मण की दर और तीसरी लहर की आशंकाओं की वजह से उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद् (UPMSP) ने कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला लिया था। जिसके बाद यूपी सरकार ने कक्षा दसवीं और बारहवीं के विद्यार्थियों का परिणाम तैयार करने के लिए मूल्यांकन नीति बनाने हेतु जिलों के स्कूल निरीक्षकों से सुझाव मांगे थे। मंगलवार को विधान परिषद सदस्यों ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में बिना परीक्षा प्रोन्नत होने वाले परीक्षार्थियों के अंक निर्धारण के लिए अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने विधायकों के साथ वर्चुअल बैठक आयोजित की थी। इस बैठक में 7 तरह के सुझावों पर चर्चा की गई। पढ़िए…
1. एमएसली डॉ. हरि सिंह ढिल्लो ने हाई स्कूल में प्राप्त अंकों, कक्षा 11 की वार्षिक परीक्षा के प्राप्तांक और 12वीं की प्री-बोर्ड के अंकों को शामिल करते हुए इंटरमीडिएट का परीक्षा परिणाम जारी करने का सुझाव दिया।
2. एमएलसी डॉ. यज्ञ दत्त शर्मा ने बिना परीक्षा के प्रमोट होने वाले विद्यार्थियों को भविष्य में सुधार का अवसर प्रदान देने का प्रस्ताव रखा है।
3. उमेश द्विवेदी ने विद्यालयों के प्रधानाचार्यो की ओर से दिए गए अंकों को आधार बनानकर परीक्षा परिणाम घोषित करने का सुझाव पेश किया है।
4. सुरेश चंद्र त्रिपाठी ने विद्यालय की अर्द्धवार्षिक, वार्षिक तथा प्री-बोर्ड के अंकों के आधार पर परीक्षा परिणाम तैयार करने का प्रस्ताव पेश किया है।
5. आकाश अग्रवाल ने हाई स्कूल बोर्ड परीक्षा के अंकों के साथ 12वीं की प्री-बोर्ड के प्राप्तांक के आधार पर परिणाम घोषित करने का सुझाव दिया।
6. राजकीय शिक्षक संघ के अध्यक्ष सुनील कुमार भडाना ने मासिक, अर्द्धवार्षिक और प्री-बोर्ड परीक्षा के अंकों के आधार पर परिणाम जारी करने का सुझाव दिया।
7. एमएलसी श्रीचंद शर्मा ने विद्यार्थियों को उदारता से अंक देने और भविष्य में अंक सुधार का अवसर देने और एमएलसी लाल विहारी यादव ने सुझाव दिया कि अंको का निर्धारण इस प्रकार किया जाए जिससे विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले विद्यार्थियों का नुकसान न हो।
देश में कोरोना संक्रमण की दर और तीसरी लहर की आशंकाओं की वजह से उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद् (UPMSP) ने कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला लिया था। जिसके बाद यूपी सरकार ने कक्षा दसवीं और बारहवीं के विद्यार्थियों का परिणाम तैयार करने के लिए मूल्यांकन नीति बनाने हेतु जिलों के स्कूल निरीक्षकों से सुझाव मांगे थे। मंगलवार को विधान परिषद सदस्यों ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में बिना परीक्षा प्रोन्नत होने वाले परीक्षार्थियों के अंक निर्धारण के लिए अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने विधायकों के साथ वर्चुअल बैठक आयोजित की थी। इस बैठक में 7 तरह के सुझावों पर चर्चा की गई। पढ़िए…
1. एमएसली डॉ. हरि सिंह ढिल्लो ने हाई स्कूल में प्राप्त अंकों, कक्षा 11 की वार्षिक परीक्षा के प्राप्तांक और 12वीं की प्री-बोर्ड के अंकों को शामिल करते हुए इंटरमीडिएट का परीक्षा परिणाम जारी करने का सुझाव दिया।
2. एमएलसी डॉ. यज्ञ दत्त शर्मा ने बिना परीक्षा के प्रमोट होने वाले विद्यार्थियों को भविष्य में सुधार का अवसर प्रदान देने का प्रस्ताव रखा है।
3. उमेश द्विवेदी ने विद्यालयों के प्रधानाचार्यो की ओर से दिए गए अंकों को आधार बनानकर परीक्षा परिणाम घोषित करने का सुझाव पेश किया है।
4. सुरेश चंद्र त्रिपाठी ने विद्यालय की अर्द्धवार्षिक, वार्षिक तथा प्री-बोर्ड के अंकों के आधार पर परीक्षा परिणाम तैयार करने का प्रस्ताव पेश किया है।
5. आकाश अग्रवाल ने हाई स्कूल बोर्ड परीक्षा के अंकों के साथ 12वीं की प्री-बोर्ड के प्राप्तांक के आधार पर परिणाम घोषित करने का सुझाव दिया।
6. राजकीय शिक्षक संघ के अध्यक्ष सुनील कुमार भडाना ने मासिक, अर्द्धवार्षिक और प्री-बोर्ड परीक्षा के अंकों के आधार पर परिणाम जारी करने का सुझाव दिया।
7. एमएलसी श्रीचंद शर्मा ने विद्यार्थियों को उदारता से अंक देने और भविष्य में अंक सुधार का अवसर देने और एमएलसी लाल विहारी यादव ने सुझाव दिया कि अंको का निर्धारण इस प्रकार किया जाए जिससे विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले विद्यार्थियों का नुकसान न हो।
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