ओपीडी चल रही बंद, रविवार को सीएचसी अधीक्षक भी हुए कोरोना संक्रमित30 बेड वाली इस सीएचसी में बड़ी संख्या में पहुंचते हैं क्षेत्र की पीएचसी से रेफर किए गए मरीज
पलियाकलां। पलिया नगर समेत दर्जनों गांवों के करीब एक लाख लोगों को इलाज देने के लिए एक मात्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) का हाल बेहद खराब है। इतनी बड़ी आबादी को इलाज देने वाला यह अस्पताल महज एक संविदा चिकित्सक के सहारे चल रहा है, जबकि क्षेत्र की पीएचसी से भी मरीज वहां रेफर होकर आ रहे हैं। उधर, रविवार को सीएचसी अधीक्षक भी संक्रमित हो गए।
पलिया नगर समेत आसपास के पलिया खुर्द, पलिया देहात, मकनपुर, मुंजहा, मरौचा, नगला, अतरिया, निबुआबोझ, चंबरबोझ, बसंतापुर कलां, बसंतापुर खुर्द, मलिनियां, बेला कलां, श्रीनगर, बड़ागांव, मरूआ पश्चिम, पतवारा आदि गांवों के करीब एक लाख लोगों को सरकारी इलाज का एकमात्र साधन पलिया सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र है। 30 बेड वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में मरीजों को देखने के लिए केवल एक संविदा चिकित्सक है। वैसे तो कुल मिलाकर 33 लोगों का स्टाफ है, जिसमें सिर्फ एक संविदा डॉक्टर हैं, जो मौके पर हैं, जबकि दो वार्ड ब्वॉय और एक फार्मासिस्ट आठ-आठ घंटे की ड्यूटी कर रहे हैं। तीन स्टाफ नर्स व एक लैब टेक्नीशियन व एक ऑपरेशन थियेटर ऑपरेटर मौजूद है।कुल स्टाफ- चिकित्सक पद- 15, रिक्त- 06 पद, तैनाती- 09, मौके पर मौजदूगी-01 चिकित्सकफार्मासिस्ट- पद-05, रिक्त-02, तैनाती-03, मौके पर मौजूदगी-01वार्डब्वाय- पद-07, रिक्त-04, तैनाती-03, मौके पर मौजूदगी-02स्टाफ नर्स- पद-08, रिक्त-04, तैनाती-04, मौके पर मौजूदगी-03लैब टेक्नीशियन- पद-03, तैनाती-03, मौके पर मौजूदगी-01आपरेशन थियेटर आपरेटर-पद 01, तैनाती-01, मौके पर मौजदूगी-01
कोविड टीकाकरण स्टाफ
टीकाकरण में आठ एएनएम को सीएचसी पर लगाया गया है। जो टीकाकरण कर रही हैं। इसके अलावा क्षेत्र में भी अलग-अलग 30 एएनएम को टीकाकरण के लिए लगाया गया है।
कोविड जांच सीएचसी
इसमें एक लैब टेक्नीशियन को सहायक के साथ लगाया गया है। जो लोगों की कोविड जांच कर रहे हैं। रोजाना सौ से अधिक कोविड की जांचें हो रही हैं। एंटीजन व आरटीपीसीआर भी हो रहा है। जांच
कराने के लिए लोगों की भीड़ लग रही है, जिससे सामाजिक दूरी का पालन नहीं हो रहा है।
दवाएं मौजूद
दवाओं में यहां कोविड पॉजीटिव मरीज के घर दवा की किट पहुंचाई जा रही है, जिसमें पैरासिटामॉल, एजिथ्रोमाइयसीन और विटामिन आदि की दवाएं शामिल हैं।
रात में व्यवस्था- रात में आने वाले मरीजों का प्राथमिक इलाज किया जाता है, जिसके बाद उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। यह व्यवस्था चिकित्सक, फार्मासिस्ट व वार्ड ब्वाय देखते हैं।
अस्पताल के यह पद अब भी खाली
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में सर्जन, बाल रोग विशेषज्ञ, महिला रोग विशेषज्ञ, हड्डी रोग विशेषज्ञ, स्वास्थ्य शिक्षाधिकारी आदि के पद खाली हैं, जिनपर अरसे से किसी की तैनाती नहीं की गई है।
पेयजल के पास गंदगी, गैलरी में रखे हैं बेड
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पेयजल के लिए गेट पर दो इंडिया मार्का हैंडपंप लगे हुए हैं, जिनमें खराब पानी आता है। पेयजल के लिए वाटर कूलर है, जिसके आसपास भीषण गंदगी है। यही नहीं मरीजों को भर्ती किए जाने वाले बेड गैलरी में रखे हुए हैं। भर्ती करने वाले दो वार्डों में कोविड टीकाकरण का कार्य चल रहा है।
ओपीडी चल रही बंद, रविवार को सीएचसी अधीक्षक भी हुए कोरोना संक्रमित
30 बेड वाली इस सीएचसी में बड़ी संख्या में पहुंचते हैं क्षेत्र की पीएचसी से रेफर किए गए मरीज
पलियाकलां। पलिया नगर समेत दर्जनों गांवों के करीब एक लाख लोगों को इलाज देने के लिए एक मात्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) का हाल बेहद खराब है। इतनी बड़ी आबादी को इलाज देने वाला यह अस्पताल महज एक संविदा चिकित्सक के सहारे चल रहा है, जबकि क्षेत्र की पीएचसी से भी मरीज वहां रेफर होकर आ रहे हैं। उधर, रविवार को सीएचसी अधीक्षक भी संक्रमित हो गए।
