मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीरो टॉलरेंस नीति का कड़ाई से पालन न करने वाले अधिकारियों को मनमानी भारी पड़ेगी। उन्हें बताना होगा कि एक अप्रैल 2017 से 31 मार्च 2021 तक भ्रष्टाचार के कितने दोषी कर्मियों को जबरिया रिटायर किया गया और कितनों पर कार्रवाई की गई। विभागाध्यक्षों से 18 जून तक इसकी पूरी जानकारी मांगी गई है। विभागों से मिलने वाली जानकारी मुख्यमंत्री को दी जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी ने सरकारी विभागों में पारदर्शी व्यवस्था बनाए रखने और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने के लिए दागियों पर कार्रवाई के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए हैं। इसमें यह साफ तौर पर कहा गया है कि दागियों को जबरिया रिटायर करने से लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई में किसी भी तरह की कोताही न बरती जाए। इसके बाद भी कुछ मामलों को दबाने का प्रयास किया गया। उच्च स्तर पर इसकी जानकारी होने के बाद विभागों से इस संबंध में पूरा ब्योरा तलब किया गया है।
विशेष सचिव कार्मिक शीतला प्रसाद ने सोमवार को सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव व सचिवों को इस संबंध में पत्र भेजा है। इसमें उनसे पूछा गया है कि समूह क, ख, ग और समूह घ के ऐसे कितने कर्मचारी हैं जिनके खिलाफ एक अप्रैल 2017 से 31 मार्च 2021 तक सरकारी सेवाओं से अनिवार्य सेवानिवृत्त, सेवा से हटाने, सेवा से पदच्युत और अन्य वृहद दंड, लघु दंड की कार्रवाई की गई है।
More Stories
Lucknow की ‘लेडी डॉन’ ने आईएएस की पत्नी बनकर महिलाओं से ठगी की, 1.5 करोड़ रुपये हड़पे
Rishikesh में “अमृत कल्प” आयुर्वेद महोत्सव में 1500 चिकित्सकों ने मिलकर बनाया विश्व कीर्तिमान, जानें इस ऐतिहासिक आयोजन के बारे में
Jhansi पुलिस और एसओजी की जबरदस्त कार्रवाई: अपहृत नर्सिंग छात्रा नोएडा से सकुशल बरामद