योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि सोमवार से प्रदेश के 23 जिलों में कोरोना के टीके लगेंगे। रविवार को नोएडा आए मुख्यमंत्री योगी सेक्टर 16 ए स्थित एनटीपीसी परिसर में मीडिया से मुखातिब थे। उन्होंने कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार 45 से अधिक आयु वालों को मुफ्त में टीका दे रही है तो दूसरी तरफ राज्य सरकार 18 से 44 वर्ष से हर युवा को निशुल्क टीका दे रही है।प्रदेश में अब तक 1.5 करोड़ लोगों को वैक्सीन दे चुके हैं। टीकाकरण की कार्रवाई प्रदेश में युद्धस्तर पर चल रही है। प्रदेश सरकार ने इसके लिए व्यापक कार्ययोजना बना ली है। 45 से अधिक आयु वालों के लिए अब तक 2500 सेंटर चल रहा था। 18 से अधिक आयु वालों के लिए 15 मई से टीका लगाया जा रहा है। पहले चरण में उन सात जनपदों को लिए थे, जहां एक्टिव केस सबसे ज्यादा थे। दूसरे चरण में प्रदेश के सभी नगर निगमों को इसके साथ जोड़ा था। अब सोमवार से नगर निगम के साथ मंडलीय मुख्यालयों में भी टीकाकरण शुरू करने जा रहे हैं। सोमवार से 23 जनपदों में टीकाकरण की कार्रवाई आगे बढ़ेगी। गांवों में कोरोना संक्रमित बढ़े हैं। इसकी व्यापक रणनीति दो मई से शुरू कर दी है।सबका हो इलाजउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि गौतमबुद्ध नगर दिल्ली से सटा हुआ है। यहां आने वाले किसी भी मरीज को इलाज से मना न करें। सभी का इलाज करें। मुख्यमंत्री ने तीसरी लहर से बच्चों व महिलाओं को संक्रमित होने से रोकने व इलाज की सुविधा देने के लिए प्रदेश के सभी जिलों में एक से दो डेडीकेटेड अस्पताल बनाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने गौतमबुद्ध नगर में तीन नए ऑक्सीजन प्लांट को मंजूरी दिए जाने का एलान किया।उन्होंने कहा कि दूसरी लहर का संक्रमण काफी तीव्र है। पहली लहर की तुलना में 30 से 50 गुना अधिक संक्रमण के मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के पीक के बारे में विशेषज्ञों की चिंता थी कि 25 अप्रैल से 15 मई के बीच में आएगा। इस दौरान करीब एक लाख केस प्रतिदिन उत्तर प्रदेश में आएंगे। उत्तर प्रदेश के अंदर 24 अप्रैल को 38055 संक्रमित मरीज रहे। 30 अप्रैल को सर्वाधिक 3.10 लाख एक्टिव केस रहे। उत्तर प्रदेश में रविवार से बीते 24 घंटे में 10,600 हैं। अब एक्टिव केस घटकर 1.61 लाख रह गए हैं। कोरोना संक्रमितों की जांच कर उनका इलाज करने का अभियान चला रखा है।गौतमबुद्ध नगर में 27 अप्रैल को 10 हजार से अधिक संक्रमित मिले थे, अब 400 से भी कम रह गए हैं। प्रदेश में कोरोना की पहली लहर के दौरान सबसे ज्यादा केस 7200 आए थे। एक्टिव केस 6700 थे। उन्होंने कहा कि पहला केस 2 मार्च 2020 को उत्तर प्रदेश में आया था, उस समय न तो जांच की सुविधा थी और न ही आइसोलेशन बेड की। भारत सरकार के सहयोग से राज्य सरकार की मशीनरी, जनप्रतिनिधियों व संगठनों के सहयोग से अब प्रतिदिन 2.5 लाख से अधिक जांच हो रहे हैं, देश में सर्वाधिक जांच करने वाला देश का पहला प्रदेश अब तक 4.5 करोड़ कोरोना के जांच कर हो चुका है। प्रदेश में एल-टू व एल-थ्री बेड मौजूद हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में तीसरी लहर आने की आशंका है। प्रदेश सरकार ने कार्ययोजना बना ली है। हर जिले में महिला व बच्चों के लिए डेडीकेटेड हॉस्पिटल बनाने को कहा है। 102 की 2200 एंबुलेंस हैं। ये महिलाओं व बच्चों के लिए डेडीकेटेड हैं। बच्चों के लिए हर जिले में व मेडिकल कॉलेज में आईसीयू बनाने को कहा गया है। उत्तर प्रदेश इंसेप्लाइटिस के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ चुका है। 2017 से 2020 के बीच इस मामले में 95 फीसदी मृत्युदर को रोकने में सफलता प्राप्त की है। आशा वर्कर, आंगनवाड़ी व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की नियमित ट्रेनिंग भी दी जा रही है। केजीएमयू को भी इससे जोड़ा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौतमबुद्ध नगर जनपद दिल्ली से सटा हुआ है। किसी भी व्यक्ति को इलाज से मना नहीं किया जा सकता। हर व्यक्ति को उपचार की सुविधा मिलनी चाहिए।