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कोरोना काल में मरीजों से उगाही करने वाले अस्पतालों की जांच शुरू, जल्द होगी कार्रवाई

गाजियाबादगंभीर रूप से बीमार मरीजों के इलाज के नाम पर अधिक बिल वसूलने और दुर्व्यवहार करने वाले अस्पताल अब शासन के निशाने पर आ गए हैं। ऐसे अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रदेश के कैबिनेट और जिले के प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना ने डीएम को एक कमिटी गठित करने को कहा था। कमिटी ने अब इन अस्पतालों के बिलों को खंगालना शुरू कर दिया है। कमिटी के चेयरमैन नगर आयुक्त बताया कि उनकी जांच में यदि निर्धारित शुल्क से अधिक बिल की वसूली की बात सामने आई तो संबंधित अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसकी रिपोर्ट 20 जून तक डीएम को प्रेषित की जाएगी। नगर आयुक्त ने बताया कि लोग अपनी ज्यादा पैसे वसूलने की शिकायत [email protected] पर कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि ओवर चार्जिंग को लेकर कई अस्पतालों के बारे में पुख्ता साक्ष्य भी मिले हैं, 20 जून तक हम रिपोर्ट सौंप देंगे।अस्पतालों पर लगे थे अधिक रुपये लेने के आरोपबता दें कि जिले में 10 अप्रैल से कोरोना की दूसरी लहर ने तेजी पकड़ ली थी, जो करीब एक महीने तक रही। इस दौरान अधिकांश अस्पतालों ने बेड फुल के बोर्ड लगा दिए थे, दवाइयों की कमी हो गई थी और ऑक्सिजन की किल्लत बन गई थी। इसके कारण कई मरीज तो अस्पतालों में बेड ना मिलने के कारण अस्पताल के बाहर ही दम तोड़ दिए थे। वहीं, कई मरीजों की ऑक्सिजन और वेंटिलेटर ना मिलने से मौत हुई थी। इस दौरान कई अस्पतालों ने आपदा को अवसर के रूप में मानते हुए मरीजों के इलाज के नाम पर खूब वसूली की। लोहिया नगर स्थित एक अस्पताल ने बिल का पूरा भुगतान न करने पर मरीज की मौत होने पर उसके शव को लौटाने से मना कर दिया। बाद में सिहानी गेट पुलिस के दखल के बाद शव मिला था। वहीं, कई मरीजों के तीमारदारों ने रेमडेसिविर इंजेक्शन के 50 हजार रुपये तक लेने और कुछ ने बिना इंजेक्शन लगाए ही, लेकिन मरीज की पर्ची (समरी) पर लिखने के भी आरोप लगे थे। कई अस्पतालों ने लाखों रुपये जांच व इलाज के साथ ही पीपीई किट की कीमत भी अलग से जोड़ कर वसूली की।मंत्री के निर्देश पर डीएम ने बनाई कमिटीअस्पतालों में निर्धारित शुल्क से अधिक वसूलने की शिकायत पर डीएम डॉ. अजय शंकर पांडेय ने एसडीएम स्तर के एक अफसर के नेतृत्व में टीम गठित कर जांच के निर्देश दिए थे। इधर, मंगलवार को जिले के प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना जब समीक्षा करने पहुंचे तो कई जनप्रतिनिधियों ने फिर से अस्पतालों पर लूटपाट के आरोप लगाए। बीजेपी से जुड़े नेताओं का कहना था कि प्रशासन ने जो कमिटी बनाई है, वह पीसीएस अफसरों की है, जबकि कई अस्पतालों के संचालक काफी प्रभावी हैं। ये अफसरों पर दबाव बना रहे हैं, जिस पर प्रभारी मंत्री ने डीएम को एक वरिष्ठ आईएएस के नेतृत्व में टीम का गठन करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद डीएम ने नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर दिया। इसमें एसीएम विनय सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी मिथलेश और फाइनैंस से जुड़े अफसरों को शामिल किया गया।टीम ने शुरू की जांचटीम के चेयरमैन नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने बताया कि उन्होंने बिलों की जांच शुरू कर दी है, जिन अस्पतालों पर आरोप लगे हैं, उनकी लिस्ट तैयार की गई। जांच की एक पूरी रिपोर्ट तैयार कर 20 जून को डीएम को सौंपी जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर अस्पतालों के कार्रवाई की जाएगी।