बच्चों में डायरिया को रोकने और इसकी रोकथाम के लिए प्रदेश में 1 जुलाई से 15 जुलाई तक गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा (IDCF – Intensified Diarrhea Fortnight) मनाया जाएगा। इस दौरान प्रदेश भर के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में ओआरएस-जिंक कॉर्नर की स्थापना के साथ ही लोगों को डायरिया के बारे में जागरूक करने कई गतिविधियां संचालित की जाएंगी। राज्य शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों तथा सिविल सर्जन्स को परिपत्र जारी कर इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। डायरिया शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों में मृत्यु के मुख्य कारणों में से एक है। इसके शीघ्र उपचार से बाल मृत्यु दर में कमी लाई जा सकती है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों तथा सिविल सर्जन्स को सभी विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारियों और विकासखण्ड कार्यक्रम प्रबंधकों को गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा के दौरान संचालित किए जाने वाले कार्यक्रमों व गतिविधियों की जानकारी देने तथा आवश्यक समन्वय के लिए निर्देश पत्र जारी करने कहा है। उन्होंने सभी ए.एन.एम. और मितानिनों को डायरिया केस प्रबंधन, उपचार, काउंसलिंग पर प्रशिक्षण तथा अभियान के दौरान उनके द्वारा की जाने वाली गतिविधियों के लिए निर्देशित करने और आईडीसीएफ टूलकिट प्रदान करने कहा है। डॉ. शुक्ला ने सभी स्वास्थ्य केन्द्रों के टंकियों की सफाई के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने अपने-अपने जिलों के लिए ओ.आर.एस. और जिंक टेबलेट का उठाव करते हुए इनका वितरण सुनिश्चित करने कहा है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी परिपत्र में सीएमएचओ और सिविल सर्जन्स को कोरोना संक्रमण के प्रति सतर्कता बरतते हुए दीवार लेखन, सोशल मीडिया एवं प्रचार-प्रसार के विभिन्न माध्यमों के जरिए डायरिया के रोकथाम एवं नियंत्रण की जानकारी लोगों तक पहुंचाने कहा है। विभाग ने गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा के आयोजन में महिला एवं बाल विकास विभाग, पंचायत विभाग, स्थानीय प्रशासन, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन तथा विभिन्न विभागों के साथ काम कर रहे डेवलपमेन्ट पार्टनर्स का सहयोग लेने के निर्देश दिए हैं। साथ ही निजी अस्पतालों व आई.ए.पी., आई.एम.ए. जैसी निजी एजेंसियों का भी इनमें शामिल करने कहा है।
विभाग ने गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा में विभिन्न गतिविधियों के संचालन के दौरान कोविड एप्रोप्रिएट व्यवहार का पूर्णतः पालन करने के निर्देश दिए हैं। अभियान के दौरान घर, कुएं व जल-स्रोतों की साफ-सफाई तथा पानी को स्वच्छ रखने के लिए क्लोरीन टेबलेट्स का वितरण करने कहा गया है। उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों जैसे ईंट-भट्टा, खानाबदोश स्थल, बाढ़ की संभावना वाले क्षेत्रों, ऐसे उप-स्वास्थ्य केंद्र जहां एएनएम उपलब्ध नहीं हैं, प्रवासी मजदूर, सड़क पर रहने वाले बच्चों, मलिन बस्तियों जैसी जगहों पर अधिक ध्यान देने एवं ओ.आर.एस. की पूर्व उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
अभियान के दौरान मितानिनों द्वारा छह माह से पांच वर्ष तक के बच्चों वाले घरों में ओ.आर.एस. पैकेट का वितरण तथा इसके उपयोग के संबंध में सलाह प्रदान कर ओ.आर.एस. घोल बनाने की विधि का प्रदर्शन किया जाएगा। मितानिनें लोगों को साफ-सफाई के प्रति प्रेरित भी करेंगी। वे लोगों को डायरिया प्रकरणों की पहचान, ए.एन.एम. या स्वास्थ्य केन्द्रों पर संदर्भन, डायरिया के लक्षण व खतरों के बारे में भी बताएंगी।
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