनाक अपराधी था अजय कालियानोएडा एसटीएफ यूनिट के अडिशनल एसपी राजकुमार मिश्रा ने बताया कि बदमाश अजय कालिया का आपराधिक रेकॉर्ड जुटाया जा रहा है। अब तक उसके खिलाफ पलवल, अलीगढ़, मथुरा, बदायूं में लगभग 13 केस दर्ज होने की बात सामने आई है। पिछले वर्ष पलवल में केएमपी पर कई परिवारों से हुई लूट में इसका नाम आया था। वहां एक दिल्ली के व्यापारी से लूट के साथ उसके 14 साल के बेटे से कुकर्म भी इसी गैंग ने किया था। अडिशनल एसपी ने यह भी बताया कि बुलंदशहर के चर्चित गैंगरेप केस में इससे सीबीआई को पूछताछ करनी थी। यह बात भी सामने आ रही है।रेवाड़ी का रहने वाला था कालियाबावरिया गैंग घुमंतू जनजातियों के सक्रिय बदमाशों का है। इसलिए इनका कोई स्थायी पता नहीं होता।

पुलिस रेकार्ड में अजय उर्फ कालिया का पता हरियाणा के रेवाड़ी का दर्ज है। इसका साथी बदमाश जो भागने में कामयाब रहा वह कौन था, एसटीएफ और पुलिस उसका भी नाम तलाश रही है।यमुना एक्सप्रेसवे पर की थी 3 लूट, दिल्ली में छिपता थाअपराधी अजय उर्फ कालिया का आपराधिक रेकॉर्ड भी एसटीएफ ने जारी किया। इसमें अलीगढ़ व मथुरा में की गई इसकी तीन वारदातों का जिक्र है। यह तीनों ही घटनाएं इसने यमुना एक्सप्रेसवे पर की थीं। साथ ही जनवरी-2020 में पलवल की चर्चित घटना में भी यह आरोपित था। एसटीएफ के मुताबिक जुलाई-2016 में हुए बुलंदशहर गैंगरेप केस में सीबीआई को भी कालिया की तलाश थी। यह वारदात के बाद ज्यादातर दिल्ली में छिपता था। पुलिस के पास इसकी कोई फोटो नहीं थी। पहले कभी पकड़ा भी नहीं गया था। इसलिए इसकी गिरफ्तारी चुनौती बनी हुई थी।बदायूं में लूट की घटनाओं के बाद रडार पर आयाइसी वर्ष जनवरी में बदायूं में हाईवे पर लूट की दो घटनाएं हुई हैं। एक्सेल गैंग व वारदात के तरीकों से एसटीएफ को बावरियों का गैंग होने की जानकारी मिली थी। इसके बाद कालिया के भी कुछ इनपुट थे। फिर एसटीएफ इसके पीछे लगी हुई थी। बुधवार को इसी क्रम में एसटीएफ के पास दिल्ली से कालिया के निकलने और नोएडा होते हुए केएमपी पर जाने का इनपुट आया था।