अनूप शर्मा, मथुरामथुरा के वृंदावन स्थित श्री बांके बिहारी मंदिर पर जनसैलाब उमड़ रहा है। दरअसल, भारत मान्यताओं का देश है और यहां धर्म संस्कृति और आध्यात्म के प्रति निष्ठा रखने वालों की संख्या बहुत अधिक है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर में बहुत सारी बंदिशें लोगों के स्वास्थ्य की दृष्टि से लागू की गईं।उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण का प्रभाव कम होने के बाद 1 जून से कोरोना कर्फ्यू का प्रतिबंध हटाया गया। जिन जिलों में कोविड के 600 से कम एक्टिव केस हैं वहां से कोरोना का प्रतिबंध हटाया गया।
1 जून से लागू गाइडलाइन के बाद खुले मंदिरमथुरा में कोरोना कर्फ्यू का प्रतिबंध हटने के बाद प्रमुख मंदिरों में दर्शनों की प्रक्रिया निर्धारित गाइडलाइन के अनुसार शुरू की गई। वृंदावन स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री बांके बिहारी मंदिर में भी दर्शनार्थियों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद दर्शन की प्रक्रिया प्रारंभ हुई। यह तय किया गया कि एक बार में सिर्फ 5 श्रद्धालु ही श्री बांके बिहारी जी के दर्शन कर सकेंगे, लेकिन सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन और स्थानीय पुलिस-प्रशासन एवं मंदिर प्रबंधन की तमाम तैयारियों के बावजूद ऐसा लगता है कि आस्था इस वैश्विक महामारी पर भारी है।बिहारी जी मंदिर के दृश्यों में गाइडलाइन की उड़ती नजर आईं धज्जियांश्री बांके बिहारी मंदिर से जो दृश्य सामने आ रहे हैं, उन्हें देखकर लगता है कि कोरोना कहीं है ही नहीं। भक्तों का अपने आराध्य के प्रति समर्पण कोरोना को पीछे छोड़ रहा है। इस संक्रामक बीमारी को दरकिनार कर श्री बांके बिहारी मंदिर पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है। छात्रवृत्ति घोटाले में शुरू हुई रिकवरी, सीएम योगी ने कराई थी जांच1 जून से लेकर 8 जून के बीच यह स्थिति नजर आ रही है। मंगलवार 8 जून को श्री बांके बिहारी मंदिर के जो दृश्य सामने आए उन्हें देखकर कोई भी नहीं कह सकता था कि वास्तव में कहीं कोरोना का खतरा है, बल्कि इन दृश्यों को देखकर किसी भी आम आदमी को यह डर सता सकता है कि आखिर व्यवस्थाएं और इंतजाम कहां हैं?
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