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गाजियाबाद उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में घर जाकर कोरोना टीका लगाने वाले दोनों स्वास्थ्यकर्मियों को पुलिस ने पूछताछ के बाद छोड़ दिया। शिप्रा सनसिटी सोसायटी से इन्हें रविवार को पकड़ा गया था। 700 रुपये लेकर अवैध तरीके से टीका लगा रहे थे। शीशी में बची हुई वैक्सीन को निकालकर दोनों पूरी डोज तैयार करते थे। उसी डोज को 700 रुपये लेकर लोगों के घर जाकर लगाते थे।सीओ इंदिरापुरम अंशु जैन ने कहा, पूरा प्रकरण स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा है। उनके स्तर से ही इसमें जांच होनी है। स्वास्थ्य विभाग की सूचना पर हमारी टीम सहयोग के लिए रविवार को पहुंची थी। दोनों को उस वक्त हिरासत में लिया गया था। कुछ घंटे की पूछताछ के बाद दोनों को छोड़ दिया गया। स्वास्थ्य विभाग ने लिखित शिकायत नहीं दी है, जिसकी वजह से कार्रवाई नहीं की गई। अपर नगर मैजिस्ट्रेट विनय कुमार सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट बनाकर भेज दी है। आगे की कार्रवाई उनके स्तर से होनी है। स्थानीय पार्षद संजय सिंह ने कहा कि अवैध तरीके से कोरोना टीका लगाने के लिए 700 रुपये लेने की सूचना कई दिनों से मिल रही थी। जो रैकेट पकड़ा गया, उसमें स्वास्थ्य विभाग के ही कर्मचारी शामिल थे। अवैध तरीके से वैक्सीन लगाने वालों में महिला कर्मचारी का संबंध स्वास्थ्य विभाग से बताया जा रहा है। जांच के आदेश दिए गए हैं। गलती मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।डॉ. एनके गुप्ता, सीएमओ22 लोगों को लगा चुके हैं टीकासूत्रों के अनुसार, दोनों स्वास्थ्यकर्मी अब तक 22 लोगों को कोरोना का टीका अवैध तरीके से लगा चुके हैं। एक महीने से इस तरह से वैक्सीनेशन कर रहे थे। दूसरी सोसायटियों में भी टीका लगाने की बात सामने आई, लेकिन उसकी पुष्टि नहीं हो सकी। पकड़ी गई महिला स्वास्थ्यकर्मी की कनावनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अस्थायी कर्मचारी है। उसके साथ जो युवक पकड़ा गया था वह नोएडा के एक निजी लैब में काम करता है। महिला कर्मचारी को अभी मकनपुर गांव के सीएचसी में वैक्सीनेशन में लगाया गया है।सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है ऐसा टीका स्वास्थ्य विभाग में वैक्सीन एक्सपर्ट ने बताया कि एक शीशी में वैक्सीन की 10 डोज होती है। एक बार खोलने के बाद इन्हें 4 घंटे के अंदर खत्म करना होता है। कुछ विषम परिस्थितियों की वजह से 4 घंटे बीतने पर ऐसी वैक्सीन का इस्तेमाल नहीं किया जाता। हालांकि हर शीशी में वैक्सीन की कुछ ही डोज इस तरह से खराब होती है। महिला कर्मचारी इसी वैक्सीन को चुराती थी। फिर 700 रुपये लेकर लोगों के घर जाकर वैक्सीनेशन करती थी। इस तरह से टीका लगवाना सेहत के लिख खतरनाक हो सकता है। ऐसे में कभी भी वैध सेंटर के अलावा कहीं और से कोरोना टीका न लगवाएं।
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