संघ और भाजपा के महामंथन में ‘ब्रांड मोदी’ की महत्ता से किसी को भी एतराज नहीं है। पार्टी के उत्तर प्रदेश में मंत्री भी मानते हैं कि ‘ब्रांड मोदी’ के प्रभावी रहने पर सत्ता भी रहेगी और पार्टी, संगठन तथा नेताओं भविष्य भी सुरक्षित रहेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी मानना है कि आंतरिक स्तर पर एक दूसरे की टांग खिंचाई करके कोई लक्ष्य नहीं हासिल हो सकता। सभी को संघे शक्ति (एकता में बल) को मूल मंत्र मानकर काम करना होगा। समझा जा रहा है कि इसी दिशा में अगला संदेश देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिल्ली आए हैं। योगी की इस दिल्ली यात्रा में पार्टी के भीतर उत्तर प्रदेश में चल रहे टकराव और संकट का कोई बीच का रास्ता निकलने की उम्मीद भाजपा नेताओं को भी है और कार्यकर्ताओं को भी।मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उनकी मुलाकात प्रस्तावित है। साथ ही योगी भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिलेंगे। समझा जा रहा है कि मुख्यमंत्री अपने साथ मंत्रिमंडल में फेरबदल, विस्तार का खाका भी लेकर आए हैं। इस पर केन्द्रीय नेतृत्व की कुछ संशोधन के साथ मुहर लग सकती है और इसके बाद यथाशीघ्र उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार का रास्ता साफ हो जाएगा। उत्तर प्रदेश के प्रभारी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री राधामोहन सिंह पहले ही मंत्रिमंडल में संभावित विस्तार का संकेत दे चुके हैं। मंत्रिमंडल विस्तार के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उनकी टीम और पूरी भाजपा उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के रोडमैप में जुट जाएगी।
कैसे बढ़ेगी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता?
उत्तर प्रदेश भाजपा के एक नेता कहते हैं कि उन्हें दो बातें मानने में कोई गुरेज नहीं है। पहली तो यह कि विपक्ष द्वारा पैदा किए गए भ्रम के कारण कोरोना की दूसरी लहर में जनता के बीच में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि को कुछ झटका लगा है। दूसरा उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के कामकाज से लोगों में नाराजगी बढ़ गई, लेकिन यह बस कुछ दिनों की बात है। पार्टी और संगठन जनता के बीच में जाना शुरू कर चुका है। जल्द ही यह भ्रम भी दूर हो जाएगा। वह कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नियत पर संदेह नहीं किया जा सकता। यही हमारी पूंजी है कि हमारे नेता ईमानदार हैं। उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह पहले ही इस तरह का बयान भी दे चुके हैं।बनारस और प्रयागराज से संघ से भाजपा में आए दो बड़े नेता इन दिनों दिल्ली में हैं। पार्टी के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। उनका कहना है कि संगठन के पास 2022 में सत्ता में फिर आने का पूरा रोडमैप है। वह बताते हैं कि जुलाई महीने से केन्द्रीय नेताओं का उत्तर प्रदेश में दौरा आरंभ हो जाएगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री और नेता भी राज्यों के विभिन्न हिस्सों का दौरा करेंगे और संगठन तथा पार्टी के कार्यकर्ता लोगों के बीच में जाकर अभियान चलाएंगे। जनता के बीच में केन्द्र सरकार, राज्य सरकार की योजनाओं को बताया जाएगा। ज्ञानेश्वर शुक्ला तो कहते हैं कि माथे पर पसीना तब हो जब कोई विपक्षी हमारे नेताओं के मुकाबले में हो। यहां तो कोई है ही नहीं?
कांग्रेस का दावा जितना कांग्रेस ऊपर उठेगी, उतना भाजपा नीचे आएगी
कांग्रेस के नेता प्रमोद तिवारी उत्तर प्रदेश में राजनीति की नब्ज को समझते हैं। विशेष बातचीत में प्रमोद तिवारी ने कहा कि भाजपा की सरकार से जनता कितनी नाराज है, इसे बताने की जरूरत नहीं है। अब यह दिखाई दे रहा है। साफ सी बात है, जितना कांग्रेस राजनीति में ऊपर उठेगी, उतना ही भाजपा का ग्राफ नीचे आएगा। समाजवादी पार्टी के संजय लाठर कहते हैं कि भाजपा के भीतर काफी बेचैनी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के खिलाफ भाजपा के ही लोगों ने मोर्चा खोल रखा है। हम तो चाहते हैं कि योगी सत्ता में बने रहें। इससे हमें फायदा होगा। लाठर कहते हैं कि योगी के चार साल के कामकाज और प्रधानमंत्री के रवैये ने भाजपा से लोगों के मोह को भंग कर दिया है। वह कहते हैं कि समाजवादी पार्टी के संपर्क में तमाम नेता हैं, लेकिन पार्टी मूल्यों की राजनीति पर जोर दे रही है।
क्या कांग्रेस की ढोल फोड़कर ‘ब्रांड मोदी’ बचा पाएंगे भाजपा के रणनीतिकार?
यह एक बड़ा सवाल है। महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव कहती हैं कि कांग्रेस की ढोल फोड़ पाना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के बस की बात नहीं है। भले वह इसके लिए उत्तराखंड, कर्नाटक, मध्यप्रदेश की तरह कई राज्यों में आपरेशन लोटस क्यों न चला लें। लेकिन भाजपा के नेता इसी में भरोसा करते हैं। आप देखिए न बंगाल में वह तृणमूल से तमाम नेताओं को तोड़कर भाजपा में ले आए, लेकिन अब जनता इस खेल को समझने लगी है। कांग्रेस के नेता एसवी रमणी कहते हैं कि भाजपा के पास आखिर और गिनाने के लिए है क्या? वह या तो दूसरे दलों के अवसरवादी नेताओं को तोड़कर सरकार बनाती है या फिर चुनी सरकार गिराती है। राजनीति करने के लिए हिन्दू-मुसलमान के बीच में झगड़े लगाती है। एसवी रमणी कहते हैं कोरोना की दूसरी लहर के बाद भाजपा फिर अपने इसी तरह के हथियार को भांजकर ब्रांड मोदी की छवि बचाने की कोशिश करेगी। लेकिन आप देखिएगा, अब यह सब आगे नहीं चलने वाला है।
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