अलीगढ़ के नौरंगाबाद पीएचसी में कोरोना की वैक्सीन के रिकॉर्ड में हेरफेर हुआ है। इसी वजह से यहां की स्टाफ नर्स को फिलहाल विभाग ने कार्यमुक्त करते हुए छुट्टी पर भेज दिया है। मामले की इस कार्रवाई से शासन को भी अवगत करा दिया गया है। फिलहाल टीम आगे की जांच कर रही है। अलीगढ़ का यह वही पीएचसी है जहां की वैक्सीन ग्रेटर नोएडा के जेपी ग्रीन्स सोसाइटी में लगाये गए टीकाकरण कैम्प के प्रमाणपत्र में दर्ज हुई। सोसायटी के लोगों ने आरोप लगाया था कि अलीगढ़ की वैक्सीन उनकी सोसायटी में लगाई गयी थी।ग्रेटर नोएडा के जेपी ग्रीन्स सोसाइटी में नौरंगाबाद शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (यूपीएचसी) को आवंटित वैक्सीन लगाने के मामले की जांच शुरू हो गई है। प्रारंभिक जांच में वैक्सीन से संबंधित रिकार्ड अपूर्ण पाए गए हैं। स्टाफ नर्स पुष्पा को तत्काल प्रभाव से कार्य से विरत कर अवकाश पर भेज दिया गया है। 21 और 28 मई को नोएडा के जेपी ग्रीन्स सोसाइटी में शिविर लगाकर 187 लोगों को टीका लगाया गया था। सोसाइटी में जो टीका लगाया गया है, वह नौरंगाबाद पीएचसी को आवंटित हुए थे। सीएमओ डॉ. बीपी सिंह कल्याणी ने इस मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी गठित की है। रविवार को जांच टीम के सदस्यों ने नौरंगाबाद पीएचसी में जाकर कोविड वैक्सीन से संबंधित दस्तावेजों की जांच की तो पाया कि रिकॉर्ड अधूरा है।
नर्स पुष्पा को भेजा छुट्टी पर
कोल्ड चेन और कोविड वैक्सीनेशन से संबंधित ज़रूरी दस्तावेजों के रखरखाव की जिम्मेदारी संविदा पर तैनात स्टाफ नर्स पुष्पा के पास है। सीएमओ डॉ. बीपी सिंह कल्याणी ने बताया कि प्रथम दृष्टतया संदेह होने के कारण जांच होने तक के लिए स्टाफ नर्स पुष्पा को तत्काल प्रभाव से अवकाश पर भेज दिया गया है। सीएमओ ने बताया कि एसीएमओ डॉ. अनुपम भास्कर एवं डॉ. एसपी सिंह मामले की जांच कर रहे हैं। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। अलीगढ़ मंडल के एडी हेल्थ डॉ. एसके उपाध्याय ने कहा कि अलीगढ़ को आवंटित वैक्सीन नोएडा में लगना गंभीर मामला है। इस मामले में संदेह होने पर स्टाफ नर्स के खिलाफ कार्रवाई हुई है। हम लोग पूरे प्रकरण पर नजर बनाए हुए हैं।
आखिर नोएडा कैसे पहुंचा टीका
नौरंगाबाद पीएचसी को आवंटित वैक्सीन नोएडा के जेपी ग्रीन्स सोसाइटी में कैसे पहुंच गई, यह जांच का विषय है। इस खेल के पीछे कौन लोग हैं और किन-किन लोगों ने मदद की, इस रहस्य पर से पर्दा उठना जरूरी है। इसके पहले ही जमालपुर में वैक्सीन की बर्बादी का मामला सामने आया था। मई महीने के आखिरी पखवाड़े में जमालपुर यूपीएचसी पर वैक्सीन भरी 29 सिरिंज कूड़ेदान में मिली थीं। जांच में निहा खान नाम की एएनएम दोषी पाई गई थी। वह लोगों के हाथ में वैक्सीन भरी सुई चुभोकर निकाल लेती थी। वैक्सीन शरीर में पहुंचाए बिना सुई तोड़कर सिरिंज कूड़ेदान में फेंक देती थी। जांच रिपोर्ट आने के बाद संविदा पर तैनात एएनएम निहा खान की सेवा समाप्त कर दी गई। उनके खिलाफ थाना सिविल लाइन में तहरीर दी गई थी।
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