दो घंटे में लूट की सात वारदातें फिर भी दफ्तर से नहीं हिले कई अफसर – Lok Shakti

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दो घंटे में लूट की सात वारदातें फिर भी दफ्तर से नहीं हिले कई अफसर

थानों और दफ्तरों में 41 टीमें भेजकर आईजी ने कराया था रेस्पांस चेक, 29 में से 21 थानों में ही दर्ज की गई एफआईआरकई थानों में रेस्पांस चेक की खबर आम होने के बाद शाम को लिखी गई रिपोर्ट
बरेली। बृहस्पतिवार को दोपहर के वक्त पुलिस महकमे के वायरलेस पर जब ताबड़तोड़ ढंग से वारदातें होने की सूचनाएं प्रसारित हुईं, तब तो अपने दफ्तरों में बैठे कई अफसर टस से मस तक नहीं हुए लेकिन जब शाम को यह पता लगा कि ये सूचनाएं आईजी रमित शर्मा के रेस्पांस चेक कराए जाने की वजह से आई थीं तो उनमें बेचैनी फैल गई। कई इंस्पेक्टर भी रेस्पांस चेक में फेल हुए। कुल 41 टीमे जिले के 29 थानों में शिकायतें लेकर पहुंचीं थी लेकिन रिपोर्ट सिर्फ 21 ने दर्ज की। इनमें कई थाने ऐसे भी निकले जिन्होंने रेस्पांस चेक का पता लगने के बाद यह खानापूरी की।
आईजी के निर्देश पर बृहस्पतिवार सुबह करीब दस बजे पुलिस लाइन 82 प्रशिक्षुओं की 41 टीमें बनाकर जिले भर में भेजी गई थीं जिन्हें थानों के साथ अफसरों के दफ्तरों में जाकर रेस्पांस चेक करना था। दोपहर करीब 12 बजे थानों में इन टीमों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हुआ जो दोपहर चार बजे तक चला। टीमें जिले के 29 थानों के अलावा एसएसपी समेत 12 अधिकारियों के दफ्तरों में भी फरियादी बनकर पहुंचीं। आपराधिक वारदातों की सूचना देकर कार्रवाई की मांग की लेकिन शाम तक सिर्फ 21 थानों में ही इन सूचनाओं पर रिपोर्ट दर्ज होने की खबर मिली।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक आठ थानों में तो रिपोर्ट ही दर्ज नहीं की गई। इसके साथ कई और थानों में वारदातों की सूचना पर वांछित रेस्पांस नहीं दिया गया। दोपहर बाद जब पुलिस महकमे में यह खबर आम हुई कि आईजी की ओर से रेस्पांस चेक कराया गया था तो इन थानों में देर शाम रिपोर्ट दर्ज की गई। रेस्पांस चेक के दौरान जिले में कुल मिलाकर चोरी की पांच, लूट की सात, गुमशुदगी की आठ और प्रेम प्रसंग में लड़की बहलाकर भगा ले जाने की एक घटना की रिपोर्ट दर्ज हुई। इन घटनाओं की सूचनाएं भी वायरलेस पर प्रसारित हुईं लेकिन इसके बावजूद अपने दफ्तरों में बैठे कई अफसर भी टस से मस नहीं हुए। अब रिपोर्ट दर्ज न करने वाले थानों के स्टाफ के साथ इन अफसरों में भी बेचैनी का माहौल है।
फौरन हरकत में आई कुछ थानों की पुलिस
लूट की सूचना पर एसएसपी ऑफिस से दौड़े सीओ तृतीय, काली बाइक पर टीशर्ट पहनकर निकले युवकों की तलाश
