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सोनभद्र DM की बड़ी कार्रवाई, फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रहे 8 शिक्षकों को किया बर्खास्त

ज्ञान प्रकाश चतुर्वेदी, सोनभद्रफर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे आठ शिक्षकों को बुधवार को बर्खास्त कर दिया गया है। बीएचयू (BHU) में हुए परीक्षण के बाद इनकी दिव्यांगता रिपोर्ट फर्जी पाई गई। रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने सभी को बर्खास्त करते हुए उनके विरुद्ध केस दर्ज कराने का आदेश दिया है। वेतन के रूप में ली गई धनराशि की वसूली भी की जाएगी। जानकारी के अनुसार, दिव्यांगता प्रमाण पत्र के आधार पर फर्जी तरीके से शिक्षक की नौकरी हथियाने का मामला सामने आने के बाद शासन ने वर्ष 2010 के बाद नियुक्त शिक्षकों के दिव्यांगता प्रमाण पत्र की जांच के निर्देश दिए थे।20 अक्टूबर 2020 को हुई थी जांचजिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के मुताबिक, घोरावल ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय भटिहवा में तैनात अभिषेक सिंह, बैजनाथ में तैनात संतोष यादव, बिसरेखी में तैनात रामप्रसाद, लक्षिमनपुर में तैनात रुचि राय, चतरा ब्लॉक के चरकोनवा में तैनात सुभाष चंद्र मौर्य, राबर्ट्सगंज ब्लॉक के गौरही में तैनात स्वर्णलता, महुआंव कला में तैनात प्रदीप कुमार देव पांडेय, उच्च प्राथमिक विद्यालय में तैनात राजेश कुमार यादव का 20 अक्टूबर 2020 को बीएचयू मेडिकल बोर्ड ने दिव्यांगता का परीक्षण किया था, जिसमें उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था।

18 मार्च को निरस्त कर दिया गया था दिव्यांगता प्रमाण पत्रबीएचयू में मेडिकल बोर्ड गठित कर इस कोटे से जिले में नियुक्त शिक्षकों की जांच कराई गई थी। चिकित्सकीय परीक्षण में आठ शिक्षक पूरी तरह ठीक नहीं मिले हैं। किसी ने श्रवण बाधित तो किसी ने खुद को दृष्टि बाधित बताते हुए दिव्यांगता रिपोर्ट बनवाई थी। जांच में इनकी रिपोर्ट फर्जी मिली है। विगत 18 मार्च को मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने उक्त सभी का दिव्यांगता प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया था।पिता की मौत के बाद PM मोदी को माना था अभिभावक, शादी पर मिला शुभकामना संदेशबीएसए ने रिकवरी के दिए निर्देशजांच रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने एडीएम योगेंद्र बहादुर सिंह के नेतृत्व में त्रिस्तरीय कमेटी गठित की थी। कमेटी ने विभिन्न बिंदुओं पर पड़ताल के बाद सभी आठ शिक्षकों के बर्खास्तगी की संस्तुति की। बीएसए डॉ. गोरखनाथ पटेल ने बताया कि चिकित्सकीय परीक्षण और जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर आठों शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है। उन पर मुकदमा दर्ज कराते हुए वेतन के रूप में लिए गए धन की रिकवरी के लिए संबंधित बीईओ को निर्देशित किया गया है।