शासकीय स्वामी आत्मानंद स्नातकोत्तर महाविद्यालय नारायणपुर के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा ” विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य पर कोविड-19 का प्रभाव” के विषय पर वर्चुअल वेबीनार आयोजित की गई। इस दौरान 90 से अधिक विद्यार्थियों ने कार्यक्रम में भाग लिया। बेबीनार में विद्यार्थियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के जवाब भी दिए गए। महाविद्यालय के प्राचार्य आर.एस.कुंजाम ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा , “आज के समय की जरूरत है कि विद्यार्थी बेहतर करियर के साथ-साथ स्वस्थ रहें। पढ़ाई के दौरान उनमें मानसिक तनाव व बोझ न बढ़े, इसका ध्यान रखना बहुत जरूरी है। हम सब इस वक्त कोरोनावायरस के चुनौती का सामना कर रहे हैं इससे ना केवल लोगों की शारीरिक स्वास्थ्य पर अपितु मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक असर पड़ रहा है जिसमें विद्यार्थी वर्ग भी अछूता नही रह गया है”।
समाजशास्त्री प्रोफेसर मीना देवांगन ने बताया, “ऑनलाइन क्लास के कारण विद्यार्थियों में सीखने की ललक अब पहले जैसी नहीं रही साथ ही उनको सभी चीज़ें पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो पातीं है। याद करने की क्षमता धीरे-धीरे कम होती जा रही है। इस बात को लेकर विद्यार्थियों का परेशान होना स्वभाविक है। उन्होंने बताया, पढ़ाई के साथ प्रतिदिन कुछ रचनात्मक कार्य करें जिससे आपको खुशी मिलती हो। ऑनलाइन पढ़ने के दौरान बीच मे विराम का दिन रखें”।
जिला अस्पताल नारायणपुर क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट प्रीति चांडक ने बताया, ” कोविड 19 के प्रारंभिक दिनों से ही लोगों के लिए पूरा माहौल बदल गया है। अचानक से स्कूल, कॉलेज बन्द पड़े हुए हैं। पारिवारिक और सामाजिक मेलजोल भी कम हो गए हैं। ऐसे में बच्चों के भविष्य को लेकर थोड़ी अनिश्चितता बनी हुई है इसका असर मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ना स्वाभाविक है। यह कहना गलत नहीं होगा कि विद्यार्थी आने वाले कल के भविष्य के निर्माता हैं, परंतु विद्यार्थियों में इस कोविड-19 आपदा के कारण नकारात्मक विचार, मानसिक अस्थिरता, आत्मविश्वास में कमी कहीं ना कहीं उनके उनके लिये समस्या उत्पन्न कर रही है। प्रत्येक विद्यार्थी स्कूल-कॉलेज के द्वारा अपनी शिक्षा के साथ-साथ और अन्य व्यवहारिक भावनाओं का विकास करता है। जब कभी किसी छात्र को किसी प्रकार की कोई मानसिक परेशानी हो रही हो तो वह सबसे पहले अपने मित्र या कभी-कभी अपने शिक्षकों से अपनी बातें शेयर करता है। लेकिन ऐसा नही होने और मन मे परेशानियां दबा कर रखे रहने से तनाव, गुस्सा, चिंता ,घबराहट , निद्रा विकार इत्यादि की समस्या बढ़ने लगती है। ऐसे में नकारात्मक भावनाओं का दमन करने या उससे छुटकारा पाने का प्रयास करने के बजाय ,समस्याओं का नए नजरिये से विश्लेषण करे । पहले अपना लक्ष्य निर्धारित करें क्योंकि ये हमें जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण प्रदान करता है। असफलता से सबक लें और अपनी कमियों में सुधार करें। सैर पर जाएं और व्यायाम को अपनी आदत बनाएं। अच्छी संगत में रहें, पूरी नींद लें। बदलाव कर इन समस्याओं से सुलझा जा सकता है”।
प्रीति चाण्डक ने सभी विद्यार्थियों को मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिये 8 नियम अपनाने को कहा-
1- साइकोएजुकेशन- इस बात को स्वीकार करना होगा कि अभी जो परिस्थितियां हैं वह हमारे नियंत्रण में नहीं है। क्योंकि चीजों को स्वीकार करते हैं तो परिस्थिति के अनुसार खुद को अनुकूल रखना आसान होता है।
2- जब कभी भी घबराहट हो या डर महसूस हो तो 5-3-5 ब्रीथिंग एक्सरसाइज करें।
3- प्रतिदिन ध्यान लगाएं और योग करें।
4-चिड़चिड़ापन ,गुस्से को कम करने के लिए माइंडफूलनेस टेक्निक अपनाएं। जब कभी भी गुस्सा आए तो 1-10 तक काउंटिंग करें, तुरंत किसी भी बात पर ही रिएक्ट ना करें थोड़ी देर सोचे, फिर रिस्पॉन्ड करें।
5-नींद में परेशानी होने पर स्लीप हाइजीन फॉलो करें – जैसे सोने वाले रूम में किसी भी प्रकार का डिस्ट्रैक्ट करने वाली चीज नहीं होनी चाहिए, सोने से पहले किसी भी प्रकार का पेय जैसे चाय कॉफी अल्कोहल इत्यादि का सेवन नहीं करना चाहिए। जब आप बिस्तर पर जाओ तो मोबाइल का प्रयोग बिल्कुल ना करें, बोरिंग किताब पढ़ें।
6- दिन में दो बार रिलैक्सेशन थेरेपी करें।
7-किसी भी प्रॉब्लम से निकलने के लिए प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल को अपनाएं।
8 सकारात्मक व्यवहारिक आदत अपनाएं। जब किसी अपनों से मिले उनसे सकारात्मक बात करें। सकारात्मक बातें निराशा अवसाद और चिंता को दूर करते हैं।
विद्यार्थियों द्वारा मानसिक स्वास्थ्य संबंधित निम्न प्रश्नों पूछे गए
प्रश्न- फोकस बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए।
उत्तर- मेडिटेशन माइंडफूलनेस थेरेपी और कुछ खेल जैसे चैस कैरम इत्यादि के द्वारा हम फोकस को बढ़ा सकते हैं।
प्रश्न-मन में आने वाले नकारात्मक विचारों को कैसे कम करें।
उत्तर-जैसे ही आपके मन में नकारात्मक विचार है तुरंत आप अपने मन को डायवर्ट कर लीजिए किसी भी ऐसे काम में जो आपका फेवरेट हो या जो आपको पसंद हो।
प्रश्न-मोबाइल एडिक्शन और दिनचर्या में बदलाव के कारण नींद नहीं आने की समस्या को कैसे कम करें।
उत्तर-स्लीप हाइजीन फॉलो करें। संतुलित आहार ले।
प्रश्न-स्वयं को कैसे मोटिवेट करें।
उत्तर-उठने के बाद रोज एक लक्ष्य निर्धारित करें और रात में सोने से पहले यह चेक करें कि वह पूरा हुआ है या नहीं। अगर आपने उस लक्ष्य को अचीव किया तो आप अगले दिन के लिए फिर मोटिवेट होंगे
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