प्रशासन से कहा गया है कि ऑक्सीजन की कमी न होने पाए। भारत सरकार एयरफोर्स एक्सप्रेस के जरिए देश में ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। गौतमबुद्ध नगर में तीन नए प्लांट स्वीकृत हुए हैं। इससे ऑक्सीजन की दिशा में जिला आत्मनिर्भर होगा। सबसे अपील है कि कोरोना को सामान्य फ्लू न मानें। लोगों का मनोबल बढ़ाएं। हाई रिस्क वाले मरीज संक्रमण से बचें। 60 साल से ऊपर के लोग, 10 साल से कम आयु के बच्चे, गर्भवती महिलाएं घर से बाहर न निकलें। घर में मास्क लगाएं। मास्क लगाकर ही घर से बाहर निकलें।
ब्लैक फंगस रोकने को हर जागरुकता कार्यक्रम शुरू
पोस्ट कोविड मरीजों में ब्लैक फंगस एक नए चैलेंज के रूप में सामने आई है। राज्य सरकार ने एक दिशा-निर्देश जारी किया है। साथ ही जिला अस्पताल, सीएमओ, मेडिकल कॉलेज, फिजीशियन व विशषज्ञों के साथ वर्चुअल ट्रेनिंग भी दी जा रही है। ब्लैक फंगस का प्रभाव एक फीसदी ही है। इसका कारण ज्यादा स्टेरॉयड लेना, सुगर या कोरोना जांच कराने से बचना है। इसका प्रशिक्षण शनिवार से शुरू हो गया है। हर जनपद को जोड़ते हुए ब्लैक फंगस को रोकने पर राज्य सरकार तत्परता से काम कर रही है।प्रदेश में 97 हजार निगरानी समिति कर रहीं स्क्रीनिंगहर ग्राम पंचायत में निगरानी समिति है। 97 हजार गांवों को केंद्र में रखते हुए निगरानी समिति स्क्रीनिंग का काम कर रही हैं। कोरोना के संक्रमितों व जिनको लक्षण हैं, उनको मेडिकल किट उपलब्ध कराई जा रही है। उनकी सूची इंटीग्रेटेड कोविड कंट्रोल सेंटर को भी भेजी जा रही है। कोरोना संक्रमितों को होम आइसोलेशन या फिर क्वारंटीन सेंटर में रेफर किया जाता है। प्रदेश में 1500 एंबुलेंस इसके लिए तैनात की है। 350 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस भी है, जिनका उपयोग किया जा रहा है।
विस्तार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि सोमवार से प्रदेश के 23 जिलों में कोरोना के टीके लगेंगे। रविवार को नोएडा आए मुख्यमंत्री योगी सेक्टर 16 ए स्थित एनटीपीसी परिसर में मीडिया से मुखातिब थे। उन्होंने कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार 45 से अधिक आयु वालों को मुफ्त में टीका दे रही है तो दूसरी तरफ राज्य सरकार 18 से 44 वर्ष से हर युवा को निशुल्क टीका दे रही है।
प्रदेश में अब तक 1.5 करोड़ लोगों को वैक्सीन दे चुके हैं। टीकाकरण की कार्रवाई प्रदेश में युद्धस्तर पर चल रही है। प्रदेश सरकार ने इसके लिए व्यापक कार्ययोजना बना ली है। 45 से अधिक आयु वालों के लिए अब तक 2500 सेंटर चल रहा था। 18 से अधिक आयु वालों के लिए 15 मई से टीका लगाया जा रहा है। पहले चरण में उन सात जनपदों को लिए थे, जहां एक्टिव केस सबसे ज्यादा थे।
दूसरे चरण में प्रदेश के सभी नगर निगमों को इसके साथ जोड़ा था। अब सोमवार से नगर निगम के साथ मंडलीय मुख्यालयों में भी टीकाकरण शुरू करने जा रहे हैं। सोमवार से 23 जनपदों में टीकाकरण की कार्रवाई आगे बढ़ेगी। गांवों में कोरोना संक्रमित बढ़े हैं। इसकी व्यापक रणनीति दो मई से शुरू कर दी है।
सबका हो इलाज
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि गौतमबुद्ध नगर दिल्ली से सटा हुआ है। यहां आने वाले किसी भी मरीज को इलाज से मना न करें। सभी का इलाज करें। मुख्यमंत्री ने तीसरी लहर से बच्चों व महिलाओं को संक्रमित होने से रोकने व इलाज की सुविधा देने के लिए प्रदेश के सभी जिलों में एक से दो डेडीकेटेड अस्पताल बनाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने गौतमबुद्ध नगर में तीन नए ऑक्सीजन प्लांट को मंजूरी दिए जाने का एलान किया।