वायरलेस पर 12.45 बजे फतेहगंज पश्चिमी, एक बजे किला, डेढ़ बजे अलीगंज, 1.45 बजे भुता, दो बजे बिशारतगंज, सवा दो बजे बिथरी और ढाई बजे कोतवाली क्षेत्र में लूट की वारदात होने की सूचना प्रसारित हुई। बताया गया कि काले रंग की बाइक पर सफेद गमछा बांधे एक लुटेरा काली टीशर्ट और दूसरा सफेद टीशर्ट पहने हुए है। कुछ ही थानों की पुलिस इस सूचना पर फौरन हरकत में आई। कई जगह सड़कों पर चेकिंग शुरू हो गई। सीओ तृतीय साद मियां खान इस दौरान एसएसपी ऑफिस में शिकायतें सुन रहे थे जो वहां से फौरन मौके पर जाने के लिए निकल गए। काली और सफेद टी शर्ट पहने बाइक सवारों को पुलिस तलाशती रही लेकिन कोई नहीं मिला।
आईजी को भी दी गई सूचना
लगातार तीन लूट होने के मेसेज वायरलेस पर प्रसारित होने के बाद आईजी कार्यालय को भी इसकी सूचना दी गई। इस आईजी ने एसएसपी रोहित सिंह सजवाण को फोन करके लूट के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि ये रेस्पांस चेक की सूचनाएं हैं।
बारादरी पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने से पहले की छानबीन
दोपहर करीब सवा दो बजे दो लड़कियां एसएसपी कार्यालय पहुंचीं जिन्होंने बताया कि वे कोतवाली क्षेत्र में अपने घर से बरेली कॉलेज में पढ़ने जाती हैं। इस बीच कुछ लड़के उनके साथ छेड़छाड़ करते हैं। रेस्पांस चेक की योजना से पहले से वाकिफ एसएसपी ने लड़कियों को फौरन ही थाना बारादरी भेज दिया। हालांकि बारादरी पुलिस ने लड़कियों की शिकायत पर पहले रिपोर्ट दर्ज करने के बजाय उनसे पूछताछ और छानबीन की। पता चला कि इन दिनों कॉलेज बंद है लिहाजा छेड़छाड़ संभव नहीं है, इसलिए रिपोर्ट भी दर्ज नहीं की। इसके अलावा एक और थाने में मारपीट की शिकायत को फर्जी बताकर रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई।
रेस्पांस चेक के बहाने प्रशिक्षुओं को भी सबक
रेस्पांस चेक के दो मकसद थे। बुधवार को पुलिस लाइन में आईजी रमित शर्मा ने प्रशिक्षुओं को कामकाज के तरीके बताए थे। कहा था, थानों और ऑफिसों में जाकर वहां कामकाज का तरीका देखें। रिपोर्ट दर्ज कराकर पुलिस से पीड़ित के व्यवहार की पड़ताल करें। इस दौरान उनके साथ जो अच्छा व्यवहार हो उसे अपने काम के तरीके में शामिल करें और जो बात उन्हें खराब लगे, उसे अपनी नौकरी के कभी न करने का निर्णय लें। इससे प्रशिक्षुओं को थाने में होने वाले व्यवहार की जानकारी मिली, वहीं थानों और अधिकारियों के कार्यालय में शिकायतों की सुनवाई की हकीकत भी सामने आ गई।
दर्ज हुए ये केस
चोरी : सीबीगंज, किला, शीशगढ़, भमोरा और सिरौली।
लूट : बहेड़ी, बिथरी चैनपुर, देवरनियां, फतेहगंज पश्चिमी, बिशारतगंज, अलीगंज।
गुमशुदगी : कोतवाली, इज्जतनगर, फतेहगंज पूर्वी, नवाबगंज, शाही, भोजीपुरा, कैंट।
प्रेम प्रसंग : प्रेमनगर
आज तैयार होगी रिपोर्ट
प्रशिक्षुओं ने थानों में जाकर व्यवहार का आकलन करने के साथ साथ घटनाओं पर पुलिस का रेस्पांस भी चेक किया है। अब उनसे फीडबैक फार्म भरवाए जा रहे हैं। शुक्रवार को पूरी रिपोर्ट सामने आएगी। – रमित शर्मा, आईजी
रेस्पांस चेक के दौरान जिले में पांच चोरी, सात लूट, आठ गुमशुदगी और एक प्रेम प्रसंग का मामला दर्ज कराया गया है। मेरे कार्यालय में भी दो लड़कियां शिकायत लेकर आई थीं। – रोहित सिंह सजवाण, एसएसपी

