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इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) में कोविड-19 के मद्देनजर इस बार समय से पूर्व ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित कर दिया गया है। इविवि एवं संघटक महाविद्यालयों में चार मई से गर्मी की छुट्टी शुरू होने जा रही है। विश्वविद्यालय अब पांच जुलाई को खुलेगा। हालांकि, इस दौरान परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। परीक्षाओं और रिजल्ट पर निर्णय लेने के लिए जल्द ही परीक्षा समिति की बैठक होगी।इविवि एवं संघटक महाविद्यालयों में हर साल 15 मई से ग्राष्मकालीन अवकाश होता है, लेकिन इस बार परिस्थितियां विपरीत हैं। विश्वविद्यालय एवं संघटक महाविद्यालयों शिक्षक एवं गैर शिक्षक वर्ग के कई सदस्यों के जीवन की क्षति कोविड से हुई है। ज्यादातर शिक्षक एवं कर्मचारी कोविड से जूझ रहे हैं। कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने शुक्रवार को सभी संकायों के डीन की एक ऑनलाइन बैठक की, जिसमें निर्णय लिया गया कि कोविड को ध्यान में रखते हुए इस बार चार मई से ग्रीष्मकालीन अवकाश होगा और विश्वविद्यालय पांच जुलाई को खुलेगा। हालांकि इस दौरान परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा। परीक्षा समिति की बैठक भी जल्द होगी, जिसमें परीक्षा और नतीजों से संबंधित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। इविवि प्रशासन के लिए मौजूदा एवं अगले सत्र का पटरी पर लाना सबसे बड़ी चुनौती होगी, लेकिन इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को परीक्षाओं का आयोजन समय से कराना होगा। इविवि में विषम सेमेस्टर की मुख्य परीक्षाएं और स्नातक द्वितीय एवं तृतीय वर्ष की बैक पेपर परीक्षाएं तीन अप्रैल से शुरू कराई गईं थी, लेकिन कोविड के कारण सात दिनों के बाद ही परीक्षाएं स्थगित कर दी गईं। 15 अप्रैल से स्नातक द्वितीय एवं तृतीय वर्ष की मुख्य परीक्षाएं प्रस्तावित थीं, जो शुरू ही नहीं कराई जा सकीं। इविवि प्रशासन की योजना था कि मई में पहले सेमेस्टर और स्नातक प्रथम वर्ष की परीक्षाएं भी करा दी जाएंगी, ताकि सभी परीक्षा का रिजल्ट जून तक जारी करते हुए जुलाई से नए सत्र की शुरुआत कर दी जाए, लेकिन मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए अब यह मुश्किल लग रहा है। फिलहाल निर्णय अब परीक्षा समिति को लेना है, जिसकी बैठक जल्द होने वाली है।
पीएचडी प्रवेश पर भी निर्णय अटका
इविवि एवं संघटक महाविद्यालयों में सत्र 2020 की संयुक्त शोध प्रवेश परीक्षा के तहत पीएचडी में प्रवेश की प्रक्रिया फंसी हुई है। कोविड के कारण विश्वविद्यालय लगातार बंद चल रहा है। ऐसे में पीएचडी प्रवेश के लिए आरक्षण रोस्टर को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन अब तक कोई निर्णय नहीं ले सका है। संयुक्त शोध प्रवेश परीक्षा में चयनित अभ्यथियों को प्रवेश के लिए फिलहाल इंतजार करना होगा।
विस्तार
इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) में कोविड-19 के मद्देनजर इस बार समय से पूर्व ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित कर दिया गया है। इविवि एवं संघटक महाविद्यालयों में चार मई से गर्मी की छुट्टी शुरू होने जा रही है। विश्वविद्यालय अब पांच जुलाई को खुलेगा। हालांकि, इस दौरान परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। परीक्षाओं और रिजल्ट पर निर्णय लेने के लिए जल्द ही परीक्षा समिति की बैठक होगी।
इविवि एवं संघटक महाविद्यालयों में हर साल 15 मई से ग्राष्मकालीन अवकाश होता है, लेकिन इस बार परिस्थितियां विपरीत हैं। विश्वविद्यालय एवं संघटक महाविद्यालयों शिक्षक एवं गैर शिक्षक वर्ग के कई सदस्यों के जीवन की क्षति कोविड से हुई है। ज्यादातर शिक्षक एवं कर्मचारी कोविड से जूझ रहे हैं। कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने शुक्रवार को सभी संकायों के डीन की एक ऑनलाइन बैठक की, जिसमें निर्णय लिया गया कि कोविड को ध्यान में रखते हुए इस बार चार मई से ग्रीष्मकालीन अवकाश होगा और विश्वविद्यालय पांच जुलाई को खुलेगा।
हालांकि इस दौरान परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा। परीक्षा समिति की बैठक भी जल्द होगी, जिसमें परीक्षा और नतीजों से संबंधित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। इविवि प्रशासन के लिए मौजूदा एवं अगले सत्र का पटरी पर लाना सबसे बड़ी चुनौती होगी, लेकिन इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को परीक्षाओं का आयोजन समय से कराना होगा। इविवि में विषम सेमेस्टर की मुख्य परीक्षाएं और स्नातक द्वितीय एवं तृतीय वर्ष की बैक पेपर परीक्षाएं तीन अप्रैल से शुरू कराई गईं थी, लेकिन कोविड के कारण सात दिनों के बाद ही परीक्षाएं स्थगित कर दी गईं।
15 अप्रैल से स्नातक द्वितीय एवं तृतीय वर्ष की मुख्य परीक्षाएं प्रस्तावित थीं, जो शुरू ही नहीं कराई जा सकीं। इविवि प्रशासन की योजना था कि मई में पहले सेमेस्टर और स्नातक प्रथम वर्ष की परीक्षाएं भी करा दी जाएंगी, ताकि सभी परीक्षा का रिजल्ट जून तक जारी करते हुए जुलाई से नए सत्र की शुरुआत कर दी जाए, लेकिन मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए अब यह मुश्किल लग रहा है। फिलहाल निर्णय अब परीक्षा समिति को लेना है, जिसकी बैठक जल्द होने वाली है।
पीएचडी प्रवेश पर भी निर्णय अटका
इविवि एवं संघटक महाविद्यालयों में सत्र 2020 की संयुक्त शोध प्रवेश परीक्षा के तहत पीएचडी में प्रवेश की प्रक्रिया फंसी हुई है। कोविड के कारण विश्वविद्यालय लगातार बंद चल रहा है। ऐसे में पीएचडी प्रवेश के लिए आरक्षण रोस्टर को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन अब तक कोई निर्णय नहीं ले सका है। संयुक्त शोध प्रवेश परीक्षा में चयनित अभ्यथियों को प्रवेश के लिए फिलहाल इंतजार करना होगा।
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