सार
आयोग ने पीईटी में 30 से 35 लाख आवेदन का अनुमान लगाते हुए इस प्रारंभिक परीक्षा के लिए वन टाइम रजिस्ट्रेशन (ओटीआर) अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है।
यूपीएसएसएससी
– फोटो : सोशल मीडिया
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उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर अधिसूचना जारी कर प्रारंभिक पात्रता परीक्षा (पीईटी) 2021 के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। बता दें इस परीक्षा के जरिए विभिन्न विभागों से 50,000 से भी अधिक पदों पर भर्ती कराने के प्रस्ताव मिल चुके हैं। आयोग इन प्रस्तावों की खामियों को सुधार कराने की कार्यवाही लंबे समय से करता रहा है। इसके बावजूद प्रारंभिक अर्हता परीक्षा (पीईटी) विज्ञापन में स्पष्ट नहीं किया गया कि यह आवेदन किन-किन व कितनी पदों के लिए मांगे गए हैं।
प्रतियोगी अभ्यर्थियों का कहना है राज्य लोक सेवा आयोग हो या संघ लोक सेवा आयोग, दोनों ही प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा के जरिए भर्ती परीक्षाएं आयोजित कर रहे हैं। सभी में आवेदन के समय ही भर्ती से संबंधित पद व उनकी रिक्तियों का ब्योरा उपलब्ध कराया जाता है। इससे अभ्यर्थी को अपनी तैयारी को लेकर अस्पष्टता रहती है। यहां आयोग की मंशा स्पष्ट नहीं हो रही है।
आयोग के चेयरमैन प्रवीर कुमार का कहना है कि आयोग के दायरे में आने वाले सभी रिक्त पदों पर भर्ती के लिए पीईटी 2021 देनी होती है। वहीं मुख्य परीक्षा 2021 अलग-अलग विभागों के संगत पदों के लिए होगी। यही वजह है कि अभी आयोग द्वारा पदों का विवरण नहीं दिया गया है। आयोग मुख्य परीक्षा के समय संबंधित पदों व रिक्तियों का ब्योरा जारी करेगा। द्विस्तरीय परीक्षा प्रणाली केवल भविष्य में विज्ञापित किए जाने वाले पदों के लिए ही मान्य होगी। जो पद पूर्व में विज्ञापित हो चुके हैं, उनके सापेक्ष चयन की कार्यवाही संबंधित विज्ञापन में दी गई प्रक्रिया के अनुसार ही होगी। आयोग ने पीईटी के लिए पाठ्यक्रम व परीक्षा योजना 20 फरवरी को आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध कराई थी। इसे आवेदन के साथ फिर उपलब्ध करा दिया गया है।
आयोग ने 26 मार्च को एलान किया था कि द्विस्तरीय परीक्षा प्रणाली की प्रारंभिक परीक्षा हो या मुख्य परीक्षा, दोनों में शामिल होने के लिए वन टाइम रजिस्ट्रेशन (ओटीआर) अनिवार्य होगा। आयोग की वेबसाइट पर ओटीआर शुरू करा दिया गया है। करीब 5.50 लाख अभ्यर्थियों ने ओटीआर किया और आयोग उनमें से बमुश्किल 1.08 लाख का ही ई-लॉकर जनरेट कर पाया है। आयोग ने पीईटी में 30 से 35 लाख आवेदन का अनुमान लगाते हुए इस प्रारंभिक परीक्षा के लिए ओटीआर अनिवार्यता समाप्त कर दी है। ऐसे में समस्त आवेदकों को ऑनलाइन आवेदन को पूरी कार्यवाही करनी होगी।
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के दायरे में ग्रेड पे 1900 या इससे अधिक तथा ग्रेड पे- 4600 से कम के सीधी भर्ती के समस्त पद आते हैं। आयोग द्वारा प्रारंभिक परीक्षा में प्राप्त अंक / स्कोर जारी कर दिए जाएंगे। मुख्य परीक्षा के आयोजन के लिए इसी स्कोर / अंक को आधार बनाया जाएगा। आयोग को यदि हाईस्कूल अथवा इसके समकक्ष से कम अनिवार्य अर्हता वाले पदों का भर्ती प्रस्ताव मिलेगा तो वह उसके लिए अलग से परीक्षा, कौशल परीक्षा या शारीरिक परीक्षा आयोजित करेगा। इसकी सूचना अलग से दी जाएगी।
आयोग ने कहा है कि पीईटी के लिए आवेदन पत्रों की संख्या यदि अत्यधिक होगी तो लिखित परीक्षा एक से अधिक शिफ्ट में कराई जा सकती है। एक से अधिक शिफ्ट में परीक्षा होने पर नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया लागू होगी। पीईटी की तिथि आयोग बाद में जारी करेगा। आयोग के चेयरमैन प्रबोर कुमार ने बताया है कि परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों का स्कोर परीक्षा परिणाम आयोग की वेबसाइट पर अपलोड किए जाने की तिथि से एक वर्ष तक मान्य रहेगा।
विस्तार
