हमीरपुरउत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में बेरी रियासत की अंतिम शासक की पत्नी और राजमाता के 102 साल की उम्र मेंं निधन से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। उन्हें मंगलवार को विदाई देकर अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। हमीरपुर जिले के कुरारा कस्बे से 14 किमी दूर बेतवा नदी किनारे बसे बेरी रियासत की राजमाता लक्ष्मी कुमारी जूदेव्या का बीमारी के चलते 105 वर्ष की उम्र में महल में निधन हो गया। उनके निधन से पूरे क्षेत्र में शोक है। आज महल के पास से निकली बेतवा नदी के तट पर उनका राजशाही रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया गया। नम आंखों से परिजन और ग्रामीणों ने उन्हें अंतिम विदाई दी। बेरी रियासत के अंतिम शासक स्व.राजा यादवेन्द्र सिंह जूदेव की पत्नी लक्ष्मी कुमारी जूदेव्या की तबियत कुछ दिनों से खराब चल रही थी।
उनका इलाज भी सीएमओ डा.आरके सचान की निगरानी में चल रहा था। इनके दो पुत्र है जिनमें सुरेन्द्र सिंह जूदेव बड़े पुत्र है वहीं बृजेन्द्र सिंह जूदेव छोटे पुत्र है। राजमाता की एक पुत्री भी है। राजमाता ने अपने शासनकाल में बनवाए थे कई भव्य मंदिरराजमाता के पति यादवेन्द्र सिंह जूदेव की काफी साल पहले मौत हो गई थी। इनके दो पुत्रों में सुरेन्द्र सिंह जूदेव 84 साल के है वहीं छोटे पुत्र बृजेन्द्र सिंह 67 साल के है। सुरेन्द्र सिंह के पुत्र शिवेन्द्र सिंह जूदेव है जो कभी राजनीति में सक्रिय थे। एक मर्तबा ये कांग्रेस के टिकट से सदर विधानसभा की सीट पर चुनाव लड़े थे। इनकी दो बहने है जिनमें बड़ी बहन आभा कुमारी हलदौर स्टेट बिजनौर में ब्याही है।
छोटी बहन दिव्या सिंह राजस्थान में ब्याही है जो राजस्थान से राज्यसभा सदस्य है। इनके पति विश्वेन्द्र सिंह राजस्थान की कांग्रेस की सरकार में मंत्री भी रहे थे। बृजेन्द्र सिंह जूदेव ने बताया कि राजमाता ने अपने शासनकाल में बड़ी तादाद में गरीब कन्याओं की शादी में मदद करती थी। इन्होंने गांव और आसपास कई मंदिरों का भी निर्माण कराया था। ऐसी बनी थी बेरी की रियासत642 साल पूर्व बेरी में रियासत थी। इसके संस्थापक अक्षरजू पंवार थे। वह 18वीं सदी के अंत में जालौन जिले में आकर निवास करने लगे थे। इनका विवाह महाराजा छत्रपाल के पुत्र जगतराज की पुत्री के साथ हुआ था। इन्हें दहेज में 12 लाख की जागीर मिली थी।
यहीं जागीर बाद में बेरी रियासत में बन गई थी। बेरी राज्य की स्थापना 18 वीं सदी के मध्य में दीवान अचरजू उर्फ अचरज सिंह जागीर जरिए की गई थी। वर्ष 1809 में बेरी राज्य ब्रिटिश में शामिल हो गया था। राव जुगुल प्रसाद के बेरी राज्य के अंतिम शासक राजा स्व.यादवेन्द्र जूदेव थे। उनकी पत्नी लक्ष्मी कुमारी जूदेव्या थी। बताते है कि कुंडा के राजा भैया रघुराज प्रताप सिंह शिवेन्द्र सिंह जूदेव के मौसेरे भाई है जो कई बार यहां बेरी स्टेट आए थे। राजमाता गरीबों के लिए हर समय मदद करती थी। इसीलिये लोग उनकी महल की ओर रुख करते थे।
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