थानों और दफ्तरों में 41 टीमें भेजकर आईजी ने कराया था रेस्पांस चेक, 29 में से 21 थानों में ही दर्ज की गई एफआईआर

कई थानों में रेस्पांस चेक की खबर आम होने के बाद शाम को लिखी गई रिपोर्ट
बरेली। बृहस्पतिवार को दोपहर के वक्त पुलिस महकमे के वायरलेस पर जब ताबड़तोड़ ढंग से वारदातें होने की सूचनाएं प्रसारित हुईं, तब तो अपने दफ्तरों में बैठे कई अफसर टस से मस तक नहीं हुए लेकिन जब शाम को यह पता लगा कि ये सूचनाएं आईजी रमित शर्मा के रेस्पांस चेक कराए जाने की वजह से आई थीं तो उनमें बेचैनी फैल गई। कई इंस्पेक्टर भी रेस्पांस चेक में फेल हुए। कुल 41 टीमे जिले के 29 थानों में शिकायतें लेकर पहुंचीं थी लेकिन रिपोर्ट सिर्फ 21 ने दर्ज की। इनमें कई थाने ऐसे भी निकले जिन्होंने रेस्पांस चेक का पता लगने के बाद यह खानापूरी की।

आईजी के निर्देश पर बृहस्पतिवार सुबह करीब दस बजे पुलिस लाइन 82 प्रशिक्षुओं की 41 टीमें बनाकर जिले भर में भेजी गई थीं जिन्हें थानों के साथ अफसरों के दफ्तरों में जाकर रेस्पांस चेक करना था। दोपहर करीब 12 बजे थानों में इन टीमों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हुआ जो दोपहर चार बजे तक चला। टीमें जिले के 29 थानों के अलावा एसएसपी समेत 12 अधिकारियों के दफ्तरों में भी फरियादी बनकर पहुंचीं। आपराधिक वारदातों की सूचना देकर कार्रवाई की मांग की लेकिन शाम तक सिर्फ 21 थानों में ही इन सूचनाओं पर रिपोर्ट दर्ज होने की खबर मिली।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक आठ थानों में तो रिपोर्ट ही दर्ज नहीं की गई। इसके साथ कई और थानों में वारदातों की सूचना पर वांछित रेस्पांस नहीं दिया गया। दोपहर बाद जब पुलिस महकमे में यह खबर आम हुई कि आईजी की ओर से रेस्पांस चेक कराया गया था तो इन थानों में देर शाम रिपोर्ट दर्ज की गई। रेस्पांस चेक के दौरान जिले में कुल मिलाकर चोरी की पांच, लूट की सात, गुमशुदगी की आठ और प्रेम प्रसंग में लड़की बहलाकर भगा ले जाने की एक घटना की रिपोर्ट दर्ज हुई। इन घटनाओं की सूचनाएं भी वायरलेस पर प्रसारित हुईं लेकिन इसके बावजूद अपने दफ्तरों में बैठे कई अफसर भी टस से मस नहीं हुए। अब रिपोर्ट दर्ज न करने वाले थानों के स्टाफ के साथ इन अफसरों में भी बेचैनी का माहौल है।

फौरन हरकत में आई कुछ थानों की पुलिस
लूट की सूचना पर एसएसपी ऑफिस से दौड़े सीओ तृतीय, काली बाइक पर टीशर्ट पहनकर निकले युवकों की तलाश
वायरलेस पर 12.45 बजे फतेहगंज पश्चिमी, एक बजे किला, डेढ़ बजे अलीगंज, 1.45 बजे भुता, दो बजे बिशारतगंज, सवा दो बजे बिथरी और ढाई बजे कोतवाली क्षेत्र में लूट की वारदात होने की सूचना प्रसारित हुई। बताया गया कि काले रंग की बाइक पर सफेद गमछा बांधे एक लुटेरा काली टीशर्ट और दूसरा सफेद टीशर्ट पहने हुए है। कुछ ही थानों की पुलिस इस सूचना पर फौरन हरकत में आई। कई जगह सड़कों पर चेकिंग शुरू हो गई। सीओ तृतीय साद मियां खान इस दौरान एसएसपी ऑफिस में शिकायतें सुन रहे थे जो वहां से फौरन मौके पर जाने के लिए निकल गए। काली और सफेद टी शर्ट पहने बाइक सवारों को पुलिस तलाशती रही लेकिन कोई नहीं मिला।

आईजी को भी दी गई सूचना
लगातार तीन लूट होने के मेसेज वायरलेस पर प्रसारित होने के बाद आईजी कार्यालय को भी इसकी सूचना दी गई। इस आईजी ने एसएसपी रोहित सिंह सजवाण को फोन करके लूट के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि ये रेस्पांस चेक की सूचनाएं हैं।

बारादरी पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने से पहले की छानबीन
दोपहर करीब सवा दो बजे दो लड़कियां एसएसपी कार्यालय पहुंचीं जिन्होंने बताया कि वे कोतवाली क्षेत्र में अपने घर से बरेली कॉलेज में पढ़ने जाती हैं। इस बीच कुछ लड़के उनके साथ छेड़छाड़ करते हैं। रेस्पांस चेक की योजना से पहले से वाकिफ एसएसपी ने लड़कियों को फौरन ही थाना बारादरी भेज दिया। हालांकि बारादरी पुलिस ने लड़कियों की शिकायत पर पहले रिपोर्ट दर्ज करने के बजाय उनसे पूछताछ और छानबीन की। पता चला कि इन दिनों कॉलेज बंद है लिहाजा छेड़छाड़ संभव नहीं है, इसलिए रिपोर्ट भी दर्ज नहीं की। इसके अलावा एक और थाने में मारपीट की शिकायत को फर्जी बताकर रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई।
रेस्पांस चेक के बहाने प्रशिक्षुओं को भी सबक
रेस्पांस चेक के दो मकसद थे। बुधवार को पुलिस लाइन में आईजी रमित शर्मा ने प्रशिक्षुओं को कामकाज के तरीके बताए थे। कहा था, थानों और ऑफिसों में जाकर वहां कामकाज का तरीका देखें। रिपोर्ट दर्ज कराकर पुलिस से पीड़ित के व्यवहार की पड़ताल करें। इस दौरान उनके साथ जो अच्छा व्यवहार हो उसे अपने काम के तरीके में शामिल करें और जो बात उन्हें खराब लगे, उसे अपनी नौकरी के कभी न करने का निर्णय लें। इससे प्रशिक्षुओं को थाने में होने वाले व्यवहार की जानकारी मिली, वहीं थानों और अधिकारियों के कार्यालय में शिकायतों की सुनवाई की हकीकत भी सामने आ गई।