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर अधिसूचना जारी कर प्रारंभिक पात्रता परीक्षा (पीईटी) 2021 के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। बता दें इस परीक्षा के जरिए विभिन्न विभागों से 50,000 से भी अधिक पदों पर भर्ती कराने के प्रस्ताव मिल चुके हैं। आयोग इन प्रस्तावों की खामियों को सुधार कराने की कार्यवाही लंबे समय से करता रहा है। इसके बावजूद प्रारंभिक अर्हता परीक्षा (पीईटी) विज्ञापन में स्पष्ट नहीं किया गया कि यह आवेदन किन-किन व कितनी पदों के लिए मांगे गए हैं।
पदों का संख्या पता न होने की वजह से बनी रहती है अस्पष्टता की स्थिति
प्रतियोगी अभ्यर्थियों का कहना है राज्य लोक सेवा आयोग हो या संघ लोक सेवा आयोग, दोनों ही प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा के जरिए भर्ती परीक्षाएं आयोजित कर रहे हैं। सभी में आवेदन के समय ही भर्ती से संबंधित पद व उनकी रिक्तियों का ब्योरा उपलब्ध कराया जाता है। इससे अभ्यर्थी को अपनी तैयारी को लेकर अस्पष्टता रहती है। यहां आयोग की मंशा स्पष्ट नहीं हो रही है।
आयोग द्वारा इस वजह से नहीं दिया पदों का विवरण
आयोग के चेयरमैन प्रवीर कुमार का कहना है कि आयोग के दायरे में आने वाले सभी रिक्त पदों पर भर्ती के लिए पीईटी 2021 देनी होती है। वहीं मुख्य परीक्षा 2021 अलग-अलग विभागों के संगत पदों के लिए होगी। यही वजह है कि अभी आयोग द्वारा पदों का विवरण नहीं दिया गया है। आयोग मुख्य परीक्षा के समय संबंधित पदों व रिक्तियों का ब्योरा जारी करेगा। द्विस्तरीय परीक्षा प्रणाली केवल भविष्य में विज्ञापित किए जाने वाले पदों के लिए ही मान्य होगी। जो पद पूर्व में विज्ञापित हो चुके हैं, उनके सापेक्ष चयन की कार्यवाही संबंधित विज्ञापन में दी गई प्रक्रिया के अनुसार ही होगी। आयोग ने पीईटी के लिए पाठ्यक्रम व परीक्षा योजना 20 फरवरी को आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध कराई थी। इसे आवेदन के साथ फिर उपलब्ध करा दिया गया है।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए खत्म की ओटीआर की अनिवार्यता
आयोग ने 26 मार्च को एलान किया था कि द्विस्तरीय परीक्षा प्रणाली की प्रारंभिक परीक्षा हो या मुख्य परीक्षा, दोनों में शामिल होने के लिए वन टाइम रजिस्ट्रेशन (ओटीआर) अनिवार्य होगा। आयोग की वेबसाइट पर ओटीआर शुरू करा दिया गया है। करीब 5.50 लाख अभ्यर्थियों ने ओटीआर किया और आयोग उनमें से बमुश्किल 1.08 लाख का ही ई-लॉकर जनरेट कर पाया है। आयोग ने पीईटी में 30 से 35 लाख आवेदन का अनुमान लगाते हुए इस प्रारंभिक परीक्षा के लिए ओटीआर अनिवार्यता समाप्त कर दी है। ऐसे में समस्त आवेदकों को ऑनलाइन आवेदन को पूरी कार्यवाही करनी होगी।
प्रारंभिक परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर होगी मुख्य परीक्षा
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के दायरे में ग्रेड पे 1900 या इससे अधिक तथा ग्रेड पे- 4600 से कम के सीधी भर्ती के समस्त पद आते हैं। आयोग द्वारा प्रारंभिक परीक्षा में प्राप्त अंक / स्कोर जारी कर दिए जाएंगे। मुख्य परीक्षा के आयोजन के लिए इसी स्कोर / अंक को आधार बनाया जाएगा। आयोग को यदि हाईस्कूल अथवा इसके समकक्ष से कम अनिवार्य अर्हता वाले पदों का भर्ती प्रस्ताव मिलेगा तो वह उसके लिए अलग से परीक्षा, कौशल परीक्षा या शारीरिक परीक्षा आयोजित करेगा। इसकी सूचना अलग से दी जाएगी।
अत्यधिक आवेदन तो कई शिफ्टों में होगी परीक्षा
आयोग ने कहा है कि पीईटी के लिए आवेदन पत्रों की संख्या यदि अत्यधिक होगी तो लिखित परीक्षा एक से अधिक शिफ्ट में कराई जा सकती है। एक से अधिक शिफ्ट में परीक्षा होने पर नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया लागू होगी। पीईटी की तिथि आयोग बाद में जारी करेगा। आयोग के चेयरमैन प्रबोर कुमार ने बताया है कि परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों का स्कोर परीक्षा परिणाम आयोग की वेबसाइट पर अपलोड किए जाने की तिथि से एक वर्ष तक मान्य रहेगा।
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पदों का संख्या पता न होने की वजह से बनी रहती है अस्पष्टता की स्थिति
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