prayagraj news : केशव प्रसाद मौर्य, डिप्टी सीएम।
– फोटो : prayagraj
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले की लखनऊ में भाजपा संगठन के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का कद बढ़ने की उम्मीद से स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता और पदाधिकारी गदगद हैं। लखनऊ में हुई बैठक के बाद प्रदेश में भाजपा सरकार और संगठन में फेरबदल की अटकलें तेज हो गई हैं। बुधवार को प्रयागराज में पार्टी कार्यकर्ताओं में चर्चा इस बात की रही कि भाजपा का राष्ट्रीय संगठन अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के पूर्व डिप्टी सीएम को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंप सकता है।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को लेकर स्थानीय कार्यकर्ताओं में बुधवार को चर्चा यह भी रही कि वर्ष 2017 की तरह पार्टी अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव उन्हीं के नेतृत्व में एक बार फिर से लड़ेगी। दरअसल पंचायत चुनाव में पार्टी के औसत प्रदर्शन और प्रदेश में अफसर शाही हावी होने की वजह से जमीन से जुड़े भाजपा के बहुत से कार्यकर्ता नाराज चल रहे हैं।
पंचायत चुनाव में पार्टी को पिछड़ी जाति के कम वोट मिलने की बात भी सामने आई है। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष नरेंद्र देव पांडेय कहते हैं कि विधानसभा चुनाव में अभी समय है। पिछले विधानसभा चुनाव में प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने भाजपा के खाते में 300 से ज्यादा सीटें डाल दी। तब पार्टी को पिछड़ी जाति का भी अच्छा वोट मिला। पंचायत चुनाव में औसत प्रदर्शन के बाद हो सकता है कि पार्टी डिप्टी सीएम को विधानसभा चुनाव को लेकर कोई अहम जिम्मेदारी सौंप दें।
अगर ऐसा होगा तो निश्चित ही पार्टी को विधानसभा चुनाव में फायदा मिलेगा। क्योंकि डिप्टी सीएम की आम लोगों तक अच्छी पकड़ हैं। इस बीच सोशल मीडिया में संगठन के कुछ पदाधिकारियों से लेकर कई मंत्रियों के बदले जाने की खबरें वायरल होती रहीं। यह भी चर्चा रही कि डिप्टी सीएम को भाजपा एक बार फिर से प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंप सकती हैं।
डिप्टी सीएम के एक करीबी नेता ने बताया कि लखनऊ में संघ पदाधिकारियों की बैठक में क्या हुआ यह जानकारी सिर्फ संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों को ही है। लेकिन इतना जरूर है कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व 2022 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए सरकार और संगठन में फेरबदल करने के लिए मंथन कर रहा है। भाजपा महानगर अध्यक्ष गणेश केसरवानी का कहना है कि लखनऊ और दिल्ली में क्या हुआ उसकी जानकारी उन्हें नहीं है। अभी हम सभी का फोकस जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव पर ही है।
विस्तार
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले की लखनऊ में भाजपा संगठन के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का कद बढ़ने की उम्मीद से स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता और पदाधिकारी गदगद हैं। लखनऊ में हुई बैठक के बाद प्रदेश में भाजपा सरकार और संगठन में फेरबदल की अटकलें तेज हो गई हैं। बुधवार को प्रयागराज में पार्टी कार्यकर्ताओं में चर्चा इस बात की रही कि भाजपा का राष्ट्रीय संगठन अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के पूर्व डिप्टी सीएम को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंप सकता है।
prayagraj news : केशव प्रसाद मौर्य, डिप्टी सीएम।
– फोटो : prayagraj
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को लेकर स्थानीय कार्यकर्ताओं में बुधवार को चर्चा यह भी रही कि वर्ष 2017 की तरह पार्टी अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव उन्हीं के नेतृत्व में एक बार फिर से लड़ेगी। दरअसल पंचायत चुनाव में पार्टी के औसत प्रदर्शन और प्रदेश में अफसर शाही हावी होने की वजह से जमीन से जुड़े भाजपा के बहुत से कार्यकर्ता नाराज चल रहे हैं।
केशव प्रसाद मौर्य
– फोटो : prayagraj
पंचायत चुनाव में पार्टी को पिछड़ी जाति के कम वोट मिलने की बात भी सामने आई है। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष नरेंद्र देव पांडेय कहते हैं कि विधानसभा चुनाव में अभी समय है। पिछले विधानसभा चुनाव में प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने भाजपा के खाते में 300 से ज्यादा सीटें डाल दी। तब पार्टी को पिछड़ी जाति का भी अच्छा वोट मिला। पंचायत चुनाव में औसत प्रदर्शन के बाद हो सकता है कि पार्टी डिप्टी सीएम को विधानसभा चुनाव को लेकर कोई अहम जिम्मेदारी सौंप दें।
केशव प्रसाद मौर्य।
– फोटो : prayagraj
अगर ऐसा होगा तो निश्चित ही पार्टी को विधानसभा चुनाव में फायदा मिलेगा। क्योंकि डिप्टी सीएम की आम लोगों तक अच्छी पकड़ हैं। इस बीच सोशल मीडिया में संगठन के कुछ पदाधिकारियों से लेकर कई मंत्रियों के बदले जाने की खबरें वायरल होती रहीं। यह भी चर्चा रही कि डिप्टी सीएम को भाजपा एक बार फिर से प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंप सकती हैं।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य
– फोटो : amar ujala
डिप्टी सीएम के एक करीबी नेता ने बताया कि लखनऊ में संघ पदाधिकारियों की बैठक में क्या हुआ यह जानकारी सिर्फ संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों को ही है। लेकिन इतना जरूर है कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व 2022 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए सरकार और संगठन में फेरबदल करने के लिए मंथन कर रहा है। भाजपा महानगर अध्यक्ष गणेश केसरवानी का कहना है कि लखनऊ और दिल्ली में क्या हुआ उसकी जानकारी उन्हें नहीं है। अभी हम सभी का फोकस जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव पर ही है।
More Stories
Rishikesh में “अमृत कल्प” आयुर्वेद महोत्सव में 1500 चिकित्सकों ने मिलकर बनाया विश्व कीर्तिमान, जानें इस ऐतिहासिक आयोजन के बारे में
Jhansi पुलिस और एसओजी की जबरदस्त कार्रवाई: अपहृत नर्सिंग छात्रा नोएडा से सकुशल बरामद
Mainpuri में युवती की हत्या: करहल उपचुनाव के कारण सियासी घमासान, सपा और भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप