भारत में इतनी तेजी से लोकप्रीय होने वाले सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर (Twitter) द्वारा हिंदी भाषा को मान्यता न होने का मामला अब मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में जा पहुंचा है। बुधवार को कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद हाईकोर्ट द्वारा केंद्र सरकार से सवाल पूछा गया है कि, उसकी ओर से ट्विटर पर हिंदी को प्रमोट करने के लिए अब तक क्या किया गया है। बता दें कि, केन्द्र सरकार को एक माह के भीतर हाईकोर्ट को जवाब देना होगा।
ट्विटर में 9 भाषाओं को मान्यता, पर हिन्दी क्यों नहीं?
ट्विटर द्वारा अब तक हिन्दी भाषा क्यों मान्यता क्यों नहीं दी, इसे लेकर बालाघाट की लांजी विधानसभा सीट से पूर्व विधायक किशोर समरीते द्वारा जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका के मुताबिक, ट्विटर ने विश्व की 9 भाषाओं को मान्यता दी है, लेकिन भारत में सर्वाधिक बोली और समझी जाने वाली हिन्दी भाषा को मान्यता क्यों नहीं दी है। जबकि, भारत की आबादी का बड़ा वर्ग ट्विटर का इस्तेमाल करता है। याचिकाकर्ता ने इस संबंध में केन्द्र सरकार को भी पत्र लिखा, लेकिन अब तक उन्हें इसका कोई जवाब नही मिला है।
याचिका में यह भी कहा गया है कि, भारत में तो ट्विटर पर हिन्दी में ट्वीट दिखते हैं, लेकिन विदेशों में हिन्दी भाषा के ट्वीट को अंग्रेजी में ट्रांसलेट करके दिखाया जाता है। इसी वजह से ज्यादातर हिन्दी ट्वीट्स के मायने भी बदल जाते हैं। इस बड़ी समस्या से निजात पाने के लिये ट्विटर को हिन्दी भाषा को मान्यता देना जरूरी है।
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