त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए मतगणना रविवार को देर रात तक जारी रही। हालांकि ग्राम प्रधान के ज्यादातर परिणाम घोषित हो चुके हैं। इसके बावजूद सैकड़ों ग्राम पंचायतों का गठन नहीं हो पाएगा। ग्राम पंचायत सदस्य के 40 प्रतिशत से अधिक सीटों पर कोई दावेदार ही सामने नहीं आया है। इसकी वजह से 9555 से अधिक सीटें खाली रह जाएंगी। अब इन सीटों पर जून में उपचुनाव कराए जाने की बात कही जा रही है। इसके बाद ही प्रभावित ग्राम पंचायतों का गठन हो पाएगा।जिला पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य पद पर चुनाव लड़ने को लेकर ग्रामीणों में खास रुचि दिखी। इसका अनुमान इससे ही लगाया जा सकता है कि जिला पंचायत सदस्य के 84 सीट के लिए 1457 उम्मीदवार मैदार में रहे। वहीं ग्राम प्रधान के 1540 पदों में से मात्र आठ पर निर्विरोध निर्वाचन हुआ। क्षेत्र पंचायत सदस्य के 2086 में से 51 पदों पर निर्विरोध निर्वाचन हुआ लेकिन खाली एक भी सीट नहीं रही।इसके विपरीत ग्राम पंचायत सदस्य के 19820 में से साढ़े नौ हजार से अधिक पदों पर कोई नामांकन ही नहीं हुआ। जबकि, ग्राम पंचायत के गठन के लिए दो तिहाई सदस्यों का निर्वाचन अनिवार्य है। इस तरह ज्यादातर ग्राम पंचायतों में यह कोरम पूरा नहीं हो पाएगा। इसकी वजह से संबंधित ग्राम पंचायतों का गठन नहीं हो पाएगा। इतना ही नहीं विजयी प्रत्याशी शपथ भी नहीं ले पाएंगे। अफसरों का कहना है कि कोरोना के मद्देनजर परिस्थितियां सामान्य रहीं तो रिक्त पदों पर जून में चुनाव संभावित है। इसके बाद पंचायतों का गठन हो पाएगा।
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