उन्होंने कहा कि दूसरी लहर का संक्रमण काफी तीव्र है। पहली लहर की तुलना में 30 से 50 गुना अधिक संक्रमण के मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के पीक के बारे में विशेषज्ञों की चिंता थी कि 25 अप्रैल से 15 मई के बीच में आएगा। इस दौरान करीब एक लाख केस प्रतिदिन उत्तर प्रदेश में आएंगे। उत्तर प्रदेश के अंदर 24 अप्रैल को 38055 संक्रमित मरीज रहे। 30 अप्रैल को सर्वाधिक 3.10 लाख एक्टिव केस रहे। उत्तर प्रदेश में रविवार से बीते 24 घंटे में 10,600 हैं। अब एक्टिव केस घटकर 1.61 लाख रह गए हैं। कोरोना संक्रमितों की जांच कर उनका इलाज करने का अभियान चला रखा है।
गौतमबुद्ध नगर में 27 अप्रैल को 10 हजार से अधिक संक्रमित मिले थे, अब 400 से भी कम रह गए हैं। प्रदेश में कोरोना की पहली लहर के दौरान सबसे ज्यादा केस 7200 आए थे। एक्टिव केस 6700 थे। उन्होंने कहा कि पहला केस 2 मार्च 2020 को उत्तर प्रदेश में आया था, उस समय न तो जांच की सुविधा थी और न ही आइसोलेशन बेड की। भारत सरकार के सहयोग से राज्य सरकार की मशीनरी, जनप्रतिनिधियों व संगठनों के सहयोग से अब प्रतिदिन 2.5 लाख से अधिक जांच हो रहे हैं, देश में सर्वाधिक जांच करने वाला देश का पहला प्रदेश अब तक 4.5 करोड़ कोरोना के जांच कर हो चुका है। प्रदेश में एल-टू व एल-थ्री बेड मौजूद हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में तीसरी लहर आने की आशंका है। प्रदेश सरकार ने कार्ययोजना बना ली है। हर जिले में महिला व बच्चों के लिए डेडीकेटेड हॉस्पिटल बनाने को कहा है। 102 की 2200 एंबुलेंस हैं। ये महिलाओं व बच्चों के लिए डेडीकेटेड हैं। बच्चों के लिए हर जिले में व मेडिकल कॉलेज में आईसीयू बनाने को कहा गया है। उत्तर प्रदेश इंसेप्लाइटिस के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ चुका है। 2017 से 2020 के बीच इस मामले में 95 फीसदी मृत्युदर को रोकने में सफलता प्राप्त की है। आशा वर्कर, आंगनवाड़ी व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की नियमित ट्रेनिंग भी दी जा रही है। केजीएमयू को भी इससे जोड़ा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौतमबुद्ध नगर जनपद दिल्ली से सटा हुआ है। किसी भी व्यक्ति को इलाज से मना नहीं किया जा सकता। हर व्यक्ति को उपचार की सुविधा मिलनी चाहिए।
प्रशासन से कहा गया है कि ऑक्सीजन की कमी न होने पाए। भारत सरकार एयरफोर्स एक्सप्रेस के जरिए देश में ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। गौतमबुद्ध नगर में तीन नए प्लांट स्वीकृत हुए हैं। इससे ऑक्सीजन की दिशा में जिला आत्मनिर्भर होगा। सबसे अपील है कि कोरोना को सामान्य फ्लू न मानें। लोगों का मनोबल बढ़ाएं। हाई रिस्क वाले मरीज संक्रमण से बचें। 60 साल से ऊपर के लोग, 10 साल से कम आयु के बच्चे, गर्भवती महिलाएं घर से बाहर न निकलें। घर में मास्क लगाएं। मास्क लगाकर ही घर से बाहर निकलें।
ब्लैक फंगस रोकने को हर जागरुकता कार्यक्रम शुरू
पोस्ट कोविड मरीजों में ब्लैक फंगस एक नए चैलेंज के रूप में सामने आई है। राज्य सरकार ने एक दिशा-निर्देश जारी किया है। साथ ही जिला अस्पताल, सीएमओ, मेडिकल कॉलेज, फिजीशियन व विशषज्ञों के साथ वर्चुअल ट्रेनिंग भी दी जा रही है। ब्लैक फंगस का प्रभाव एक फीसदी ही है। इसका कारण ज्यादा स्टेरॉयड लेना, सुगर या कोरोना जांच कराने से बचना है। इसका प्रशिक्षण शनिवार से शुरू हो गया है। हर जनपद को जोड़ते हुए ब्लैक फंगस को रोकने पर राज्य सरकार तत्परता से काम कर रही है।प्रदेश में 97 हजार निगरानी समिति कर रहीं स्क्रीनिंगहर ग्राम पंचायत में निगरानी समिति है। 97 हजार गांवों को केंद्र में रखते हुए निगरानी समिति स्क्रीनिंग का काम कर रही हैं। कोरोना के संक्रमितों व जिनको लक्षण हैं, उनको मेडिकल किट उपलब्ध कराई जा रही है। उनकी सूची इंटीग्रेटेड कोविड कंट्रोल सेंटर को भी भेजी जा रही है। कोरोना संक्रमितों को होम आइसोलेशन या फिर क्वारंटीन सेंटर में रेफर किया जाता है। प्रदेश में 1500 एंबुलेंस इसके लिए तैनात की है। 350 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस भी है, जिनका उपयोग किया जा रहा है।
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