कोरोना वैक्सीनेशन से लेकर जीएसटी की शेष क्षतिपूर्ति राशि के बाद अब डीएमएफ फंड के मुद्दे पर राज्य और केंद्र सरकार के बीच मतभेद नजर आ रहा है. राज्य सरकार के मंत्रियों को जहां लग रहा है कि केंद्र सरकार कांग्रेस शासित राज्य होने की वजह से इन मुद्दों पर उसके साथ भेदभाव कर रही है, वहीं दूसरी ओर भाजपा नेताओं का तर्क है कि केवल एक राज्य नहीं बल्कि सभी राज्यों से रायशुमारी के बाद इन कदमों को उठाया गया है.
न्यूज 24 मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ के कार्यक्रम ‘गदर’ में संदीप अखिल ने इन ज्वलंत मुद्दों पर राज्य सरकार और विपक्षी भाजपा की राय जानने के लिए नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया और पूर्व नगरीय प्रशासन मंत्री अमर अग्रवाल से सीधे सवाल किए. वैक्सीनेशन के मुद्दे पर मंत्री डॉ. शिव डहरिया ने केंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि टीकाकरण राष्ट्रीय कार्यक्रम है, जिसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार को अपने हाथ में लेने की बजाए राज्य सरकारों पर छोड़ दिया है. अब राज्य सरकार पैसा भी दे रही है तो उसे वैक्सीन नहीं मिल रहा है. वैक्सीन नीति में केंद्र सरकार विफल रही है.
वहीं पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने तर्क दिया कि जब वैक्सीनेशन का कार्यक्रम नहीं हुआ था, जब राज्य सरकार ने घोषणा की थी कि पूरे प्रदेश के लोगों का मुफ्त में वैक्सीनेशन किया जाएगा. लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार है जो बीपीएल के आधार पर वैक्सीनेशन कर रही है, जिस पर उच्च न्यायालय ने रोक लगाई. इसके बाद सरकार ने बीपीएल-एपीएल के लिए अलग-अलग कैंप लगाकर वैक्सीन को बर्बाद किया.
जीएसटी को लेकर मंत्री शिव डहरिया ने कहा कि जीएसटी काउंसिल में जानबूझकर कांग्रेस शासित राज्यों को शामिल नहीं किया गया. छत्तीसगढ़ को केंद्र से 1520 करोड़ रुपए जीएसटी का मिलना है, लेकिन वह नहीं मिलना है. केंद्र सरकार बैंक से लोन लेने की बात कह रही है. मोदी सरकार छत्तीसगढ़ की जनता से विश्वासघात कर रही है. मनमोहन सिंह सरकार ने ऐसा भेदभाव नहीं किया था.
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