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लेक्चरर की भतीजी घर के भीतर फांसी पर लटकी मिली

दारागंज में राजकीय इंटर कॉलेज की लेक्चरर रीता यादव की भतीजी अंजू यादव (22) घर के भीतर फांसी पर लटकी मिली। वह मौसा-मौसी के घर पर रहकर बीए तृतीय वर्ष की पढ़ाई कर रही थी। दोपहर में हुई घटना की जानकारी के बाद परिजनों में कोहराम मच गया। मौका मुआयना करने के बाद पुलिस इसे खुदकुशी मान रही है लेकिन उसका यह भी कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही कुछ स्पष्ट कहा जा सकेगा।मूल रूप से सुल्तानपुर की रहने वाली अंजू के पिता अशोक यादव पंजाब में प्राइवेट नौकरी करते हैं। उनके साढ़ू विजय यादव भदोही में पंचायती राज विभाग में अधिकारी हैं जबकि विजय की पत्नी रीता यादव शहर स्थित जीआईसी में लेक्चरर हैं। पुलिस के मुताबिक, रीता व विजय ने बताया कि पिछले छह साल से अंजू उनके साथ रहकर ही पढ़ाई करती थी। मंगलवार सुबह नाश्ता करने के बाद वह अपने कमरे में चली गई और फिर बाहर नहीं आई। दोपहर में वह उसे बुलाने पहुंची तो कमरा भीतर से बंद मिला।कई बार आवाज देने पर भी कोई जवाब नहीं मिला तो उन्होंने खिड़की से झांका। जिस पर  वह फांसी पर लटकी मिली। सूचना पर पुलिस पहुंची और दरवाजे की कुंडी तोड़कर भीतर दाखिल हुई। लेकिन तब तक अंजू की मौत हो चुकी थी। घरवालों को सूचना देने के बाद शव पोस्टमार्टम के लिए भेजवा दिया गया। पुलिस का कहना है कि  मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। प्रथमदृष्टया मामला खुदकुशी का लग रहा है लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। जांच पड़ताल की जा रही है।

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दारागंज में राजकीय इंटर कॉलेज की लेक्चरर रीता यादव की भतीजी अंजू यादव (22) घर के भीतर फांसी पर लटकी मिली। वह मौसा-मौसी के घर पर रहकर बीए तृतीय वर्ष की पढ़ाई कर रही थी। दोपहर में हुई घटना की जानकारी के बाद परिजनों में कोहराम मच गया। मौका मुआयना करने के बाद पुलिस इसे खुदकुशी मान रही है लेकिन उसका यह भी कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही कुछ स्पष्ट कहा जा सकेगा।

मूल रूप से सुल्तानपुर की रहने वाली अंजू के पिता अशोक यादव पंजाब में प्राइवेट नौकरी करते हैं। उनके साढ़ू विजय यादव भदोही में पंचायती राज विभाग में अधिकारी हैं जबकि विजय की पत्नी रीता यादव शहर स्थित जीआईसी में लेक्चरर हैं। पुलिस के मुताबिक, रीता व विजय ने बताया कि पिछले छह साल से अंजू उनके साथ रहकर ही पढ़ाई करती थी। मंगलवार सुबह नाश्ता करने के बाद वह अपने कमरे में चली गई और फिर बाहर नहीं आई। दोपहर में वह उसे बुलाने पहुंची तो कमरा भीतर से बंद मिला।

कई बार आवाज देने पर भी कोई जवाब नहीं मिला तो उन्होंने खिड़की से झांका। जिस पर  वह फांसी पर लटकी मिली। सूचना पर पुलिस पहुंची और दरवाजे की कुंडी तोड़कर भीतर दाखिल हुई। लेकिन तब तक अंजू की मौत हो चुकी थी। घरवालों को सूचना देने के बाद शव पोस्टमार्टम के लिए भेजवा दिया गया। पुलिस का कहना है कि  मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। प्रथमदृष्टया मामला खुदकुशी का लग रहा है लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। जांच पड़ताल की जा रही है।