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चंदौली जिले में एक व्यक्ति को सूंड़ से पटककर मार डालने वाले बिगड़ैल नर हाथी मिट्ठू को जल्दी ही लखीमपुर खीरी के दुधवा लाया जाएगा। वाराणसी की सीजेएम कोर्ट के आदेश पर यह कार्रवाई की जा रही है। दुधवा प्रशासन हाथी को लाने और उसे यहां रखने की तैयारियों में जुट गया है।अक्तूबर, 2019 में एक साधु के पालतू हाथी मिट्ठू को उसका महावत मेले में लेकर जा रहा था। रास्ते में हाथी ने एक ग्रामीण को सूंड़ से पटककर मार डाला था। मृतक के परिजन की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया था। इस पर महावत को गिरफ्तार कर लिया था।साधु के पास हाथी पालने का लाइसेंस न होने के जुर्म में काशी वन विभाग ने संबधित के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था। इस पर साधु ने वाराणसी के सीजेएम कोर्ट में हाथी को अपने पास रखने की अनुमति मांगी थी। कोर्ट ने साधु के प्रार्थना पत्र को निरस्त करने के बाद काशी वन विभाग डिवीजन को आदेश दिया था कि हाथी को कब्जे में लेकर उसकी देखरेख के लिए दुधवा नेशनल पार्क भेजा जाए। कोर्ट के आदेश के बाद चंदौली वन प्रभाग के तत्कालीन प्रभारी डीएफओ महावीर कौजलगि ने दुधवा प्रशासन से हाथी ले जाने का अनुरोध किया था।
इस बीच कोरोना, लॉकडाउन और अन्य कारणों के चलते हाथी को दुधवा नहीं लाया जा सका था। अब सामान्य हो रहीं स्थितियों को देखते हुए दुधवा प्रशासन ने चंदौली से हाथी लाने की तैयारी शुरू कर दी है।दुधवा टाइगर रिजर्व के मुख्य वन संरक्षक/ फील्ड निदेशक संजय पाठक ने बताया कि हाथी को चंदौली से एक विशेष ट्रक से दुधवा लाया जाएगा। हाथी को लाने के लिए दुधवा से एक टीम भेजी जा रही है। इसमें महावत के अलावा पशु चिकित्सकों की टीम और वनाधिकारी शामिल होंगे।
चंदौली जिले में एक व्यक्ति को सूंड़ से पटककर मार डालने वाले बिगड़ैल नर हाथी मिट्ठू को जल्दी ही लखीमपुर खीरी के दुधवा लाया जाएगा। वाराणसी की सीजेएम कोर्ट के आदेश पर यह कार्रवाई की जा रही है। दुधवा प्रशासन हाथी को लाने और उसे यहां रखने की तैयारियों में जुट गया है।
अक्तूबर, 2019 में एक साधु के पालतू हाथी मिट्ठू को उसका महावत मेले में लेकर जा रहा था। रास्ते में हाथी ने एक ग्रामीण को सूंड़ से पटककर मार डाला था। मृतक के परिजन की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया था। इस पर महावत को गिरफ्तार कर लिया था।
साधु के पास हाथी पालने का लाइसेंस न होने के जुर्म में काशी वन विभाग ने संबधित के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था। इस पर साधु ने वाराणसी के सीजेएम कोर्ट में हाथी को अपने पास रखने की अनुमति मांगी थी।
कोर्ट ने साधु के प्रार्थना पत्र को निरस्त करने के बाद काशी वन विभाग डिवीजन को आदेश दिया था कि हाथी को कब्जे में लेकर उसकी देखरेख के लिए दुधवा नेशनल पार्क भेजा जाए। कोर्ट के आदेश के बाद चंदौली वन प्रभाग के तत्कालीन प्रभारी डीएफओ महावीर कौजलगि ने दुधवा प्रशासन से हाथी ले जाने का अनुरोध किया था।
इस बीच कोरोना, लॉकडाउन और अन्य कारणों के चलते हाथी को दुधवा नहीं लाया जा सका था। अब सामान्य हो रहीं स्थितियों को देखते हुए दुधवा प्रशासन ने चंदौली से हाथी लाने की तैयारी शुरू कर दी है।दुधवा टाइगर रिजर्व के मुख्य वन संरक्षक/ फील्ड निदेशक संजय पाठक ने बताया कि हाथी को चंदौली से एक विशेष ट्रक से दुधवा लाया जाएगा। हाथी को लाने के लिए दुधवा से एक टीम भेजी जा रही है। इसमें महावत के अलावा पशु चिकित्सकों की टीम और वनाधिकारी शामिल होंगे।
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