ट्रैक इंटरचेंज पर ट्रेन की रफ्तार कम होते ही करते थे लूटपाट, – Lok Shakti

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ट्रैक इंटरचेंज पर ट्रेन की रफ्तार कम होते ही करते थे लूटपाट,

गाजियाबाद जीआरपी ने चार युवकों को किया गिरफ्तारमुलायम सिंह यादव, मुकेश, सचिन और आदित्य को भेजा गया जेलगाजियाबाद में रेलवे लाइन के पास कैंची में ट्रेन होती थी धीमीट्रेन की रफ्तार कम होने का फायदा उठाकर आरोपी करते थे लूटगाजियाबादरेलवे लाइन को समझने के बाद महज 7 से 10 मिनट में वारदात को अंजाम देने वाले गैंग के 4 बदमाशों को यूपी के गाजियाबाद में जीआरपी ने गिरफ्तार किया है। बदमाशों ने न केवल ट्रैक के सिस्टम को समझा, बल्कि उसकी टाइमिंग के अनुसार अपनी रफ्तार को बनाया था। वारदात के बाद कोड वर्ड का प्रयोग करते थे।जीआरपी प्रभारी अमीराम सिंह ने बताया कि आरोपियों के नाम मुलायम सिंह यादव, मुकेश, सचिन और आदित्य है। उनके पास से एक लाख रुपये से अधिक की जूलरी, लैपटॉप, कई मोबाइल समेत अन्य सामान बरामद किया गया है। मुलायम सिंह यादव इस गैंग का लीडर है। वही वारदात की प्लानिंग करता था। गैंग के अन्य बदमाशों के बारे में पुलिस जानकारी कर रही है।प्राइवेट फैक्ट्री में दिखाने के लिए करते थे कामपूछताछ में सामने आया है कि आरोपी साहिबाबाद रेलवे ट्रैक के पास पीडीएम नाम की फैक्ट्री में नौकरी करते थे। पुलिस को बीते कुछ दिनों से उसी पॉइंट के आसपास लगातार वारदात की सूचना मिल रही थी।

इसके बाद पुलिस ने सुरक्षा बढ़ाई। जिसके बाद गैंग के बारे में जानकारी हुई और उन्हें गिरफ्तार किया गया।ट्रेन धीमी होने का उठाते थे फायदाजीआरपी प्रभारी में बताया कि फैक्ट्री के बाद रेलवे लाइन पर कैंची बनती है। जहां से ट्रेन आनंद विहार, निजामुद्दीन और आनंद विहार रेलवे स्टेशन के लिए जाती है। इस कैंची पर 5-10 मिनट ट्रेन की रफ्तार कम होती थी। इसका ही फायदा गैंग उठाता था।बरामद हुआ चोरी का सामानसिर्फ एसी कोच में महिलाओं को करते थे टारगेटआरोपियों ने बताया कि वह सिर्फ एसी कोच में वारदात को अंजाम देते थे। ये महिला को टारगेट करते थे।

इस दौरान लापरवाही से सोए लोगों के सामान को चोरी करने के साथ अगर कोई विरोध करता था तो उससे लूटपाट कर फरार हो जाते थे।एसी कोच में वारदात के सवाल पर आरोपियों ने बताया कि ऐसे कोच में लोग स्लीपर की तुलना कम अलर्ट होते हैं। इसके साथ ही महिलाओं बैग में उन्हें पुरुष की तुलना में ज्यादा कीमती सामन होता है।कोडवर्ड में करते थे बातवारदात के बाद पूरा गैंग एक दूसरे से कनेक्ट होता था। वे कई कोडवर्ड प्रयोग करते थे। महिला का सामान चोरी होने पर वह चप्पल मिल गई, जेब काटने पर कटिंग हो गई और किसी के पकड़े जाने की स्थिति में गार्ड को बुलाओ कहा करते थे।यह सभी कार्य 5-10 मिनट के अंदर ही होता था। वारदात को करने के बाद वह फैक्ट्री में चले जाते थे, जिससे पुलिस को उनकी जानकारी नहीं हो पाती थी।देशभर में 50 से ज्यादा वारदातआरोपियों ने पूछताछ में बताया कि मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, राजस्थान समेत कई रूट पर ट्रेनों में वारदात को अंजाम दे चुके हैं। हाल ही के दिनों में फैक्ट्री में जॉब कर साहिबाबाद वाले पॉइंट पर वारदात कर रहे थे। मुकेश का अन्य राज्यों पर आपराधिक इतिहास मिला है। इसके अन्य तीन भी पूर्व में जेल जा चुके हैं।जीआरपी ने गिरफ्तार किए आरोपी