पलिया नगर समेत आसपास के पलिया खुर्द, पलिया देहात, मकनपुर, मुंजहा, मरौचा, नगला, अतरिया, निबुआबोझ, चंबरबोझ, बसंतापुर कलां, बसंतापुर खुर्द, मलिनियां, बेला कलां, श्रीनगर, बड़ागांव, मरूआ पश्चिम, पतवारा आदि गांवों के करीब एक लाख लोगों को सरकारी इलाज का एकमात्र साधन पलिया सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र है। 30 बेड वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में मरीजों को देखने के लिए केवल एक संविदा चिकित्सक है। वैसे तो कुल मिलाकर 33 लोगों का स्टाफ है, जिसमें सिर्फ एक संविदा डॉक्टर हैं, जो मौके पर हैं, जबकि दो वार्ड ब्वॉय और एक फार्मासिस्ट आठ-आठ घंटे की ड्यूटी कर रहे हैं। तीन स्टाफ नर्स व एक लैब टेक्नीशियन व एक ऑपरेशन थियेटर ऑपरेटर मौजूद है।
कुल स्टाफ- चिकित्सक पद- 15, रिक्त- 06 पद, तैनाती- 09, मौके पर मौजदूगी-01 चिकित्सक
फार्मासिस्ट- पद-05, रिक्त-02, तैनाती-03, मौके पर मौजूदगी-01
वार्डब्वाय- पद-07, रिक्त-04, तैनाती-03, मौके पर मौजूदगी-02
स्टाफ नर्स- पद-08, रिक्त-04, तैनाती-04, मौके पर मौजूदगी-03
लैब टेक्नीशियन- पद-03, तैनाती-03, मौके पर मौजूदगी-01
आपरेशन थियेटर आपरेटर-पद 01, तैनाती-01, मौके पर मौजदूगी-01
कोविड टीकाकरण स्टाफ
टीकाकरण में आठ एएनएम को सीएचसी पर लगाया गया है। जो टीकाकरण कर रही हैं। इसके अलावा क्षेत्र में भी अलग-अलग 30 एएनएम को टीकाकरण के लिए लगाया गया है।
कोविड जांच सीएचसी
इसमें एक लैब टेक्नीशियन को सहायक के साथ लगाया गया है। जो लोगों की कोविड जांच कर रहे हैं। रोजाना सौ से अधिक कोविड की जांचें हो रही हैं। एंटीजन व आरटीपीसीआर भी हो रहा है। जांच
कराने के लिए लोगों की भीड़ लग रही है, जिससे सामाजिक दूरी का पालन नहीं हो रहा है।
दवाएं मौजूद
दवाओं में यहां कोविड पॉजीटिव मरीज के घर दवा की किट पहुंचाई जा रही है, जिसमें पैरासिटामॉल, एजिथ्रोमाइयसीन और विटामिन आदि की दवाएं शामिल हैं।
रात में व्यवस्था- रात में आने वाले मरीजों का प्राथमिक इलाज किया जाता है, जिसके बाद उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। यह व्यवस्था चिकित्सक, फार्मासिस्ट व वार्ड ब्वाय देखते हैं।
अस्पताल के यह पद अब भी खाली
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में सर्जन, बाल रोग विशेषज्ञ, महिला रोग विशेषज्ञ, हड्डी रोग विशेषज्ञ, स्वास्थ्य शिक्षाधिकारी आदि के पद खाली हैं, जिनपर अरसे से किसी की तैनाती नहीं की गई है।
पेयजल के पास गंदगी, गैलरी में रखे हैं बेड
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पेयजल के लिए गेट पर दो इंडिया मार्का हैंडपंप लगे हुए हैं, जिनमें खराब पानी आता है। पेयजल के लिए वाटर कूलर है, जिसके आसपास भीषण गंदगी है। यही नहीं मरीजों को भर्ती किए जाने वाले बेड गैलरी में रखे हुए हैं। भर्ती करने वाले दो वार्डों में कोविड टीकाकरण का कार्य चल रहा है।
सीएचसी के कई चिकित्सकों की अलग-अलग जगहों पर ड्यूटी लगी है। यहां केवल मैं ही कुछ दिनों से देख रहा था। वहीं एक संविदा चिकित्सक कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद यहां पहुंचे हैं, जो मरीजों को देख रहे हैं। रविवार को मेरी भी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, जिससे केवल एक ही चिकित्सक सीएचसी पर रह गया है। – डॉ एचएन वरुण, अधीक्षक, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पलिया
मोहल्ला टेहरा निवासी पूनम श्रीवास्तव का कहना है कि सीएचसी में कोई सुविधा न होने से लोगों को काफी परेशानियां होती हैं। ऊपर से केवल एक ही चिकित्सक होने के कारण प्राइवेट क्लीनिक पर इलाज कराने जाना पड़ता है। जिससे खर्च अधिक आता है साथ ही दिक्कतें भी होती हैं।
इंदिरानगर के रजत श्रीवास्तव ने कहा कि शहर की सीएचसी के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों का हाल भी काफी खराब है। यहां चिकित्सकों की कमी के अलावा अन्य संसाधन न होने से लोग प्राइवेट में जाते हैं।
संसाधन न होने से सीएचसी में इलाज नहीं हो रहा है। कोविड जांच कराने जाने पर भी घंटों लाइन में लगना पड़ रहा है और वहां पर किसी तरह की सामाजिक दूरी का पालन भी लोग नहीं करते हैं। प्राइवेट पैथोलॉजी ज्यादा रुपए लेकर जांच करती हैं।- आरती सिंह, टेहरा देहात
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